रायपुर
भाजपा विधायकों बृजमोहन अग्रवाल प्रदेश में सहकारी समितियों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का मामला उठाया उन्होंने शासन से प्रश्न किया की प्रदेश में कितने सहकारी समिति में धान खरीदी की जा रही है। 2020-21 में किस किस समिति में कितना की प्रधान सूखत घोषित किया गया था बताएं । क्या समितियों की जांच की गई है किन किन समितियों में धान कम पाए गए हैं। धान की कमी पाए जाने पर कितने समितियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। कमी के क्या कारण है, आदिम जाति विकास, सहकारिता मंत्री ने बताया कि 2020-21 में प्रदेश में 2009 समितियों द्वारा धान खरीदी का कार्य किया गया है अभी तक 290 उपार्जन केंद्रों का लेखा मिलान पूर्ण हो चुका है जिसमें 154 उपार्जन केंद्रों में 84879 क्विंटल धान की कमी पाई गई है बाकी समितियों का मिलान नहीं हो पाया है मिलान होने पर कमिं की मात्रा ज्ञात हो पाएगी उपार्जन केंद्रों में धान के कमी होने का प्रमुख कारण असामयिक वर्षा ,निराकरण में विलंब ,अत्यधिक गर्मी होना है।
अरपा भैंसाझार परियोजना में हुआ है भारी भ्रष्टाचार: कौशिक
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते कहा कि अरपा भैसाझार परियोजना एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना में अधिकारियों व ठेकेदारों द्वारा जो गंभीर अनियमितता की गई है। राजस्व मंत्री ने स्वीकारा है कि खसरा क्रमांक 1/6 ”19” में से व खसरा क्रमांक 1/4 का प्रकाशन धारा 11 व 19 के तहत् नहीं हुआ है व धारा 31 के अंतर्गत आपत्तियों के निराकरण के उपरांत अवार्ड पारित किया गया है यह घोर आपत्तिजनक है।
इसकी जॉच होनी चाहिए ताकि इस पूरे मामले से पर्दा उठ सके। उन्होने कहा कि जब शासकीय जमीन की अधिग्रहण की जाती है तो उसकी एक प्रक्रिया होती है जिसका पालन ही नही किया गया है। इस पूरे योजना मेें जो गंभीर त्रुटियां की गई है उसे छिपाने का भी काम किया जा रहा है, जो बेहद ही गंभीर है। जिस जमीन का नहर के लिए चयन ही नही किया है उसकी भी राशि निकाली गयी है। इस पूरे मामले सदन में उठने के बाद पूर्व में ही कुछ ही अधिकारियों के उपर कार्यवाही की गई है जो पर्याप्त नही है। इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय व पप्रामाणिक जॉच होनी चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके की इस मामले में किसका हाथ है व जिनके साथ अन्याय हो रहा है उसे न्याय मिल सके।
शराबबंदी के लिए भाजपा विधायक ने पेश किया अशासकीय संकल्प, पक्ष में 13 वोट, विपक्ष में पड़े 58 वोट
विधानसभा में बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने 1 जनवरी 2022 से पूर्ण शराबबंदी को लेकर अशासकीय संकल्प पेश किया। चर्चा के बाद विपक्ष ने मत विभाजन मांगा. अशासकीय संकल्प के पक्ष में जहां 13 वोट पड़े, वहीं विपक्ष में 58 वोट पड़े. इसके साथ ही अशासकीय संकल्प अस्वीकृत हो गया। इसके पहले चर्चा में शिवरतन शर्मा ने कहा कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने गंगा जल हाथों में लेकर शपथ लिया था कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू होगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शिवरतन शर्मा ने अपनी बात ग़लत कथन के साथ रख रहे हैं. इन्हें ट्रेनिंग ही यही मिली है कि किसी झूठ को सौ बार बोला जाये तो वह सच लगे।
शिवरतन शर्मा ने कहा कि अरबी में शराब का अर्थ है खऱाब पानी. आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अरबी को हल्बी समझ लिया और कहा कि ग़लत अर्थ बता रहे हैं. ऐसा नहीं है. हल्बी में ऐसा नहीं कहते हैं. मैं वहीं से आता हूँ. हल्बी में ऐसा कोई शब्द नहीं है और ऐसा कोई अर्थ नहीं है. यह अपमान है। सदन में इसे लेकर गहमागहमी हुई. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि शिवरतन शर्मा ने अरबी का अर्थ कहा है, हल्बी का नही.. लेकिन मंत्री कवासी को फि र हल्बी सुनाई दे गया।
शिवरतन शर्मा ने कहा कि नशे की वजह से राज्य में अपराध बढ़ा है. कांग्रेस ने जब घोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था तब ख़ासकर महिलाओं ने सोचा था कि अब कलह दूर होगी. झगड़े ख़त्म होंगे. आर्थिक कमजोरी दूर होगी. इससे पहले कई राज्यों में दलों ने चुनावी घोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था. जनता का समर्थन मिला और सरकार बनते ही वादा पूरा किया। लेकिन छत्तीसगढ़ में ढाई साल बीत जाने के बाद भी वादा पूरा किया गया. छत्तीसगढ़ में 898 हत्या के प्रयास हुये है, दस हजार से ज़्यादा आत्महत्या हुई है. हर अपराध की पृष्ठभूमि में नशा है. पूरे प्रदेश में सरकारी संरक्षण में अवैध शराब की सप्लाई की जा रही है. प्रदेश में स्थिति क्या बन गई है. सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का, ये कहावत चरितार्थ हो रही है।
सरकार का लक्ष्य साल में 5200 करोड़ रुपये अर्जित करना है. मेरा आरोप है कि सरकार के वैध-अवैध कमाई का सबसे बड़ा ज़रिया शराब है. मंत्री अमरजीत भगत से जब शराब को लेकर पत्रकार सवाल पूछते हैं तो इन्हें सुनाई नहीं देता. आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ उड़ता छत्तीसगढ़ बन जायेगा। मंत्री मो. अकबर ने कहा शराब को खऱाब पानी कह दिया। छत्तीसगढ़ में आदिवासी बड़ी तादात में है। आदिवासी इलाक़ों में राज्यपाल की प्रदत्त शक्तियों के तहत शराब की अनुमति दी गई है, और सदन में इसे खऱाब पानी कहा जा रहा है. सदन में आपको माफ़ ी मांगना चाहिये। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मंत्री को सदन में वर्ग विभेद की बात नहीं करनी चाहिये, इस सदन में हर वर्ग से विधायक हैं। मो. अकबर ने शराबबंदी को लेकर बनाई गई समितियों का जि़क्र किया। इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि शराबबंदी को लेकर बनाई गई कमेटी की बैठक तक नहीं हुई।
इस पर अकबर ने कहा कि राजनीतिक समिति 19 अगस्त 2019 को बैठक हुई थी। वहीं प्रशासनिक समिति की बैठक भी हुई थी। राजनीतिक समिति के लिए बीजेपी, जेसीसी और बीएसपी दलों से नाम माँगे गये थे, लेकिन नहीं दिये गये। पिछली सरकार के आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा था कि पूर्ण शराबबंदी कहीं भी सफ ल नहीं है। मो. अकबर ने कहा कि मणिपुर, केरल, तमिलनाडु में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई थी लेकिन सफल नहीं हुआ। कोरोना के वक़्त सेनिटाइजऱ और स्पिरिट पीकर कई लोगों की मौत हो गई थी। राज्य सरकार ने तीन समितियाँ गठित की है। पूर्ण शराबबंदी के लिए अध्ययन किया जा रहा है।
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