सड़कों पर दिखा आस्था का सैलाब सभी धर्मों के लोग मिलकर खींचे रथ
किरंदुल-लौहनगरी किरन्दुल में शुक्रवार को राघव मंदिर से गाजे बाजे के साथ जब जय जगन्नाथ के नारे के साथ भगवान जगन्नाथ बलभद्र एवं देवी सुभद्रा की रथ निकला तो हर तरफ भगवान जगन्नाथ के जयकारों से नगर गुंजायमान हुआ,श्री राघव मंदिर के सामने रथ का विधि विधान के साथ जगन्नाथ पूरीे एवं उड़ीसा से आए पांडा ने पूजा अर्चना करने के बाद शाम 4 बजे रथ संचालन राम मंदिर से शुरू किया गया। सोने की झाड़ू से झाड़ू मारने की परंपरा “छेड़ा पहँरा” एनएमडीसी अधिशासी निदेशक आर गोविंदराजन ने पूरी की।यात्रा में हजारों श्रद्धालु किरंदुल दंतेवाड़ा,गीदम,नकुलनार,भांसी, बचेली,पालनार से पहुँचे।भगवान का जगह-जगह फूलों से स्वागत हुआ। रथयात्रा जिधर से गुजरी उधर ही भक्त जुड़ते गए।
नगर की मतुया सम्प्रदाय,नर नारायण सेवा संघ,जगन्नाथ सेवा समिति के भक्त ढोल-नगाड़ों के साथ ठाकुर भले बिराजो जी,उड़ीसा जगन्नाथ पुरी और छोटी-छोटी गइया, छोटे-छोटे हाथ जैसे भजनों पर भक्त जमकर झूमे।
इस दौरान रथ यात्रा को देखने और उसे छूकर आशीर्वाद लेने की होड़ मची रही। भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए उन सभी रास्ते पर लोग शाम से ही लाइन लगाकर खड़े हो गए जहाँ से रथ गुजरा। भक्तो के लिए जगह जगह पानी टैंकर,प्रसाद की व्यवस्था रखा गया।श्री राघव मंदिर से प्रारभ होकर रथ अम्बेडकर पार्क,शापिंग सेंटर,बैंक चौक,पेट्रोल पम्प होते हुए शाम सात बजे फुटबॉल ग्राउंड उत्कल समाज भवन में स्थित मौसी के घर गुंडिचा मंदिर में पंहुचा। अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की समापन पर खिचड़ी प्रसाद बाटी गई।
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