February 8, 2025

रॉन्ग नंबर का सिला मौत : मानसी के रॉन्ग नंबर के बाद संजीव जैन से बढ़े थे ताल्लुकात, 8 साल में दो करोड़ रुपए गंवाने की बाद की थी आत्महत्या

राजनांदगांव@thethinkmedia.com

एक रॉन्ग नंबर से शुरु हुआ पहचान का सिलसिला ठेकेदार संजीव जैन की मौत का कारण बन गया। शनिवार को पुलिस ने एक माह पुराने आत्महत्या के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर इस मामले का खुलासा किया। जैन से तकरीबन दो करोड़ रुपए की रकम ऐंठने वाली महिला और उसके पति को बसंतपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं इसी मामले में आरोपी महिला का देवर अब भी फरार है।
पुलिस ने खुलासा किया कि मेरठ में रहने वाली महिला मानसी यादव (40) और उसके पति ललित सिंह (43), देवर कौशल सिंह ने साजिश रचकर लगातार आठ साल तक संजीव जैन से कई बार उगाही की। जैन से उन्होंने इतनी रकम वसूल ली थी कि वे बड़े कर्ज तले दब गए थे। इसके चलते ही उन्होंने 10 अगस्त को अपने नंदई चौक स्थित निवास में आत्महत्या कर ली थी।
आरोपी महिला को पुलिस ने रायपुर के गुढिय़ारी स्थित उसके मायके से गिरफ्तार किया है। एएसपी प्रज्ञा मेश्राम ने बताया कि महिला तीजा मनाने अपने मायके आई हुई थी। जबकि पुलिस की कई टीम उसकी तलाश में मेरठ, दिल्ली और रायपुर की खाक छान रही थी। इसी बीच जानकारी मिलने पर पुलिस ने उसे गिरफ्त में लिया। उसके पति ललित सिंह को रायपुर के रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। वो अपनी पत्नी को लेने यहां आया हुआ था।
पुलिस ने खुलासा किया कि मानसी का मेरठ निवासी पति ललित सिंह 8वीं बटालियन में 3 साल आरक्षक रहा है। वो राजनांदगांव में ही था। इसके बाद उसने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। बताया गया कि आरोपी ललित अपनी जान-पहचान को लेकर धौंस जमाता था।
संजीव जैन ने अलग-अलग व्यक्तियों के लिए 5 सुसाईडल नोट छोड़े थे। इसमें उनके भाई विनय कुमार जैन, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, मित्र उत्तम चौरडिय़ा, नगर पालिक निगम के ईई दीपक जोशी के नाम शामिल थे। अपने भाई को लिखे पत्र में संजीव जैन ने कुछ लोगों के नाम का उल्लेख करते हुए उनके द्वारा रकम ऐंठे जाने की जानकारी दी थी। यही पत्र पुलिस की जांच का आधार बना। पुलिस ने तफ्तीश शुरु की तो एक महिला और कुछ व्यक्तियों के नाम सामने आए। जानकारी मिली की उक्त महिला से संजीव जैन के अवैध संबंध थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 306, 34 के तहत मामला दर्ज किया है।

रॉन्ग नंबर से शुरु हुआ सिलसिला

पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि उक्त 8 साल पहले मानसी यादव का संपर्क रॉन्ग नंबर लगने पर संजीव जैन से हुआ। इसके बाद दोनों के बीच बात बढ़ी और मुलाकात भी। वो कई बार राजनांदगांव भी आई। जैन उससे राजनांदगांव, रायपुर और मेरठ सहित कई जगहों पर मिले थे। मानसी मूलत: रायपुर के गुढिय़ारी की रहने वाली है। उसकी शादी मेरठ के ललित सिंह से हुई थी। मानसी को जैसे ही संजीव के संपन्न होने का पता चला उसने कई बहानों से जैन से रकम ऐंठने शुरु की।

अकेले मानसी के खाते में एक करोड़ 77 लाख

पुलिस ने बताया कि आरोपी मानसी यादव ही वो पहला नाम था जो जांच में सबसे पहले सामने आया। संजीव जैन के बैंक खातों की जांच में सामने आया कि अकेले मानसी के ही खातों में एक करोड़ 77 लाख रुपए के ट्रांजेक्शन हुए थे। बताया गया कि महिला ने घर खरीदीने, नौकरी लगवाने, गाड़ी खरीदने और ऐसे ही कई बहानों से पैसे ऐंठे थे। जैन से मिले पैसे से आरोपी ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहे थे। लेकिन जांच में पता चला है कि आरोपी अब किराए के मकान में रहते हैं और उनके पास कोई संपत्ति नहीं है। आरोपी महिला के पति ने जुआ, सट्टा और अपनी लतों में सारा पैसा उड़ा दिया।

बैंक अधिकारी बनकर पति और देवर ने की उगाही

संजीव जैन ने जब रकम वापसी का दबाव बनाया तो आरोपियों ने बैंक लोन लेकर रकम लौटाने की बात कही। लेकिन वे इस ऐवज में भी जैन से रकम की ऐंठते रहे। पुलिस ने बताया कि आरोपी ललित सिंह और कौशल सिंह ने फर्जी बैंक अधिकारी बनकर जैन से बात की और लोन के प्रोसेसिंग फीस और अन्य कार्रवाईयों के लिए रकम ऐंठ ली। बताया जाता है कि अपनी रकम वापसी के लिए जैन आरोपी महिला को बैंक फाईनेंस के लिए मदद कर रहे थे। वे इस दौरान एक महिना मेरठ में भी रहे थे।

जांच जारी, कईयों से पैसे ऐंठे

एएसपी प्रज्ञा मेश्राम ने बताया कि पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी मानसी यादव सोशल मीडिया के माध्यम से कई लोगों के संपर्क में थी। बताया गया कि उसने कई लोगों को अपने जाल में फंसा कर उनसे रकम ऐंठी है। उक्त महिला खुद को गरीब और जरुरतमंद बताकर लोगों से पैसे की मांग करती थी। लोग उसके झांसे में आकर रकम दे भी देते थे। पुलिस इन मामलों में भी जांच आगे बढ़ाने वाली है।

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