विधानसभा अध्यक्ष महंत, मुख्यमंत्री बघेल और नेता प्रतिपक्ष कौशिक सहित विधायकों ने दिवंगत नेताओं के व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया
रायपुर@thethinkmedia.com
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के प्रथम दिन सदन में छत्तीसगढ़ विधानसभा, अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा, राज्यसभा और लोकसभा के दिवंगत पूर्व सदस्यों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सदन की कार्रवाई प्रारंभ होने पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व सदस्य गुलाब सिंह, अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य सोमप्रकाश गिरी, बालाराम वर्मा और बलराम सिंह बैस, पूर्व लोकसभा सांसद करूणा शुक्ला और खेलनराम जांगड़े, छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान, छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व राज्यमंत्री डॉ. शक्राजीत नायक, पूर्व राज्यसभा सदस्य रामाधार कश्यप के निधन की सूचना देते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सदन में कारगिल युद्ध के शहीदों को भी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई। दिवंगतों के सम्मान में सदन में दो मिनट का मौन रखा गया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में दिवंगत नेताओं के व्यक्तित्व और कृतित्व को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के निधन से प्रदेश और समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। बघेल ने आज कारगिल विजय दिवस पर कारगिल युद्ध में शहीद सैनिकों को भी विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व सदस्य गुलाब सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने छात्र नेता के रूप में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की। वे वर्ष 1998 और 2003 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। उनके साथ मुझे भी काम करने का अवसर मिला। वे सदैव अपने क्षेत्र के विकास के लिए सक्रिय रहे। उनका निधन मात्र 53 वर्ष की आयु में हो गया। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में उनकी भूमिका रही, वे विधानसभा की विभिन्न समितियों के भी वे सदस्य रहे। उनके निधन से प्रदेश को अपूरणीय क्षति हुई है। अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य सोमप्रकाश गिरी को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें हम एक जुझारु नेता के रुप में जानते हैं। उनका सामाजिक कार्यों से विशेष लगाव रहा। उन्होंने कुरुद क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। विधायक न रहने के बावजूद वे अपने सार्वजनिक जीवन में लगातार सक्रिय रहे। उनसे हम लोगों को बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य बालाराम वर्मा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्हें हम सामाजिक कार्यकर्ता के रुप में जानते थे। वे सौम्य, सरल और मिलनसार राजनेता थे। वे अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। पूर्व लोकसभा सांसद करूणा शुक्ला को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे बलौदाबाजार विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुईं। बाद में वे जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुईं। उनका जन्म पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के परिवार में हुआ था। वे धाराप्रवाह बोलने वाली वक्ता थीं। शब्दों के चयन और उच्चारण में उन्हें महारत हासिल थी। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान को श्रद्धांजलि देते हुए बघेल ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ विधानसभा के सबसे उम्रदराज सदस्य रहे। लम्बे समय तक उन्होंने सार्वजनिक जीवन में काम किया। वर्ष 1990 में वे पहली बार अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए और छत्तीसगढ़ बनने के बाद तीन बार बेलतरा विधानसभा क्षेत्र का उन्होंने प्रतिनिधित्व किया। वे दो बार छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष भी चुने गए। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व राज्यमंत्री डॉ. शक्राजीत नायक को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे 1990 में पहली बार अविभाजित मध्यप्रदेश के विधायक चुने गए। उन्होंने कई बार रायगढ़ क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे अपने क्षेत्र के एक जागरूक और सजग जनप्रतिनिधि थे। राज्यसभा के पूर्व सदस्य रामाधार कश्यप को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे वर्ष 2002 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में भी उनका योगदान रहा। मुख्यमंत्री ने अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य बलराम सिंह बैस को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे सरल, सहज और मूल छत्तीसगढिय़ा स्वभाव के राजनेता थे। वे तीन बार विधायक रहे। वे अपेक्स बैंक भोपाल के उपाध्यक्ष भी रहे। पूर्व लोकसभा सांसद खेलनराम जांगड़े को श्रद्धांजलि देते हुए बघेल ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में वे सदैव वंचितों और गरीबों की आवाज उठाते रहे। वे वर्ष 1980 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। बाद में वे बिलासपुर से लोकसभा सांसद भी निर्वाचित हुए। वे छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के सदस्य भी रहे। वे सहज, सरल और मिलनसार नेता थे। मुख्यमंत्री ने दिवंगत राजनेताओं के परिवारजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
