September 17, 2024

कलेक्टर के निर्देश की अनदेखी, डीआईओ ने नही दिया शोकॉज नोटिस का जवाब, अब बीएमओ सहित डीआईओ के प्रभार से हटाने की तैयारी में सीएमएचओ, कड़ी कार्यवाही के संकेत भी

बालोद– चोरी से ऊपर से सीनाजोरी कहावत को इन दिनों बालोद में बैठे कुछ अधिकारी अमल पर ला रहे हैं। ऐसा ही कुछ वाक्या सामने आया है, जिला टीकाकरण अधिकारी का। जो अटैचमेंट की आड़ में शुरुआती दौर से ही मनमानी करते आ रहे हैं। बालोद बीएमओ सहित जिला टीकाकरण अधिकारी का प्रभार देख रहे डॉ. शिशिर सोनी ने कोविड-19 टीकाकरण महाभियान को पलीता लगाते हुए बिना अनुमति, बिना राज्य शासन के आदेश व बिना कलेक्टर व सीएमएचओ को संज्ञान में लाये 60 हजार वैक्सीन की डोज़ महासमुंद जिला भेज दी। मामले की जानकारी जैसे ही सीएमएचओ को हुई, उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी कलेक्टर को दी। जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ ने उक्त कृत्य को घोर लापरवाही व सिविल सेवा आचरण के तहत विपरीत मानते हुए डॉ. शिशिर सोनी को 24 घँटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने शोकॉज नोटिस जारी किया। नोटिस का जवाब देने के बजाय डॉ. सोनी ने बालोद बीएमओ सहित डीआईओ के पद से हटाने और मुलपदस्थापना गुंडरदेही में पदस्थ करने सीएमएचओ को आवेंदन दिया। अब चूंकि कलेक्टर के निर्देश की अनदेखी करते हुए डॉ. सोनी ने नोटिस का जवाब नही दिया है तो सीएमएचओ द्वारा एकतरफा कार्यवाही की जा रही हैं। पद से हटाने के साथ ही डॉ. सोनी को निलंबन करने जेडी को पत्र लिखा जाएगा। आपको बता दे कि डॉ. शिशिर सोनी का हमेशा विवादों में ही नाता रहा हैं। कभी फर्जी वैक्सीनेशन का मामला हो या फर्जी वैक्सीन सर्टिफिकेट का हो या फिर सेनेटाइजर घोटाला का हो या फिर वैक्सीनेशन के गलत आंकड़े दर्शाना हो या फिर मनमर्जी से वैक्सीन की डोज़ को अन्य जिले भेजना हो। किसी न किसी मामले को लेकर डॉ. सोनी का विवादों से नाता रहा ही हैं। लेकिन कोविड-19 टीकाकरण के महाभियान में पलीता लगाने के मामले में कलेक्टर के कड़े रुख को देखते हुए डॉ. सोनी के ऊपर कड़ी कार्यवाही के संकेत नज़र आने लगे हैं। सीएमएचओ की माने तो डॉ. सोनी को बालोंद बीएमओ सहित डीआईओ से हटाने प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, फिर आगे की कार्यवाही के लिए जेडी को पत्र लिखा जाएगा।

शासन-प्रशासन की मंशा पर पानी फेर रहे जिला टीकाकरण अधिकारी-
कोविड-19 की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए टीकाकरण किया जा रहा है। ऐसे में लापरवाही और मनमानी करके जिला टीकाकरण अधिकारी ने शासन-प्रशासन की मंशा पर पानी फेरा हैं। जिसके बाद डॉ. शिशिर सोनी पर कड़ी कार्यवाही की मांग उठने लगी है। यह पहला मौका नहीं है, जब बालोद खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिशिर सोनी चर्चा में हैं। कई बार विवादों में रह चुके हैं। कभी अटैचमेंट को लेकर तो के कभी अन्य किसी पद का अधिकारी बनाए जाने को लेकर। हमेशा सवाल उठते रहे है। बताया जाता है कि डॉ. सोनी की मूल पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुंडरदेही की है, बावजूद इसके एप्रोच के दम पर लंबे समय से एक ही जगह जिला मुख्यालय में अटैचमेंट पर है।

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