ग्राम पंचायत झिथराटोला का मामला- 15 दिवस के भीतर गबन की राशि कार्यालय में जमा करने की हिदायत
पायनियर संवाददाता-छुरिया
जनपद पंचायत छुरिया के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत झिथराटोला में फर्जी बिल लगा कर भुगतान कर राशि गबन करने का एक और मामला सामने आया है। आरसीसी पाइप क्रय की राशि को रेत, सीमेंट, गिट्टी, के नाम से फर्जी बिल लगाकर सामग्री क्रय की राशि को गबन किया गया है। पूर्व सरपंच जानकी साहू ने इस मामले को लेकर शिकायत सौंपी थी।
ग्राम पंचायत झिथराटोला के आश्रित ग्राम बरछाटोला से हालेकोसा सरहद तक मिट्टी मुरूम सड़क पुलिया निर्माण कार्य वर्ष 2014-15 में किया गया था। जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति राशि 6.07 लाख रूपए था। इस निर्माण कार्य में पुलिया निर्माण के लिए आरसीसी पाइप, सीमेंट, रेत – गिट्टी सामग्री क्रय किया गया था जिसकी कुल मूल्यांकन राशि लगभग 56 हजार थी। इसका भुगतान सरपंच जानकी साहू के कार्यकाल में मनरेगा योजना में राशि नहीं होने के कारण भुगतान नहीं हो पाया था।
इस निर्माण कार्य में सचिव ललित कुमार जांगड़े द्वारा पाइप क्रय की राशि मेसर्स भिलाई सीमेंट पाइप कंपनी को ना कर पाइप क्रय की राशि को सीमेंट, रेत – गिट्टी क्रय के नाम से व सरपंच का फर्जी हस्ताक्षर कर पाइप क्रय सामग्री क्रय में फर्जी बिल लगा कर गलत भुगतान कर राशि गबन किया गया था। जिसके कारण मैसर्स भिलाई सीमेंट पाइप खरीदी का भुगतान बाकी है।
उप अभियंता द्वारा माप पुस्तिका में दर्ज मूल्यांकन राशि 55 हजार 537 रुपए में 3 पाइप का राशि 20 हजार 798 रुपए अंकित है कार्य एजेंसी 14/01/2015 को प्रस्तुत बिल 55 हजार 520 रुपए में पाइप का बिल प्रस्तुत नहीं किया गया है। जबकि मूल्यांकन के विरुद्ध 55 हजार 520 रुपए का सामग्री बिल प्रस्तुत किया गया है। इसका भुगतान हो गया है। इस पर जांच प्रतिवेदन में उप अभियंता द्वारा माप पुस्तिका में दर्ज मूल्यांकन राशि 55537 रुपए के विरुद्ध में कार एजेंसी द्वारा 55520 रुपए का बिल प्रस्तुत किया गया है। किंतु इस बिल में आरसीसी पाइप राशि 20 हजार 798 का जिक्र नहीं है। मूल्यांकन विरुद्ध बिल का भुगतान हो चुका है। 3 पाइप का राशि 20798 तत्कालीन पंचायत सचिव ललित कुमार जांगड़े से वसूली योग्य है।
इस पर सचिव ने अपने कथन में उक्त राशि को 15 दिन के अंदर कार्यालय में जमा करने कहा गया है। सचिव से पाइप की राशि वसूली कर मेसर्स भिलाई सीमेंट पाइप मैन्युफैक्चरिंग कंपनी भिलाई के द्वारा बिल प्रस्तुत करने पर बिल प्रदाय करना प्रतिवेदित किया गया है। इस कृत्य के लिए ललित जांगड़े पंचायत सचिव को सख्त चेतावनी देते हुए भविष्य में इस प्रकार कार्य नहीं करने का नोटिस जारी करने प्रतिवेदित किया गया है।
पंचायत सचिव का दूसरा मामला
पंचायत सचिव ललित कुमार जांगड़े का यह दूसरा मामला है। इससे पहले वार्ड पंचों की मानदेय राशि को गबन करने का आरोप पंचों द्वारा लगाया था। इसकी जिला कार्यालय में शिकायत की गई थी। शिकायत जांच में सही पाई गई जिसमें 3 दिनों के भीतर पंचों की मानदेय राशि भुगतान कर स्पष्टीकरण की नोटिस जारी कर सचिव को छोड़ दिया गया। ऐसे पंचायत सचिव के ऊपर कड़ी कार्यवाही किया जाना चाहिए। यह मामला ग्राम पंचायत बोईरडीह का है। जहां – जहां के आश्रित ग्राम तेंदूटोला के पुरवा पंचों ने मानदेय राशि में गबन का आरोप लगाकर कलेक्टर के पास शिकायत किया है।
