July 2, 2025

कोरोना काल में शराब पर लगाए गए विशेष शुल्क की राशि स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित न करने पर हंगामा

भाजपा विधायकों ने किया वाकआउट

रायपुर@thethinkmedia.com

विधानसभा के मानसून सत्र में शराब पर सेस का मामला बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने उठाया। उन्होंने पूछा कि विशेष कोरोना शुल्क से मिली राशि स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित क्यूं नहीं दिया गया? इसके जवाब में मंत्री मो। अकबर ने कहा, राशि की जब ज़रूरत होगी तब हस्तांतरित की जाएगी। अजय चंद्राकर ने कहा- स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी स्कूल के लिए 36 करोड़ रुपये कहां से दिए गये? मंत्री मो। अकबर का जवाब : स्कूल के किए ये राशि दी गई है शेष राशि जमा है। अजय चंद्राकर ने कहा- सदन में दो उत्तर आ रहे हैं। मंत्री ने कहा कि पूरी राशि जमा है और अब कह रहे हैं स्कूल के लिए राशि दी गई। चंद्राकर ने पूछा- कोरोना के लिए जब राशि ली जा रही है तो क्या उसे दूसरे मदों में खर्च किया जा सकता है? मो. अकबर ने कहा- विशेष आबकारी शुल्क मद से स्कूल को राशि दी गई। अजय चंद्राकर ने कहा- कोरोना के लिए यदि देशी-मदिरा में सेस लिया गया है तो उसका खर्च तय मद में ही होगा। चंद्राकर ने की मांग- सदन की कमेटी बनाकर इस मामले की जांच कराई जाए।
बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा- कोरोना को लेकर की गई विशेष शुल्क को दूसरे मद में खर्च नहीं किया जा सकता? यदि किया गया तो किस नियम से? बीजेपी सदस्यों ने सरकार पर सदन में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया। ये दुर्भभाग्यपूर्ण है।
मंत्री मो. अकबर ने सदन में कहा- मैं पूरी जि़म्मेदारी से कह रहा हूँ दूसरे मदों में राशि खर्च नहीं हुई। अजय चंद्राकर ने राजपत्र की कॉपी सदन के पटल पर रखी। संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा- स्वामी आत्मानंद स्कूल से दिक्कत क्या है आप लोगों को? मंत्री की टिप्पणी पर विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया, सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी विधायकों ने फिर वाक्आउट किया।

कितना लिया गया है सेस

देशी मदिरा बोतल, अद्धी व पाव पर प्रति नगर 10 रुपए की दर से विशेष आबकारी शुल्क (अधोसंचरना उन्नयन) लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21वर्ष 30 जून तक कुल 320। 61 करोड़ की राशि जमा है। वहीं विशेष कोरोना शुल्क, विदेशी मदिरा (स्प्रिट/माल्ट) के फुटकर विक्रय दर पर 10 प्रतिशत की दर से शुल्क लिया गया, जो कुल 245।24 करोड़ हुई है।

शराब बंदी के मुद्दे को विपक्ष ने उठाया, नेता प्रतिपक्ष ने कहा- इन कमेटियों को भंग कर दिया जाना चाहिए

प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी करने की मांग एक बार फिर विधानसभा के मानसून सत्र में गूंजी। शराबबंदी के किए गठित कमेटी का मामला सदन में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक उठाया। उन्होंने पूछा कि सामाजिक कमेटी का गठन कब हुआ और बैठकें कब हुई? इसके जवाब में मंत्री कवासी लखमा ने जवाब दिया कि पूर्ण शराबबंदी लागू करने 2019 में तीन कमेटियों का गठन किया गया है। राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक कमेटियों का गठन हुआ है। कोरोना काल की वजह से बैठकें प्रभावित हुई हैं। मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि 21 समाजों के प्रतिनिधि शामिल है। इसकी अधिसूचना में लिखा है कि सामाजिक संगठनों के अध्यक्ष या सदस्य कमेटी में लिए जाएंगे। धरमलाल कौशिक ने कहा: 2019 में समिति का गठन हुआ, लेकिन इसकी गम्भीरता देखिए सरकार के जवाब में ये नहीं बताया गया कि किस समाज के अध्यक्ष को कमेटी में लिया गया। ढाई सालों में कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यदि बैठकें नहीं हो पा रही हैं तो इन कमेटियों को भंग कर दिया जाना चाहिये। बता दें कि 21 समाजों के प्रतिनिधियों को कमेटी में लिया गया है। अमितेश शुक्ला ने कहा: हमारी सरकार गम्भीर है। मेरे कहने पर मुख्यमंत्री ने राजीव लोचन मंदिर परिसर में 15 दिन के लिए बंद किया दिया था। सरकार शराब बंदी की दिशा में आगे बढ़ रही है।

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