कर्नाटक के मैसूर की प्रसिद्ध रचनाकार उषा केडिया ने करवा चौथ पर प्रस्तुत की अपनी पंक्तियां
सक्ति-देश के प्रतिष्ठित क्रिएटिविटी कैफे की डायरेक्टर, अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन सांस्कृतिक कार्यक्रम की राष्ट्रीय संयोजक तथा अग्र ज्योति संपादक उषा केडिया मैसूर कर्नाटक ने 24 अक्टूबर को करवा चौथ के पर्व पर अपनी पंक्तियों के माध्यम से अपना भाव प्रकट किया है
तथा उषा केडिया ने कहा है कि करवा चौथ का पर्व एवं मातृशक्ति के लिए एक बड़ा पर्व होता है, तथा उषा केडिया ने इस पर्व की सभी मातृशक्ति को शुभकामनाएं भी प्रेषित करते हुए कहा है कि करवा चौथ
मिले हम इस जहाँ में अब तू ही मेरा जहाँ है
तुम संग ही मुकम्मल मेरा जहाँ है!
बन जीवन साथी तुम आए मेरे जीवन में,
बन हमराही चलते हो संग संग में!
लड़खड़ाते जब क़दम दामन थाम लेते हो,
दबे पाँव की आहट जाने कैसे पहचान लेते हो!
शिकवे शिकायत की चलती भीनी- भीनी नोक झोक़ है,
लगती पायल की रुनझुन आवाज़ है!
कभी रांझा,कभी मजनूँ, कभी सीरी हो,
तुम ही तो मेरे जीवन संगीत हो!
चाँद के संग चाँदनी आयी,
आज फिर करवा चौथ आयी!
करे सुहागन पूजन तेरा अमर रहे सुहाग मेरा,
जनम जनम बना रहे साथ हमारा !
हर साल यूँ ही करवा चौथ माता तू आना,
हर घर में ख़ुशहाली तुम दे जाना!
उषा जैन केडिया मैसूर कर्नाटक
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