May 19, 2024

प्रहलादराय जी के जाने से नगर क्षेत्र में शोक की लहर

सक्ति- बिलासपुर अंचल के प्रख्यात समाजसेवी चंद्रपुर के प्रह्लाद अग्रवाल नही रहे। 10 सितंबर 1935 को जन्मे अग्रवाल ने 28/10/2021 को रात्रि में सहदेवपाली (रायगढ़ साल्वेंट) स्थित अपने निवास में अंतिम सांस ली,28 अक्टूबर की देर रात यह खबर जैसे ही देर रात सोशल मीडिया आदि से फैली उनके जानने चाहने वालो में शोक की लहर फैल गयी। रात से ही लोग उनके सहदेवपाली स्थित निवास पहुच उनके अंतिम दर्शन कर शोक संतप्त परिवार के साथ खड़े होने लगे। वही चंद्रपुर नगर क्षेत्र की दुकान आदि प्रतिष्ठान भी स्वस्फूर्त बन्द रहे। सैकड़ो लोगो के काफिले साथ 29 अक्टूबर दोपहर उनका पार्थिव शरीर सहदेवपाली (रायगढ़) से जन्म – कर्म भूमि चंद्रपुर के लिये रवाना हुआ। उनके पार्थिव शरीर को चंद्रपुर राइसमिल से होकर नगर भ्रमण करा निजी बगीचा में उनकी धर्मपत्नी के  उनके पार्थिव शरीर को उनके बड़े बेटे ने मुखाग्नि दी। पूरा नगर ही नही पूरे अंचल संग उनके जानने चाहने वालो ने उन्हें नम आंखों से श्रधांजलि दी, प्रमुख सामाजिक संगठनों, राजनीतिक, धार्मिक मंच ने उनके निधन पर शोक जताया एवं उनका चले जाना नगर – क्षेत्र, अंचल की अपूर्णीय क्षति कहा,अंतिम यात्रा में सभी वर्ग, समाज और राजनीति से जुड़े लोग सम्मिलित हुए जिनमे सांसद गुहाराम अजगल्ले, पूर्व मंत्री म.प्र. शासन नोवेल कुमार वर्मा, सदस्य बीज निगम छ. ग. शासन दिलीप पाण्डेय, जिलाध्यक्ष भाजपा जांजगीर- कृष्णकांत चन्द्रा, अशोक तोता, बजरंग अग्रवाल, अनूप रतेरिया, नंदकिशोर अग्रवाल समेत हजारो लोग सम्मिलित इस दौरान श्रद्धांजलि सभा में अपने शोक संदेश में सांसद अजगळे ने प्रहलादराय जी के कार्यो को सराहा और उनके देहांत को पूरे समाज की क्षति बताया,सभी ने शोक सन्तप्त परिवार को ढांढस बंधाया एवं समाज हित, जन हित मे सदैव उनके बताये मार्ग पर चलने का आग्रह किया,उनके कर्मपथ को संक्षेप में देखे तो नजर आता है,हमे उनका सम्पूर्ण जीवन काल बहुद्देशीय सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक ढ़ाचे में बंधा हुआ एक बहुआयामी व्यक्तित्व ! उनके पुरुषार्थ और इस अंचल के विकास में उनके योगदान के स्मरण मात्र से रोमांच हो आता है। प्रहलाद राय जी ने 1995 में न्यास निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अंचल के चंद्रहासिनी मन्दिर को देश – प्रदेश में एक अलग पहचान दिलाई। वर्तमान में न्यास का विस्तृत एवं विभिन्न सरोकारों को निभाता सामाजिक स्वरूप उनकी दूरदर्शिता एवं धर्म, समाज के प्रति उनके समर्पण का ही परिणाम है। चंद्रहासिनी देवी मंदिर सार्वजनिक न्यास” के संरक्षक” होने के साथ साथ वे अग्रसेन भवन निर्माण, प्रसूति भवन निर्माण (वर्तमान में कन्या विवाह भवन) , मुक्तिधाम का उन्नयन, शा. उ. मा. विद्यालय निर्माण, गायत्री चेतना केंद्र का निर्माण, सरस्वती शिशु मंदिर निर्माण संग अनेकानेक संस्थाओ एवं समाजसेवी संघटनो के मार्गदर्शक – संरक्षक होने साथ अपनी जनसहयोग संग अपनी सहभागिता निभाते रहे,श्री प्रह्लाद राय अग्रवाल जी के चले जाने से अंचल के सामाजिक, धार्मिक ढांचे का आधार एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ ढह गया। उनके किये, कराये गये कार्य का लाभ आने वाली पीढ़ी ले रही और आगे भी समाज की रीढ़ के रूप में स्थापित रहेगा,ऐसे अपने प्रिय को खो पूरा अंचल स्तब्ध है, उनके किये कार्य, विचार समाज को हमेसा एक सही दिशा और दिशा देते रहेंगे।

प्रहलाद राय अग्रवाल के अंतिम संस्कार में जांजगीर-चांपा जिले सहित रायगढ़ जिला,कोरबा जिला एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से लोग शामिल हुए तथा विभिन्न स्वयंसेवी, सामाजिक, व्यापारिक,धार्मिक, राजनीतिक संगठनों के लोगों ने इस अवसर पर उपस्थित होकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की तथा प्रहलाद राय अग्रवाल जी के परिवारजनों के समक्ष अपनी संवेदनाएं व्यक्त की

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