कोरोनाकाल में कोरोना फ्रंट लाइन वर्कर्स को 3 माह से नहीं मिला वेतन, जिला प्रशासन आबंटन प्रदान करने में नहीं दिखा रहा रुचि
नारायणपुर@thethinkmedia.com
कोरोना संकट काल में अहम भूमिका निभाने वाले फ्रंट लाइन वर्कर्स को खाने के लाले पड़ते नजर आ रहे है। कोरोनाकाल में अपनी जान की परवाह किए बगैर अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन करने वाले स्वास्थ विभाग के 118 कर्मचारियों को 3 माह से वेतन प्रदान नही किया गया है। इन कर्मचारियों को वेतन प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आबंटन प्रदान करने के लिए कोई रुचि नही दिखाई जा रही है। इससे कोरोनाकाल में फ्रंट लाइन वर्कर्स के रूप में कार्य करने वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को वेतन के अभाव में आर्थिक परेशानियों का सामना करने के मजबूर होना पड़ रहा है। इससे जिला प्रशासन की घोर लापरवाही उजागर होते नजर आ रही है। जानकारी के अनुसार जिले में स्वास्थ व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती की गई थी। इसमे उपस्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रिक्त पड़े पदों को भरकर इसमे नियुक्त कर्मचारियों को खनिज न्यास निधि से वेतन प्रदान किया जा रहा है। इससे स्वास्थ विभाग में नियुक्त संविदा कर्मचारियों को खनिज न्यास निधि से वेतन प्रदान करने के लिए करीब 118 कर्मचारियों के वेतन का आबंटन जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को प्रदान किया जाता है। इससे जिला प्रशासन से आबंटन प्राप्त होने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा खनिज न्यास निधि से विभिन्न पदों पर पदस्थ कर्मचारियों को वेतन प्रदान किया जाता है। लेकिन पिछले 3 माह से जिला प्रशासन द्वारा खनिज न्यास निधि से नियुक्त 118 कर्मचारियों के लिए वेतन के लिए स्वास्थ्य विभाग को आबंटन प्रदान करने के लिए कोई रुचि नही दिखाई जा रही है। इससे आंबटन के अभाव में स्वास्थ्य विभाग खनिज न्यास निधि से नियुक्त कर्मचारियों को वेतन प्रदान नही कर पा रहा है। इससे कोरोनाकाल में अहम भूमिका निभाने वाले स्वास्थ्य विभाग के फ्रंट लाइन वर्कर्स को आर्थिक रूप से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन की इस लापरवाही के कारण स्वास्थ्य विभाग के 118 कर्मचारी उधारी के भरोसे से अपना जीवन यापन करने को मजबूर है। इसके बावजूद जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के वेतन के लिए स्वास्थ्य विभाग को आबंटन प्रदान करने के लिए कोई कारगर कदम उठाते नजर नही आ रहा है। इसका खामियाजा स्वास्थ्य विभाग के फ्रंट लाइन वर्कर्स को भुगतने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
खनिज न्यास निधि से नियुक्त कर्मचारियों पर नजर
जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए रिक्त पदों पर सविंदा नियुक्ति की गई थी। इसमे नियुक्त कर्मचारियों को खनिज न्यास निधि से वेतन प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को आबंटन प्रदान किया जाता है। इससे स्वास्थ विभाग द्वारा जिले में 118 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। इसमे लैब टेक्नीशियन-9, फार्मासिस्ट ग्रेड 2 – 5, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक पुरुष- 30, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिला- 20, ड्रेसर-4, वार्ड ब्वॉय- 30, वार्ड आया- 20 शामिल है। इनको 3 माह से वेतन नही मिल पाया है।
लॉजिंग का लाखों रुपयों का भुगतान शेष
कोरोनाकाल में फ्रंट लाइन वर्कर्स के रूप में कार्य करने वाले स्वास्थ विभाग कर्मचारियों के लिए आइसोलेशन के लिए स्वास्थ विभाग ने 2 स्थानों पर लॉज में रूम किराए पर लिए है। इससे कोविड केयर सेंटर में कार्य करने वाले कर्मचारियों सहित डॉक्टर कोविड केयर सेंटर में दायित्व का निर्वहन करने के बाद लॉज के रूम में जाकर आइसोलेट हो जाते है। इसके साथ ही इनकी ड्यूटी खत्म होने के बाद इन कर्मचारियों को एतिहात के तौर पर 7 दिनों के लिए लॉज के रूप आईसोलेशन में रखा जाता है। इससे कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी करने वाले वाले कर्मचारियों को आइसोलेट करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नगर में 2 स्थानों पर लॉज में रूम किराए पर लिए है। लेकिन लॉज संचालक को किराए का भुगतान महीनों से नही हो पाया है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा आंबटन प्रदान नही करने के कारण स्वास्थ्य विभाग लॉज संचालकों को लाखों रुपयों का भुगतान नहीं कर पाया है। इससे लॉज संचालकों के लाखों रुपयों का भुगतान महीनों से शेष बच्चा हुआ है। इसके बावजूद जिला प्रशासन इस मामले को लेकर लापरवाह बना हुआ है।
केटर्स को 6 माह से नहीं मिला भुगतान
लॉज में आईसोलेशन में रह रहे कर्मचारियों सहित डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुबह नाश्ता, दोपहर और शाम का भोजन स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान किया जाता है। इस व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य विभाग ने केटर्स से अनुबंद किया है। इससे केटर्स द्वारा अनुबंद के आधार पर तय मीनू के अनुसार कोविड केयर सेंटर में कार्य करने वाले कर्मचारियों प्रतिदिन भोजन प्रदान किया जा रहा है। इसमे केटर्स द्वारा तय समय और मीनू के हिसाब से प्रतिदिन भोजन तो प्रदान किया जा रहा है। लेकिन केटर्स को 6 माह से राशि का भुगतान नही हो पाया है। इसके लिए भी जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग को आबंटन प्रदान करने के लिए कोई कारगर कदम उठाते नजर नही आ रहा है। इससे कोरोना संक्रमण काल फ्रंट लाइन वर्कर्स को भोजन खिलाने वाले केटर्स को 6 माह से लाखो रुपयों के भुगतान के अभाव में आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है।
मांग पत्र भेजा गया है
- खनिज न्यास निधि से नियुक्त कर्मचारियों के वेतन के लिए जिला प्रशासन को मांग पत्र भेजा गया है। इसमे 2-3 दिन के अंतराल में आबंटन मिलते ही वेतन प्रदान किया गया है। वही लॉजिंग की राशि के लिए भी मांग पत्र भेजा गया है। इसके साथ ही केटर्स की राशि को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उच्चाधिकारियो को अवगत कराते हुए शासन स्तर पर मांग पत्र भेजा गया है। इसके राशि मिलते ही भुगतान किया जाएगा।
– डॉ.बीआर पुजारी, सीएचएमओ नारायणपुर
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