July 2, 2025

लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण दिनभर के लिए स्थगित

नई दिल्ली @cgpioneer.in
लोकसभा में पेगासस जासूसी मामला, किसानों के मुद्दे और आसमान छूती महंगाई के मसले पर विपक्ष के सदस्यों ने लगातार 12वें दिन भी हंगामा जारी रखा जिसके कारण तीन बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। भोजनावकाश के बाद साढ़े तीन बजे तीसरी बार जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष के सदस्य पहले की तरह हंगामा करते हुए सदन के बीचोबीच आ गये और नारेबाजी करने लगे। पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने सदस्यों को शांत करने की कोशिश की लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। हंगामे के बीच ही अग्रवाल ने नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) अधिनियम 2021 को सदन में पारित कराने के लिए रखवाया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हंगामे के बीच सदन में विधेयक पारित होने के लिए पेश किया और सदन ने इसे बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक के पारित होने के तत्काल बाद पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सदन की कार्यवाही लगातार तीन बार स्थगित हुई। प्रश्नकाल के दौरान दो बार के स्थगन के उपरांत दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही तीसरी बार जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और शिरोमणि अकाली दल समेत विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करते हुए अध्यक्ष के आसन तक पहुंच गये। सदस्यों के हाथों में किसानों के मुद्दे, पेगासस जासूसी और महंगाई से जुड़े भिन्न-भिन्न प्रकार के नारे लिखी तख्तियां मौजूद थीं। पीठसीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने हंगामा के बीच ही महत्वपूर्ण दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये। श्री अग्रवाल ने सदस्यों को अपनी सीट पर जाने का भी आग्रह किया, लेकिन वे नहीं माने और जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे। अंतत: सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। इससे पहले विपक्षी सदस्यों ने प्रश्नकाल को भी बाधित किया था और सदन की कार्यवाही उस दौरान दो बार स्थगित करनी पड़ी। पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने एक बार के स्थगन के बाद 1130 बजे जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया था तो विपक्ष के सदस्य बैनर तथा तख्तियां लेकर सदन के बीचोबीच आ गए और नारेबाजी करने लगे। अग्रवाल ने उन्हें ऐसा नहीं करने की सलाह दी और सदन चलाने का प्रयास किया लेकिन सदस्यों का हंगामा लगातार जारी रहा। उसके बाद उन्हें कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी थी।
राज्यसभा में हंगामा, तृणमूल के छह सदस्य निष्कासित
राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों का पेगासस जासूसी मामले, किसानों की समस्याओं और महंगाई को लेकर शोरगुल और हंगामा जारी रहा जिसके कारण तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यों को दिनभर के लिए सदन की कार्यवाही से निष्कासित कर दिया गया। विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गयी और अंत में तीन बजकर 12 मिनट पर दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका। हालांकि तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार ने सदन की सदस्यता की शपथ ली। हंगामे के बीच सदन ने सीमित दायित्व भागीदारी (संशोधन) विधेयक 2021, निक्षेप बीमा एवं प्रत्यय गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक 2021 और भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2021 ध्वनिमत से पारित कर दिये। सभापति एम. वेंकेया नायडू ने नियम 255 केे तहत तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन, मोहम्मद नदीमुद्दीन, अबीर रंजन बिस्वास, शांता छेत्री, अर्पिता घोष और मौसम नूर पर निष्कासन की कार्रवाई की। ये सदस्य सदन के बीच में कार्यवाही के दौरान तख्तियां दिखा रहे थे और सभापति के आदेश की अवहेलना कर रहे थे। इससे पहले पिछले सप्ताह सदन में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से दस्तावेज छीनकर फाडऩे पर तृणमूल कांग्रेस के ही शांतनु सेन को पूरे सत्र के लिए सदन की कार्यवाही से निष्कासित कर दिया गया था। सदन में पिछले तीन सप्ताह से विपक्ष का कड़ा विरोध जारी है। श्री नायडू ने सुबह कार्यवाही शुरु होने पर कहा कि जो सदस्य सदन के बीचों बीच खड़े है वे अपने स्थान पर चले जाए नहीं तो वह नियम 255 के तहत सदस्यों का नाम लेंगे और वे सदन की दिनभर की कार्यवाही से वंचित हो जाएगे। इसके बाद उन्होंने सदस्यों को सदन से बाहर जाने का आदेश दिया। इसके बाद भी सदस्यों का शोर- शराबा जारी रहने पर सभापति ने कहा कि जो सदस्य सदन के बीचों बीच खड़े है, सभा सचिवालय उनकी सूची सभापीठ को देगा। इसके बाद भी हंगामा जारी रहने पर सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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