पायनियर संवाददाता राजनांदगांव
मेसर्स रामा गैसेस को बचाने अस्पताल प्रबंधन बहानेबाजी पर उतारु हो गया है। शासकीय मेडिकल कॉलेज प्रबंधन न सिर्फ सप्लाई एजेंसी को बल्कि खुद को भी बचाने की कोशिश कर रहा है। बीते सोमवार को ऑक्सीजन की कमी से हुई खैरागढ़ निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत के मामले से हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले को लेकर तीन जांच चल रही हैं।
मेडिकल कॉलेज स्तर पर जांच के लिए एक टीम गठित की गई है। वहीं मृतक की बेटी की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर ने अपर कलेक्टर सीएल मारकंडे को भी जांच का जिम्मा सौंपा है। दूसरी तरफ स्वास्थ्य संचालनालय ने भी इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से बिंदुवार जवाब मांगा गया है।
गौरतलब है कि अस्पताल अधीक्षक प्रदीप बेक ने इस मामले में औपचारिकता निभाते हुए ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली एजेंसी मेसर्स रामा गैसेस को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा था। अब एजेंसी की ओर से जवाब आने के बाद भी अधीक्षक इसका खुलासा करने से पीछे हट रहे हैं। वहीं एक ओर बताया जा रहा है कि अस्पताल में हुई मौत के बाद डीन डॉ. रेणुका गहने ने प्रबंधन को लेकर सख्ती बरतनी शुरु कर दी है लेकिन वो भी इस मामले में रामा गैसेस की ओर से आए जवाब को लेकर अनभिज्ञता जताई है।
एक ओर तो अधीक्षक ऑक्सीजन सप्लाई एजेंसी की लापरवाही को लेकर जारी नोटिस की के जवाब के संबंध में जानकारी न होने की बात कहने वाले अस्पताल अधीक्षक प्रदीप बेक ने मेसर्स रामा गैसेस के संचालक को 21 नवंबर को क्रय समिति के सामने पेश होने नोटिस जारी किया है। शनिवार की दोपहर 12 बजे क्रय समिति की बैठक आयोजित होनी है।
पायनियर के सवाल पर झाड़ा पल्ला
गैस एजेंसी मेसर्स रामा गैसेस को जारी नोटिस का जवाब तो आ चुका है लेकिन एजेंसी ने अपने पक्ष में क्या बातें रखी हैं इसकी जानकारी देने से सभी बच रहे हैं। “पायनियर” ने इस संबंध में पहले तो अस्पताल अधीक्षक प्रदीप बेक से बात की तो उन्होंने जवाब के संबंध में जानकारी न होने का हवाला दिया। समझा जा सकता है कि अस्पताल प्रबंधन मौत के मामले के बाद भी किस हद तक लापरवाह है। दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. रेणुका गहने ने भी इस विषय से पल्ला झाड़ते हुए अधीक्षक बेक से जानकारी लेने की बात कही। कुल मिलाकर अस्?पताल प्रबंधन अब भी इस मामले से पल्ला झाडऩे की कोशिश की है।
0 नोटिस पर नोटिस की बहानेबाजी
अधीक्षक की ओर से ऑक्सीजन सप्लाई एजेंसी मेसर्स रामा गैसेस को मंगलवार को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर जवाब देने की बात कही थी। जवाब न आने की सूरत में कंपनी को ब्?लैक लिस्?टेट करने की चेतावनी भी दी गई थी। दूसरी ओर जब एजेंसी ने अपनी ओर से जवाब दे दिया है तो प्रबंधन इसकी जानकारी देने से हिचकिचा रहा है। इस बीच अधीक्षक ने एजेंसी को एक और नोटिस जारी करते हुए 21 नवंबर को दोपहर दो बजे क्रय समिति की बैठक में उपस्थित होने निर्देशित किया है। समझा जा सकता है ऑक्?सीजन रिफलिंग जैसे संवेदनशील मामले में बरती गई लापरवाही को लेकर भी प्रबंधन नो?टिस पर नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई से हाथ पीछे खिंचता दिख रहा है।
0 भाजपा ने सौंपा ज्ञापन
इधर, कोविड अस्पताल में बरती जा रही लापरवाही को लेकर जिला भाजपा ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। जिला अध्यक्ष मधुसूदन यादव के नेतृत्व में जिला कार्यालय पहुंचे भाजपाईयों ने जिम्मेदारों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग रखी है कि कोविड अस्पताल में जीवन रक्षक दवाईयां और संसाधनों की उपलब्धता को लेकर कार्रवाई की जाए। जिला अध्यक्ष यादव ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से मरीज की मौत हो जाना गंभीर मसला है। ये न सिर्फ लापरवाही से मरीज की मौत का मामला है बल्कि अन्य मरीजों को भी इससे नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने इस मामले को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि जिस अस्पताल में कई संवेदनशील मरीज भर्ती हैं वहां ऑक्सीजन की कमी ये साबित करती है कि सरकार की व्यवस्था किस हद तक लचर है।
0 खैरागढ़ में न्यायिक जांच की मांग
जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने भी कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के मामले को लेकर मोर्चा खोला है। उन्होंने राज्यपाल के नाम सौंपे गए ज्ञापन में इस मसले को लेकर न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने प्रबंधन को सीधे दोषी बताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उपाध्यक्ष विक्रांत ने कहा कि, खैरागढ़ क्षेत्र के एक मरीज की मौत महज प्रबंधन की लापरवाही के चलते हुई। संवेदनशील मामले के बावजूद चिकित्सकों ने मरीज की ओर ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा ऑक्सीजन को लेकर भी मेडिकल स्टॉफ ने भारी लापरवाही की। उन्होंने इस मामले को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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