सारंगढ़@thethinkmedia.com
सारंगढ़-बिलाईगढ़ सहित 4 नवीन जिलों की घोषणा कर दी गयी है, नये परिपेक्ष्य में जहां बलौदाबाजार जिले की आबादी 2 लाख घटकर 13 लाख रह जायेगी वही 124 ग्राम पंचायतों सहित जिला पंचायत की 4 सीटे भी सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में चली जायेगी, खनिज के नाम पर बिलाईगढ़ क्षेत्र में केवल फर्सी पत्थर ही है, प्रशासन को जिसकी रायल्टी नही के बराबर मिलती है जिससे जिले का राजस्व भले ही प्रभावित नही होगा लेकिन जिले के शासकीय कार्यालयों तथा जिला न्यायालय में विभिन्न कार्यो के लिए आने वाले इस क्षेत्र को सैकडो लोगो का आना-जाना अब यहॉ के बजाए सारंगढ़ की तरफ हो जायेगा जिससे स्थानीय बाजार को बड़ा झटका लग सकता है।
बलौदाबाजार-बिलाईगढ़ का 118 वर्ष पुराने रिश्ते के टूटने के दर्द रह जायेगा
संभावना है कि 26 जनवरी 2022 तक सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला अस्तित्व में आ जायेगा, जिले के नक्शे से बिलाईगढ का नाम हटने के बाद केवल 118 साल पुराने रिश्ते का टूटने का दर्द रह जायेगा। पिछले बार नवीन जिलों के निर्माण के समय बलौदाबाजार जिले के चयन का आधार बिलाईगढ़ ही था क्योकि जिला मुख्यालय रायपुर होने की वजह से बिलाईगढ़ के लोगो को 155 किलोमीटर की दूरी तय करनी पडती थी। 118 साल पहले अंग्रेजी शासन में सन 1903 की बनी बलौदाबाजार तहसील में बिलाईगढ़ जमीदारी और राज घराने का विशेष महत्व था। तहसील मुख्यालय बलौदाबाजार से बहुत अधिक दूरी होने के कारण और मार्ग में पडऩे वाली जोंक और महानदी पर उस समय कोई पुल न होने के कारण साल के 5 महीनों के लिए ट्रांस महानदी क्षेत्र टापू बन जाता था। 2012 में तत्कालीन बलौदाबाजार उसी भौगोलिक स्थिति में जिला बन गया। कटगी और कसडोल के पास जोंक और महानदी में हाई लेवल ब्रिज बनने से जिला मुख्यालय और ट्रांस महानदी क्षेत्र की अड़चने कम हो गई, प्रशासन का यह उद्देश्य है कि कल्याणकारी राज्य की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक मिले। ऐसी सुविधाओं से बिलाईगढ़ तहसील के लोग वंचित रहते थे इसलिए क्षेत्र के लोगो को बलौदाबाजार जिला मुख्यालय के रूप में दिया गया।
बस परिवहन को भी होगा नुकसान
जिला बस यूनियन के उपाध्यक्ष मानक ठाकुर का कहना है कि बलौदाबाजार-बिलाईगढ मार्ग पर 15 से 20 बजे चलते थी यहॉ से प्रतिदिन हजार से डेढ हजार लोग आना-जाना करते थे मगर अलग जिला बन जाने के बाद इस रूट पर आधी बसे भी चलाना मुश्किल होगा।
सरसीवा क्षेत्र के लोगो को होगा फायदा
बिलाईगढ़ तहसील के दूरस्थ क्षेत्र सरसींवा की जिला मुख्यालय बलौदाबाजार से दूरी 90 किलोमीटर के करीब होने से उसे जिले में रहने का लाभ नही मिलता है। बलौदाबाजार तक सीधे यातायात सुविधा भी नही है। प्रशासनिक कसावट का भी अभाव रहता है। अब सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की घोषणा से छोटे जिले की अवधारणा साकार होगी, अर्थव्यवस्था में सुधार आयेगा, शहरी क्षेत्रों का विकास होगा, सभी विभागों की त्वरित सेवा लोगों को मिलेगी। वर्ष भर निर्बाध आवागमन पूरे जिले में रहेगा। शिक्षा के क्षेत्र में अत्यधिक विकास होगा। नवोदय विद्यालय की स्थापना होगी। एक कन्या महाविद्यालय स्थापित होगा। जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक भी रहेंगे। कांग्रेस को बिलाईगढ़ की सीट पर कब्जा कायम रखना होगा तो अधिक से अधिक विभाग बिलाईगढ़ में ही खोलने होंगे। कांग्रेस को बिलाईगढ़ सीट बचाने के लिए जनता को खुश करना ही होगा।
जिला मुख्यालय – सारंगढ़
ये ब्लॉक हो सकते है शामिल – सारंगढ़, बरमकेला, बिलाईगढ़
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में ये दो विधानसभा क्षेत्र रहेंगें – सारंगढ़, बिलाईगढ़
लोकसभा – रायगढ़, जांजगीर-चांपा
जानिए, अभी इन प्रक्रियाओं से होगा गुजरना
- कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला गठन समिति बनेगी।
- समिति में कलेक्टर, एडीएम, संयुक्त कलेक्टर, एसडीएम हो सकते हैं।
- जिला बनाने प्रारंभिक प्रकाशन के लिए कलेक्टर प्रस्ताव भेजेंगे।
- राजपत्र में प्रारंभिक प्रकाशन होगा।
- 60 दिनों के अंदर दावा आपत्ति मंगाई जाएगी।
- दावा आपत्ति का निराकरण कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी।
- फिर फाइनल प्रस्ताव भेजा जाएगा, फिर राजपत्र में अंतिम प्रकाशन होगा।
- इसके बाद ही सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला अस्तित्व में आएगा।
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