कार्पोरेट घरानों के पक्ष में श्रम कानूनों में संशोधन का आरोप
पायनियर संवाददाता-बलौदाबाजार
सभी केन्द्रीय श्रम संगठनों के संयुक्त मंच के आव्हान पर भारत सरकार की श्रम विरोधी, किसान विरोधी तथा जन विरोधी नीतियों के खिलाफ देश के समस्त श्रम संगठन 07 सूत्रीय मांगों के लिये एक दिवसीय राष्ट्रीय हड़ताल किया । भारत सरकार द्वारा कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में श्रम कानूनों में संशोधन कर ट्रेड यूनियन के अधिकारों को खत्म किया जा रहा है।
सरकार ने ट्रेड यूनियन बनाने, हड़ताल का विरोध जताने वालों की छटनी हेतु खुली छूट देने के प्रावधान का संशोधन लाकर वर्किंग क्लास के अधिकार व सम्मान पर चोट पहुॅंचाने का कार्य किया हैं । साथ ही सार्वजनिक उपक्रम जैसे रेलवे, एयरपोर्ट, बी.एस.एन.एल, सहित सभी सार्वजनिक सेवा संस्थाओं का निजीकरण करने की तैयारी पूर्ण की हैं । बैंकों का निजीकरण करने के लिये भी सरकार ने तैयारी प्रारंभ कर दी हैं । अखबारों में भी यह खबर सुर्खियों में हैं कि सरकार बैंक ऑफ इंडिया, सेट्रॉल बैंक आफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र सहित 06 बैंकों का निजीकरण करने जा रही हैं । इस प्रकार से जन सेवाओं हेतु स्थापित संस्थाओं का निजीकरण किया जाना देशहित में उचित नहीं है। वह दिन दूर नहीं जब सरकार ग्रामीण बैंको का भी निजीकरण कर देगी । जिसका प्रभाव भविष्य में मजदूर वर्ग, किसान वर्ग के साथ साथ नौकरी पेशा वाले वर्गो पर भी पड़ेगा । आज ऐसे समस्त लोगों के अस्तित्व की रक्षा हेतु भारत सरकार की श्रम नीतियों का खुलकर विरोध करने के लिये हड़ताल/प्रदर्शन भारत सरकार को चेताने के लिये किया जा रहा हैं । जिसमें हमारे छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के अधिकारी व कर्मचारियों ने अपने प्रधान कार्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालय में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपकर विरोध किया जिसके फलस्वरूप हमारे छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की समस्त शाखाएंॅ बंद रहीं । ज्ञापन बैंक के अध्यक्ष आई.के.गोहिल को संगठन के अध्यक्ष श्री एल. सामंतराय एवं केन्द्रीय कार्यकारणी के सदस्य आर.एस.ठाकुर एवं रौनक त्रिपाठी द्वारा सौपा गया । इस अवसर पर अंकित राजपूत, जोगेश्वर सिंह, सुधीर शर्मा, अभिलाष अवस्थी एवं रूबी सुल्तान सहित भारी संख्या में संगठन के सदस्य उपस्थित थें ।
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