July 1, 2025

भ्रष्टाचार की दंश झेल रही नल-जल योजना, केंद्र सरकार से अब तक नहीं मिली टेंडर की अनुमति

पायनियर संवाददाता . रायपुर

राज्य के ग्रामीण अंचलों में बेहतर पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने केंद्र ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल पहुंचाने बनाई गई योजना में गड़बड़ी के कारण राज्य सरकार ने इसके टेंडर जिलास्तर से कराने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, लेकिन केंद्र को भेजे गए पत्र का जवाब अब तक नहीं आया है।
इसके कारण प्रक्रिया अभी लंबित है। शुरुआत में ही टेंडर में बड़े पैमाने से गड़बड़ी के बाद काम शुरू नहीं हो पाया है। अगस्त से लागू हुई योजना में राज्य के सभी जिलों की ग्रामीण बसाहटों को जोड़ा गया है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 41.32 लाख परिवारों को 2023 तक घरेलू नल कनेक्शन से जोड़ा जाना था। इसके लिए 7 हजार करोड़ आबंटित है। कार्य के बंटवारे में भारी अनियमितता सामने आई है। पीएचई विभाग ने नियमों को शिथिल कर टेंडर का बंटवारा किया। अनियमितता उजागर होने के बाद टेंडर प्रक्रिया निरस्त की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त करने बनाई जा रही इस योजना को समय पर पूरा करने में देर से योजना पर व्यापक रूप से असर पड़ेगा। अब तक राज्य के पीएचई विभाग ने हर जिले का टेंडर कर ठेकेदारों को कार्य आबंटित कर दिया था। अंग्रिम कार्य बंटवारे में स्थानीय ठेकेदारों को दूरस्थ क्षेत्रों में कार्य का आबंटन कर दिया गया था।
मामले में ठेके में स्थानीय ठेकेदारों को जिले के आधार पर काम आवंटित कराए जाने की मांग को देखते हुए जिला कलेक्टरों के माध्यम ठेके की पहल की गई है। मुख्यमंत्री ने इसे देखते हुए एक पखवाड़े पहले केंद्र सरकार से जिला स्तर पर कार्य आबंटन करने की अनुमति देने पत्र लिखा, लेकिन केंद्र ने अब तक इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया है। राज्य में इसके कारण योजना पर काम रुका हुआ है। मिशन में कार्य पूरा करने चरणबद्ध लक्ष्य तय किया गया है, जो पिछडऩे की संभावना है। नए और बाहरी ठेकेदारों को काम लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पर आरोप लगाया गया है कि बाहर से आए नए ठेकेदारों को बगैर अनुभव देखे ही काम दे दिया गया था। जल जीवन मिशन के तहत पीएचई विभाग से अभी 7 हजार करोड़ रुपए के ठेकों के आबंटन की प्रक्रिया चल रही है। आरोप है कि करीब 6 हजार करोड़ रुपए का ठेका राज्य के बाहर की कंपनियों को दे दिया गया था।

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