बालोद– छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के अंतर्गत नवीन राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रणाली के संबंध में एक दिवसीय ‘‘दिशा निर्देश एवं प्रशिक्षण सह कार्यशाला‘‘ का आयोजन 9 सितम्बर 2022 को जिला पंचायत संसाधन केन्द्र पाकुरभाट के सभाकक्ष में किया गया। प्रशिक्षण सह कार्यशाला में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रेणुका श्रीवास्तव ने बताया कि नवीन राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रणाली के द्वारा जिले के ग्राम पंचायतों में प्रतिस्पर्धा का माहौल विकसित होगा, जिसके लिए सभी पंचायत मिलकर प्रयास करेंगे। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सतत् विकास पुरस्कार एवं नानाजी देशमुख सर्वोत्तम पंचायत सतत् विकास पुरस्कार के दिशानिर्देशों से अवगत कराते हुए प्रतिभागियों को कहा कि वह अपने विभाग के अंतर्गत होने वाले सभी कार्यों की व्यवस्थित डाॅक्यूमेंटेशन करें तथा उल्लेखनीय कार्यों को पुरस्कार के लिए चिन्हांकित करते हुए ऑनलाईन एण्ट्री में आवश्यकतानुसार इसका इंद्राज करें। उन्होंने बताया कि इन पुरस्कारों का मुख्य उद्देश्य सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पंचायती राज संस्थानों को जागरूक करना है। इन पुरस्कारों के लिए 9 थीम निर्धारित है, जिनमें गरीबी मुक्त और बेहतर आजीविका वाले पंचायत, स्वस्थ पंचायत, बाल हितैषी पंचायत, पर्याप्त जल वाले पंचायत, स्वच्छ और हरित पंचायत, आत्मनिर्भर बुनियादी संरचना वाले पंचायत, सामाजिक रूप से संरक्षित पंचायत, सुशासन वाली पंचायत एवं महिला हितैषी/लैंगिक समानता पंचायत शामिल है। उप संचालक पंचायत आकाश सोनी ने बताया कि प्रशिक्षण में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, मनरेगा, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में पंचायती राज संस्थानों के विकास हेतु सतत् विकास के 17 लक्ष्यों पर आधारित 9 थीम पर प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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