हमने छत्तीसगढ़ के नौ रत्नों को खोया है : कौशिक
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मानसून सत्र के पहले दिन के चर्चा में दिवंगत सदस्यों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमने छत्तीसगढ़ के ऐसे नौ सदस्यों के बजट सत्र से मानसून सत्र के बीच खोया है। जिनका दीर्धाकालीन अनुभव रहा है जो छत्तीसगढ़ विकास के लिये सदैव समर्पित रहे हैं। सभी सदस्य राजनैतिक विचारधारा से उठकर लम्बे समय तक समग्र विकास के लिये कार्य करते रहे हैं। इन सदस्यों को संसदीय कार्यकाल सबके लिये अनुकरणीय है व सभी सदस्य सब के लिये प्ररेणाशील रहे हैं। जिन से हम सब ने भी उनके संसदीय जीवन के अनुभवों से काफी कुछ सीखने का मौका मिला है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने सभी दिवंगत सदस्यों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित ही है।
विस् अध्यक्ष डॉ. महंत ने भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर दी भावभीनी श्रद्धांजलि
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति वैज्ञानिक और अभियंता डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। विस् अध्यक्ष डॉ महंत ने कहा कि, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ‘मिसाइल मैनÓ और जनता के राष्ट्रपतिÓ के नाम से भी जाना जाते है। वह भारत के 11वें निर्वाचित और पहले गैर-राजनीतिज्ञ राष्ट्रपति थे। भारत सरकार ने साल 1997 में कलाम साहब को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ भी प्रदान किया गया जो उनके वैज्ञानिक अनुसंधानों और भारत में तकनीकी के विकास में अभूतपूर्व योगदान हेतु दिया गया था। डॉ. कलाम साल 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में आये थे, जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी 3 के निर्माण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया था । भारत सरकार द्वारा उन्हें 1981 में ‘पद्म भूषणÓ और 1990 में ‘पद्म विभूषणÓ सम्मान भी प्रदान किया गया था। जुलाई 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त हुये। उनकी देखरेख में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ, ऐसे महान व्यक्तित्व को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
बृजमोहन ने शांति नगर सिंचाई कॉलोनी का मामला विधानसभा में उठाया
भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने शांति नगर सिंचाई कॉलोनी को तोड़कर वहां कमर्शियल कांप्लेक्स बनाने का मामला फिर विधानसभा में उठाया व शासन से जानना चाहा कि क्या शांति नगर सिंचाई कॉलोनी में बने पुराने शासकीय आवासों , बंगलो , गार्डन व अन्य निर्माण को तोड़कर नया व्यावसायिक काम्प्लेक्स बनाने का निर्णय लिया गया है किसने और कब लिया । कितने आवास व अन्य निर्माण तोड़े जाएंगे क्या उसका मूल्य का आकलन किया गया है। कार्य प्रारंभ हो गया है। यदि हां तो कब से किन के द्वारा तथा क्या-क्या कार्य किया गया है। प्रोजेक्ट किस विभाग का , प्रोजेक्ट कब तक पूरा होगा। कितने लागत का है । जमीन का स्वामित्व किसके पास है। वर्तमान में भूमि राजस्व रिकॉर्ड व मास्टर प्लान में किस मद व नाम में दर्द है। कुल क्षेत्रफल कितना है। उक्त कॉलोनी में कितने अधिकारी कितने कर्मचारी रहते हैं। इन्हें दिए जाने वाले शासकीय आवास की लागत कितनी आएगी । वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने अपने प्रश्न के उत्तर में यह स्वीकार किया कि जर्जर आवास के मूल्य का आकलन नहीं किया गया है। शासकीय कर्मचारियों को दिये जा रहे आवास के मूल्यों का भी आकलन नही किया गया है ।
साथ ही इस प्रोजेक्ट के वर्तमान में समय एवं लागत बता पाना संभव नहीं है । अधिकारियों को व कर्मचारियों को जो आवास दिया जा रहा है उक्त आवासों के अनुमानित लागत नहीं निकाला गया है ।कर्मचारियों का जो आवाज तैयार होना है उनका भी अनुमानित लागत नहीं किया गया है ।
वन मंत्रीने प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इस कार्य हेतु छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल को निर्माण एजेंसी घोषित किया गया है। रीडेवलपमेंट योजना के अंतर्गत अधिकार संपन्न मंत्री समूह का गठन किया गया है। उन्होंने यह निर्णय लिया है । जिनका अनुमोदन मंत्रिपरिषद से कराया गया है । शांति नगर में 314 आवास तोड़े जाएंगे पर इन आवासों के मूल्य का आकलन छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा नहीं किया गया है।
वन मंत्री ने बताया कि 22 भवनों को तोडऩे की कार्रवाई की गई है यह योजना पीपीपी मॉडल के तहत की की जाएगी । प्रस्तावित प्रोजेक्ट आवास एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल का है । वर्तमान में इस प्रोजेक्ट पर कितना समय लगेगा व कितना लागत लगेगा दोनों बताना संभव नहीं है । वन मंत्री ने बताया कि यह भूमि जो 37.2 एकड़ है राजस्व रिकार्ड में शासकीय भूमि चिन्हित है ब। व मास्टर प्लान में आवासीय दर्ज है । शांति नगर कॉलोनी में 292 शासकीय अधिकारियों कर्मचारी निवासरत है। जिसमें गृह विभाग के अधीन आने वाले 30 शासकीय आवासों को डिस्मेंटल योग घोषित किया गया है । प्रश्न के उत्तर में मंत्री जी ने यह नहीं बताया कि यह योजना कितने का है और कब पूरा होना है
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