देर से खरीदारी होने के कारण ग्रामीण इलाकों में कोचिए सक्रिय, औने-पौने दाम में कर रहे खरीदी
पायनियर संवाददाता .मुंगेली
बदलते मौसम के मिजाज ने डाली किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें, पिछली बार की तरह इस बार भी बदलते मौसम के कारण जहाँ किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ा था वही इस बार भी किसानों को ये भय सताने लगा है कि बेमौसम बारिश उनकी मेहनत पर पानी न फेर दे। फसल कटाई के बाद अभी भी कई किसानों की फसले खेत पर ही है ऐसे में अगर बेसमय बारिश होने से जिस तरह खरीफ फ सल के समय उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ा था वही स्थिति इस बार पुन: बनते नजर आ रही हैं,, वही इस बार भी प्रदेश सरकार द्वारा धान खरीदी की तारीख 1 दिसम्बर तय किया गया है,, जिसका फायदा कोचिये गाव गांव घूम कर उठा रहे हैं,, एक तरफ कोरोना की मार वही धान खरीदी देरी से शुरू होने से इसका सीधा असर अब किसानों पर पडऩे लगा है।
शाम होते ही बसरे बादल – विगत दो तीन दिनो से जारी बदली के बाद आज शाम होते ही बारिष शुरू हो गई ठंडी हवाओ ने मौसम की ठंडक हो और बडा दिया।
क्षेत्र में दिखने लगा कोचियों का दबदबा – अर्ली वेरायटी का धान जहां अक्टूबर के अंतिम चरण में कटना शुरू हो चुका था जिसको देखते हुए कोचिये सक्रिय हो चुके हैं,, जो किसानों से कम कीमत में धान ले कर बाहर मंडियों में ज्यादा कीमत में बेचते हैं,, सरकार जहा बिचोलियों को रोकने का राग अलापती रही है, किन्तु जमीनी हकीकत कुछ और ही बया कर रही है बिचोलियों के बढ़ते वर्चस्व के आगे अब प्रशासन भी बौना साबित होता जा रहा है।
पूर्ण हुआ किसानों का पंजीयन – सोसायटियों में धान बेचने वाले किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण हो गई है,, इस बार लगभग 82 हजार 481 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है।
सैकड़ों किसान पहुंचे राजभवन
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के नेतृत्व में प्रदेश के विभिन्न जिलों से राजभवन घेरने के लिये रायपुर आये सैकड़ों किसानों ने प्रेस क्लब के पास से रैली के रूप में राजभवन की ओर कूच किया। प्रदर्शनकारी किसान राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाकर असंतोष को व्यक्त कर रहे थे, किसानों हाथों में मांगों से संबंधित तख्तियां और झंडे थे, दरगाह के समीप बेरिकेट लगाकर पुलिस ने किसानों को राजभवन की ओर जाने से रोक दिया। प्रदर्शनकारी किसान केंद्र सरकार के तीन कानूनों को विरोध कर रहे थे और स्वामीनाथन आयोग के लागत सी-2 पर 50प्रतिशत लाभ जोड़कर कृषि उपजों का न्यूनतम गारंटी मूल्य कानून बनाने की मांग कर रहे हैं । इसके अलावा किसान राज्य सरकार से इस बात से असंतुष्ट हैं कि दो साल का बाकी बोनस देने और चना गेंहूं आदि उपजों की सरकारी खरीदी करने का वायदा आज तक पूरा नहीं किया है, किसान राज्य सरकार से प्रति एकड़ 20 क्वि. की दर से धान की खरीदी करने, राजाव गांधी किसान न्याय योजना में सभी किसानों को शामिल करने और प्रति एकड़ 10 हजार रू. आदान की राशि जून माह तक एक मुश्त प्रदान करने और गैर बोर वाले किसानों को भी सिंचाई पंपों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी के बराबर की राशि देने की मांग भी कर रहे थे । प्रदेश के किसानों के रायपुर आने की पूर्व सूचना होने के बावजूद, राज्यपाल ने किसान प्रतिनिधियों से सौजन्य भेंट के लिये 5 मिनट का समय भी नहीं दिया और किसान प्रतिनिधियों को राजभवन के सचिवालय में ग्यापन सौंपने का संदेश दिया जिसे किसानों ने ठुकरा दिया किसान इस बात पर अड़ गये कि जब ज्ञापन अधिकारी को ही देना है, तब राजभवन का कोई अधिकारी आकर उनका ज्ञापन ले, बाद में नायब तहसीलदार सोनकर ने किसानों का प्रधानमंत्री और राज्यपाल के नाम अलग अलग ज्ञापनों को लिया।
प्रदर्शन में किसान संगठन के केंद्रीय नेताओं राजकुमार गुप्त, आई के वर्मा, झबेंद्र भूषण वैष्णव, दुर्ग जिला के उत्तम चंद्राकर, परमानंद यादव, बद्रीप्रसाद पारकर, बाबूलाल साहू, बंशी देवांगन,पुकेश्वर साहु संतु पटेल, गिरीश दिल्लीवार, पूरन साहू, शंकरराव,अमित हिरवानी,नेतराम, लोकेश,देवशरन साहू,सुमरन साहू ,बलकरण वर्मा, बेमेतरा जिला के रामसहाय वर्मा, पंचम साहू, उमाशंकर साहू, कांकेर जिला के एस आर नेताम, छत्तीसगढ़ी किसान समाज के सुबोध देव आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।
मैनपुर-गरियाबंद नेशनल हाइवे मार्ग पर चक्काजाम की चेतावनी
मैनपुर तहसील मुख्यालय से तीन किमी दूर ग्राम घौरघाट में नया धान उपार्जन केंद्र की मांग को लेकर किसानों में रोष दिखाई दे रहा है। सैकड़ों किसानों ने बैठक कर निर्णय लिया कि गौरघाट में जल्द से जल्द नया धान उपार्जन केंद्र खोला जाए। इस मांग को लेकर ग्राम पंचायत गोपालपुर, ग्राम पंचायत देहागुड़ा, दबनई तथा आश्रिम कई गांवों के सैकड़ों किसान २७ नवंबर को मैनपुर-गरियाबंद-रायपुर नेशनल हाइवे मार्ग में गौरघाट के पास चक्काजाम करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में ज्ञापन भी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मैनपुर, तहसीलदार एवं थाना मैनपुर किसानों के द्वारा दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की शुरूआत 1 दिसंबर से होनी है इसके लिए 27 नवंबर से किसानों को टोकन का वितरण किया जाना है। यह दृश्य राजनांदगांव जिले के ग्राम सोमनी सोसाइटी का है। टोकन लेने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ गई है। जिले में धान विक्रय करने वाले किसानों ने अपना पंजीयन करा लिया है। राजनांदगांव जिले में करीब 1 लाख 95 हजार किसानों का धान खरीदा जाएगा। सैकड़ों की संख्या में सोसाइटी में किसानों के पहुंचने से अफरा-तफरी रहा। बढ़ती भीड़ को देख कर्मचारियों ने खरीदी केंद्र के बाहर का गेट बंद कर दिया। पंजीयन और टोकन को लेकर सोसाइटी पहुंचे किसानों ने गेट बंद करने को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।
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