ब्लॉक के अधिकारी दे रहे पनाह
बताया जाता है कि 15 अगस्त 2020 में पूर्व पंच/सरपंच की मानदेय राशि को बैंक से आहरण कर लेने के बाद भी समय पर भुगतान नहीं किया गया था। शिकायत की जांच दिनांक तक 12 हजार 600 रुपए का भुगतान किया गया था लेकिन तेंदुटोला के पंचों को 3 हजार का भुगतान नहीं किया गया था जो जांच में सही पाया गया। दो माह से अधिक समय तक बैंक से राशि आहरण के बाद भुगतान नहीं करना और शासकीय राशि को अपने पास रखना यह कृत्य छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा आचरण नियम 1998 के नियम 3(1) के सीधे-सीधे विपरीत है। ओडीएफ के बाद से जनपद पंचायत छुरिया में लगातार पंचायतों में सरपंच /सचिव की मनमानी फर्जी बिल लगाकर शासन की राशि गबन के मामले में सुर्खियों में है। वही सवाल यह भी है कि शिकायत कलेक्टर के पास जिला कार्यालय में जांच के लिए शिकायत हो रहा है। जनपद पंचायत में शिकायत का निराकरण नहीं होने के कारण शिकायत कर्ताओं को जिला मुख्यालय की ओर रुख करना पड़ता है। यह सवाल उत्पन्न करता है कि ब्लॉक के अधिकारी कर्मचारी पंचायत के दोषियों को पनाह देता है।
समझाइश देते रहे
इसका उदाहरण ग्राम पंचायत रानीतलाब का मामला है जहां ग्रामीणों ने जनपद पंचायत छुरिया में सरपंच पति और सचिव की मनमानी को लेकर शिकायत की थी। लेकिन कुछ नहीं होने के बाद कलेक्टर के पास शिकायत किया गया। जिसमें अभी जांच हुआ है पर ग्रामीणों ने बताया कि जांच अधिकारी जनपद पंचायत छुरिया के थे जो सरपंच पति और सचिव के पक्ष को लेकर उन्हें हर बिंदुओं वार समझाइश दिया जा रहा था कि ऐसा दोबारा नहीं करना जबकि उन्हें संबंधित मामलों की जांच कर आगे प्रेषित करना चाहिए। ऐसे में जनपद पंचायत छुरिया के अधिकारियों के भी कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। तभी तो पंचायत कर्मियों को बचाने का प्रयास किया जाता है।
सीधे कार्रवाई हो
इस में सुधार किया जाना चाहिए जनपद पंचायत छुरिया में कोई भी शिकायतकर्ता शिकायत करता है तो जल्द ही शिकायत की जांच कर उचित कार्यवाही किया जाना चाहिए। जिससे छोटे मामले को लेकर जिलाधिकारी के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं पंचायत सचिव ललित कुमार जांगड़े की दो पंचायतो से शिकायत हुआ और जांच में सही पाया गया। अब पंचायत राशि की वसूली कर बिना कार्यवाही किए छोड़ दिया जाता है तो अगली बार फिर ऐसे कार्य को सावधानी पूर्वक करता रहेगा। ऐसे में पंचायत सचिव के पर उचित कठोर कार्रवाई किया जाना चाहिए जिससे अन्य पंचायतो में शासन की राशि का दुरोपयोग नहीं कर पाये एवं शिकायतकर्ता जो ऐसे मामलों की शिकायत कर शासन को चुना लगाने वालों को उजागर करने में मदद करता है और आगे भी करता रहे। कोई कार्यवाही नहीं होने पर कोई भी शिकायत करने आगे आकर शासन का सहयोग नहीं कर पायेगा।
More Stories
एस्सेल माइनिंग की दो कोयला खदानों को निष्पादित करने में भारत में इस वर्ष कोयले की कमी हो जाएगी
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय में स्मार्ट इंडिया हैकथॉन-2023
युवाओं को दरकिनार करना लोकसभा चुनाव में भी पड़ सकता कांग्रेस पर भारी – अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)