October 8, 2024

हसदेव अरण्य बचाने के लिए बिलासपुर की सामाजिक कार्यकर्ता भारती मोदी ने कविताओं के माध्यम से व्यक्त की अपनी भावनाएं

राष्ट्रीय स्तर पर हसदेव अरण्य बचाने चल रहा बृहद रूप से जन जागरूकता अभियान

छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी विभिन्न संस्थाओं ने लिखा पत्र

सक्ति-हसदेव अरण्य को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जहां एक विशेष जन जागरूकता अभियान की शुरुआत हुई है, तो वही बिलासपुर की सामाजिक कार्यकर्ता एवं वत्सला एक सोच की डायरेक्टर भारती हेमंत मोदी ने भी कविताओं की पंक्तियों के माध्यम से हसदेव अरण्य को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्ति हैं, तथा भारती मोदी ने कहा है कि–आज प्रकृति ही हमारी पूंजी है, हमारा धन है, तथा प्रकृति को बचाने एवं उसे संरक्षित करने की दिशा में हम सभी को संयुक्त रूप से मिलजुल कर आगे आना होगा, भारती मोदी कहती हैं कि

“हसदेव कि पुकार सुनो तुम”

मत काटो मुझको, मै भी एक माँ हूं,मै सिर्फ देना जानती हु, लेना तुमसे कुछ नही,अपना पोषण खुद करती हु,पंछियों को आश्रय देती हु,ना जाने कितने पंछियों का आसरा हु,उनके बच्चो की दादी–नानी हु,है तुम्हारे भी तो बच्चे खेलते मेरे पास में, कभी तुम भी तो खेले होगे मेरी छाव में,उन आदिवासियों ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा,जिनसे तुम्हारा कोई वास्ता नहीं,नही तुम्हारी दुनिया में आते वो,उन्हें तुमसे कुछ मांगना आता नही,ये जंगल ही उनके जीवन का आसरा है,मत उनका घर उजाडो तुम,ये तो बताओ कि आने वाली पीढ़ी को, तुम क्या देके जाओगे,
जब जंगल ही नही रहेंगे,
ताजी हवा कहां से पाओगे,
क्यों बीमारी दे रहे हो अपनी आने वाली पीढ़ी को,उनका भी हक है खुली हवा में जीने का,उनका हक छीनो तुम,हसदेव के जंगल यही पुकार रहे,इस मातृत्व दिवस यही मांग रहे,मत अपनी माँ को काटो तुम,मत अपनी माँ को काटो तुम।।

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