ग्राम पंचायत बुंदेली में अवैध तरीकों से व्यवसायिक निर्माण और भ्रष्टाचार का मामला
राजनांदगांव@thethinkmedia.com
छुईखदान क्षेत्र की ग्राम पंचायत बुंदेली में सरपंच इंद्रमान सिंह ठाकुर, सचिव बीरबल कौशल की मिलीभगत और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठ रही आवाज अब तक प्रशासन के कानों तक नहीं पहुंच सकी है। बगैर अनुमति व्यवसायिक परिसर निर्माण और तकरीबन डेढ़ लाख रुपए के हेरफेर की शिकायतों का सिलसिला कई दिनों से चला आ रहा है। बावजूद जनपद पंचायत और जिला पंचायत की ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं किया जाना आश्चर्यजनक है। इस पूरे मामले में पंचायत जनप्रतिनिधि और ग्रामीण अब जिला पंचायत सीईओ की भूमिका पर ही सवाल उठा रहे हैं। वे सीधे अधिकारियों पर भ्रष्टाचारियों को बचाने का आरोप लगा रहे हैं।
ग्राम पंचायत के उपसरपंच, पंच सहित ग्रामीण इस मामले की दो सालों से शिकायत करते आ रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि अनियमितता बरतते हुए सरपंच और सचिव ने मिलकर नियम विरद्ध अवैध व्यवसायिक परिसर का निर्माण किया है। इसमें डेढ़ लाख रुपयों की गड़बड़ी की गई है। आरोप यह भी है कि अब इस मामले में आरईएस कार्यालय और उपसंचालक पंचायत कार्यालय के अधिकारी भी सरपंच-सचिव के मददगार हो चुके हैं। और अवैध निर्माण को वैध बताने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सामान्य सभा में भी कार्रवाई के लिए हुआ अनुमोदन
ग्रामीणों ने बताया कि जिला पंचायत की सामान्य सभा में भी इस मामले में चर्चा उपरांत कार्रवाई के लिए अनुमोदन किया गया है। पूर्व में उपसंचालक पंचायत कार्यालय द्वारा की गई जांच में सरपंच और सचिव को दोषी पाया गया था। बावजूद सक्षम अधिकारी कार्रवाई से हाथ पीछे खींच रहे हैं। ग्रामीणों ने इस पूरे मामले में जिला पंचायत सीईओ और सक्षम अधिकारियों की भूमिका पर ही सवाल उठा दिया है। ग्रामीणों ने इस मामले में कार्रवाई न किए जाने को लेकर अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वे भ्रष्टाचारियों की मदद कर रहे हैं।
सचिव ने मानी गलती
सचिव बीरबल कौशल खुद इस पूरे मामले में गलती स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि इंजीनियर के बताए अनुसार हमने कार्य किया। कुछ प्रक्रियाएं पूरी नहीं की गईं और निर्माण हो गया। इस मामले में दो-तीन बार जांच हो चुकी है। उन्होंने बताया कि राशि के समायोजन का प्रस्ताव लाया गया था लेकिन अब तक राशि का समायोजन नहीं किया गया है। सचिव के बयान से साफ है कि इस मामले में बड़ी गड़बड़ी हुई है बावजूद कार्रवाई न किए जाने के मामले को लेकर ग्रामीणों का सवाल उठना वाजिब है।
More Stories
एस्सेल माइनिंग की दो कोयला खदानों को निष्पादित करने में भारत में इस वर्ष कोयले की कमी हो जाएगी
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय में स्मार्ट इंडिया हैकथॉन-2023
युवाओं को दरकिनार करना लोकसभा चुनाव में भी पड़ सकता कांग्रेस पर भारी – अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)