रायपुर
प्रदेश में जल संग्रहण संरचनाओं के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ाने की लगातार पहल की जा रही है। जल संग्रहण संरचनाओं एक तरफ जहां लोगों को रोजगार मिल रहा है वहीं किसानों को अपनी फसल के लिए सिंचाई की सुविधा भी मिल रही है। गांव में कई जरूरतमंदों को रोजगार भी मिल रहा है। मनरेगा से किसानों के जीवन में आर्थिक स्थिति में बदलाव देखने को मिल रहा है।
महासमुंद जिले में किसानों को न केवल धान की फसल के लिए सिंचाई सुविधा मिल रही है। उन्हें मछली पालन से भी अपनी आमदनी बढ़ाने का मौका मिल रहा है। ग्राम डूडूमचुंआ के किसान भुवनेश्वर सिन्हा खरीफ के बाद रबी सीजन में साग सब्जी का भी उत्पादन ले रहे हैं। सिन्हा बताते हैं कि उन्हें राज्य शासन की कई योजनाओं में मदद मिल रही है। उन्होंने खेती किसानी के साथ ही मछली और मुर्गी पालन भी शुरू किया है। इससे उन्हें 18 से 20 हजार रूपए की आमदनी मिल रही है।
किसान सिन्हा ने बताया कि डबरी निर्माण से उन्हें तीन एकड़ खेत में सिंचाई की सुविधा मिल रही है। उन्होंने डबरी निर्माण के लिए ग्राम सभा मेंं आवेदन दिया था उन्हें डबरी निर्माण के लिए 2 लाख रूपए की स्वीकृति मिली। डबरी निर्माण से उन्हें वर्षा के अभाव में सिंचाई की चिंता नहीं रहती। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत स्वीकृत उबरी निर्माण कार्य से गांव के जरूरतमंदों के लिए 939 मानव दिवस का रोजगार सृजन हुआ है।
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