पूर्व सांसद प्रतिनिधि अधिवक्ता गिरधर जायसवाल ने बताया रेलवे प्रशासन के आदेश को जन विरोधी,कांग्रेस नेता ने स्थानीय रेलवे स्टेशन में भी यात्रियों के लिए सुविधाओं के नाम में बताया केवल दिखावा
सकती– दक्षिण पूर्व रेलवे बिलासपुर सहित रेलवे प्रबंधन द्वारा एक साथ 22 ट्रेनों को एक महीना की अवधि के लिए रद्द किया जाना उचित नहीं है,उक्ताशय की बाते वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व सांसद प्रतिनिधि गिरधार जायसवाल ने कही है, जायसवाल ने कहां है कि जहां एक और छुट्टियों का दौर शुरू हो रहा है वही वैवाहिक कार्यक्रम के कारण लोगों का आना जाना ट्रेन से हो रहा है, 2 साल पुराना कोरोना के बाद ट्रेन में लोगों ने सफर करना शुरू किया था लेकिन रेल प्रशासन द्वारा 22 ट्रेनों को एक साथ रद्द किया जाना कहीं भी उचित नहीं है जिसके कारण रेल में यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा श्री जायसवाल ने कहा कि विगत कई महीनों पूर्व शक्ति रेलवे स्टेशन के विस्तार इंडिकेटर बोर्ड इत्यादि लगाने की बात कहीं जा रही थी लेकिन अब तक कोई काम नहीं हुआ है रेलवे स्टेशन में यात्रियों के लिए ठीक से पानी तक की व्यवस्था नहीं है जो फुट ओवर ब्रिज बनाए गए हैं वह भी बीमार विकलांग लोगों के लिए कोई काम की नहीं है क्योंकि प्लेटफार्म नंबर 2 में अभी तक फुटओवर ब्रिज का निर्माण नहीं किया गया है इसलिए ऐसे निर्माण कार्य जनता के हित में नहीं है रेल प्रशासन द्वारा कई वर्षों से और था एवं अन्य जगहों पर अंडर ब्रिज बनाने की मांग की जा रही थी लेकिन केंद्र सरकार ईस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है मोदी सरकार में रेलवे की मनमानी और तानाशाही बढ़ गई है महंगाई एक तरफ लोगों को जीना दुश्वार कर दिया है वही ट्रेन रद्द करना उचित नहीं है
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