बालोद- सबसे पहली प्राथमिकता लोगों की बुनियादी समस्याएं हल करने की हैं। इसके लिए लोगों को कार्यालयों तक न आना पड़े, आपका अमला उन तक पहुंचे और समस्याओं के निराकरण की प्रभावी कार्रवाई हो। दुर्ग संभाग के कलेक्टरों को यह निर्देश संभागायुक्त महादेव कावरे ने दिये। कावरे ने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय के स्पष्ट निर्देश हैं कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में लोगों को कम समय में उपयोगितापूर्ण सुविधाएं मिल सकें। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से शिविर लगाए जाएं। दो वर्ष से अधिक समय के प्रकरणों को हर दिन सुनवाई कर निराकृत किया जाए। जिन प्रकरणों में विलंब हुआ है उसके कारण भी लिखे जाए ताकि लापरवाही होने पर संबंधित पर कार्रवाई की जा सके। रेवेन्यू कोर्ट के आदेशों के तय समयसीमा में अनुपालन सुनिश्चित करें। संभागायुक्त ने लोक सेवा गांरटी के प्रकरणों को भी समय पर हल करने कहा। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्या सुनने के लिए फील्ड विजिट ज्यादा से ज्यादा करें।
पटवारी कार्यालयों का निरीक्षण हो-
संभायुक्त दुर्ग द्वारा पटवारी कार्यालय के निरीक्षण का निर्देश सभी कलेक्टर को दिया।
जिला बदर के प्रकरण का निर्णय हो-
सभी जिला दंडाधिकारियों को जिला बदर के प्रकरणों का निर्णय करने के निर्देश दिया।
स्कूल में जाति प्रमाणपत्र के लिए शिविर लगावें-
सभी कलेक्टर को निर्देशित किया गया कि स्कूलों में जाति प्रमाणपत्र के लिए शिविर लगाने के निर्देश दिया।
अरहर, उडद और मूंग के समर्थन मूल्य पर ख़रीदी की तैयारी करने निर्देश-
खरीफ 2022-23 हेतु उडद 6 हजार 600 प्रति क्विंटल, मूंग 7 हजार 755 प्रति क्विंटल, को 17 अक्टूबर से 16 दिसंबर 2022 तक और अरहर 6 हजार 600 प्रति क्विंटल 13 मार्च 2023 से 12 मार्च 2023 तक ख़रीदी हेतु तैयारी करने सभी कलेक्टर को निर्देशित किया गया। बैठक में दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा, राजनांदगांव कलेक्टर डोमन सिंह, कवर्धा कलेक्टर जनमेजय महोबे, बालोद कलेक्टर गौरव सिंह, बेमेतरा कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, ओएसडी मोहला मानपुर एस जयवर्धन, खैरागढ़ ओएसडी जगदीश सोनकर मौजूद रहे। संभागायुक्त कार्यालय से उपायुक्त विकास अजय मिश्रा एवं उपायुक्त राजस्व अवधराम टंडन भी बैठक में उपस्थित रहे। इसके साथ ही जिला पंचायत दुर्ग सीईओ अश्विनी देवांगन, राजनांदगांव सीईओ गजेंद्र ठाकुर, कवर्धा सीईओ शसंदीप अग्रवाल, बालोद सीईओ डा. रेणुका श्रीवास्तव, बेमेतरा सीईओ श्रीमती लीना कमलेश मंडावी मौजूद रहे।
खाद की उपलब्धता और फसल बीमा से संबंधित शिकायतों का करें निवारण-
संभागायुक्त ने खाद की स्थिति के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि डीएपी की कमी की स्थिति में इसके वैकल्पिक खाद के उपयोग के संबंध में किसानों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि कृषि अधिकारी और उनका अमला खेती किसानी के समय में निरंतर किसानों से मिलकर शासन स्तर से आ रही सूचनाओं से उन्हें अद्यतन करें। साथ ही फसल बीमा से संबंधित जिन किसानों की समस्याएं आई हैं उन्हें प्राथमिकता से निराकृत करें। उन्होंने धान के बदले अन्य फसल लेने के लिए भी किसानों को प्रेरित करने के संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी ली। संभागायुक्त ने कहा कि गिरदावरी का कार्य बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसे करने के दौरान विशेष सावधानी रखें और मार्गदर्शन के मुताबिक नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
सी-मार्ट में उपलब्ध कराएं विशेष सामग्री-
संभागायुक्त ने कहा कि सी-मार्ट में स्थानीय स्तर पर गौठानों में उत्पन्न की गई सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। दुर्ग संभाग के जिलों में नवाचारी सामग्री बन रही है और अमूमन इनका विक्रय वहीं पर ही हो रहा है। इसे सभी जिलों में उपलब्ध कराया जाए तो अच्छा होगा। उदाहरण के लिए जशपुर की चाय काफी लोकप्रिय हो गई है। इसे सीमार्ट में भी उपलब्ध कराएं तो इसकी काफी बिक्री हो सकती है।
फ्लैगशिप योजनाओं पर फोकस करें- संभागायुक्त ने फ्लैगशिप योजनाओं पर फोकस करने कहा। उन्होंने गोधन न्याय योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर निर्देश दिये। साथ ही स्वामी आत्मानंद स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्टर और मैनपावर की उपलब्धता की दिशा में प्रभावी काम करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी और स्कूलों की इमारतों में किसी तरह की दिक्कत न हो। कोरोना को लेकर प्रिकाशन डोज पर कार्य करते रहें। उन्होंने कहा कि संभागीय स्तर के अधिकारी जब भी जिले में दौरा करें तो कलेक्टर से जरूर मिलें ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन और बेहतर तरीके से हो सके।
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