देवी-देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना कर नया चावल का लगाया भोग
गरियाबंद@thethinkmedia.com
मैनपुर देवभोग क्षेत्र में शनिवार को नवाखाई पर्व धुमधाम के साथ मनाया। देवी देवताओं की विशेष पुजा अर्चना कर नया चावल का लगाया भोग। नवाखाई पर्व में नवा जोहार और बडे बूजुर्गो का लिया आशीर्वाद। विधायक डमरूधर पुजारी और जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर ने दिया नवाखाई पर्व की बधाई। बिन्द्रानवागढ विधानसभा क्षेत्र के मैनपुर देवभोग विकासखण्ड के सैकडो ग्रामो में शनिवार को नवाखाई का पर्व परम्परा अनुसार धुमधाम के साथ मनाया गया और इस क्षेत्र में नवाखाई पर्व का एक विशेष महत्व है, नया फसल की नया चावल निकालकर देवी देवताओं की विशेष पुजा अर्चना कर उन्हे भोग चढाया जाता है, और नवाखाई का पर्व मनाया जाता है, नवाखाई पर्व को लेकर क्षेत्र में भारी उत्साह देखने को मिला और गांव गांव मे नवाखाई के बाद नवा जोहार भेंट किया गया तथा अपने से बडे बूजूर्गो का पैर छुकर आशीर्वाद लिया इसका एक अलग महत्व है।
विधायक डमरूधर पुजारी ने नवाखाई पर्व की दी बधाई
बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक डमरूधर पुजारी पुरे क्षेत्र के लेागो को नवाखाई पर्व की बधाई दी और नवाखाई पूर्व उत्साह तथा परम्परा अनुसार मनाने की अपील किया, उन्होने कहा कि नवाखाई पर्व हमारा महत्वपूर्ण पर्व है, नवाखाई पर्व में पूरे परिवार समाज के लोग एक-दूसरे से मेल मुलाकात करते है, बड़ों से आशीर्वाद लेते है उन्होने क्षेत्र में सुख शांति समृध्दि और खुशहाली की कामना नवाखाई पर्व पर किया।
जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर ने भी नवाखाई पर्व दी बधाई…
जिला पंचायत गरियाबंद के अध्यक्ष स्मृति ठाकुर ने पुरे क्षेत्र के लोगो को नवाखाई पर्व की बधाई दी और कहा कि नवाखाई पर्व से हम सब को आपस में मिलजुलकर रहने का संदेश देता है, उन्होने नवाखाई पर्व क्षेत्र की जनता को बधाई दी है।
कुलदेवी को नवा चांवल का भोग लगाकर मनाया गया नवाखाई पर्व
ज्ञात हो कि ओडिसा क्षेत्र से लगे होने के कारण क्षेत्र के कई ग्रामो में ओडिसा संस्कृति और रहन सहन मे नवाखाई का प्रसिद्ध त्यौहार मनाया जाता है इस बीच मैनपुर देवभोग अंचल छत्तीसगढ़ के निवासी सातपारा गोहरापदर, भेजीपदर, चलनापदर, नयापारा, धुर्वापथरा, केकराजोर, पोडपारा, खोखमा, फरसरा, सिहारलटी, बुरजाबहाल, धारनीधोडा, झरगांव, तेतलखुटी, गुरजीभाठा, धोबनमाल, मदागंमुडा, सरईपानी, गुढियारी, उसरीजोर, घुमरापदर, चिखली, खरीपत्थरा, दाबरी गुडा, मुडग़ेलमाल, कुहीमाल, मुड़ागांव, अमलीपदर, कोदाभाठा, चलनापदर व क्षेत्र के कई ग्रामों में नया फसल व नया चावल का भोग देवी देवताओं कुलदेवी तथा अपने पूर्वर्जों को अर्पित कर पूरे परिवार जन एक साथ नवाखाई का पर्व मनाया। इस अवसर पर ग्राम काण्डेकेला में भी धूमधाम से नवाखाई पर्व मनाया गया और ग्रामवासियों ने नवाखाई जोहार-मिलन कर एक-दूसरे को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
कुरे पत्ता और नया धान का विशेष महत्व
नवाखाई पर्व पर कुरे पत्ता और नए धान का विशेष महत्व रहता है, पर्व के दिन कुरे पत्ते का दोना बनाकर पूजा-अर्चना की जाती है और नए अन्न का प्रसाद कुरे पत्ते पर ही ग्रहण किया जाता है, पर्व के दिन परिवार के सभी सदस्य नए उपजे अन्न का भोग लगाकर एक साथ ग्रहण करते हैं, इसके बाद घर के सभी छोटे सदस्य बड़ों को “नुआखाई जुहार” अर्थात प्रणाम करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
नई हंडी में बनाया जाता प्रसाद
देवी माता को भोग मिट्टी की नई हाडी में बनाया जाता है, प्रसाद में चूड़ा, गुड़ व नए धान का प्रयोग किया जाता है, पूजा के दौरान मंदिर में ओडि़शा का पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल, लीसान, मुहरी व झाझर मैनपुर देवभोग मे भी बजाया जाता है, नवाखाई के मौके पर घरों में अरसा, बडा और चकेल पीठा विशेष पारम्परिक पकवान बनाया जाता है। नवाखाई के मौके पर समाज के लोग एक माह पहले से ही घरों की साफ-सफाई शुरू कर देते हैं, पर्व के दिन जुहार भेंट कर बड़े बुजुर्गो को आशीर्वाद लिया जाता है, इस दिन लोग आपसी मन मुटाव को भूलकर एक-दूसरे से मिलते हैं। नवाखाई के मौके पर क्षेत्र के लोग खेत-खलिहान की पूजा करते हैं, पूर्वजों को नया अन्न अर्पित करने के बाद सभी एक साथ बैठकर नया अन्न ग्रहण करते हैं, पर्व के मौके पर सभी घरों में विशेष पकवान बनाए जाते हैं, लोग एक-दूसरे के घर जाकर शुभकामनाएं देते हैं, तथा नया कपडा के साथ दुर दराज से भी परिवार के सदस्य नवाखाई पर्व मनाने के लिए पंहुचते है।
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