तुलसीपुर के संगम चौक में सुबह 7 बजे हुई घटना, काफी दिनों से दिनों के बीच विवाद था
राजनांदगांव@thethinkmedia.com
दो युवकों में आपसी लेनदेन का विवाद रविवार सुबह हत्या की वारदात में तब्दील हो गया। वारदात शहर के संगम चौक में सुबह 7 बजे हुई जहां मृतक हरीश सिन्हा और दद्दू उर्फ उमेश सोनवानी के बीच पुराने विवाद को लेकर विवाद छिड़ गया। इसी बीच सब्जी काटने इस्तेमाल करने वाले चाकू से दद्दू ने हरीश के सीने पर जोरदार वार किया। इस दौरान हरीश के पिता संतोष सोनी भी मौके पर ही मौजूद थे। घायल युवक को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह घटना चौक में सड़क के बीचों-बीच हुई। घटना की जानकारी मिलते ही यहां पुलिस बल आ पहुंचा। सीएसपी लोकेश देवांगन भी मौके पर पहुंचे थे। इस बीच आरोपी मौके से फरार हो गया। पुलिस की टीम ने इलाके में नाकेबंदी कर उसे गिरफ्तार किया। आरोपी के पास से घटना में इस्तेमाल किया गया चाकू और उसके खून से सने कपड़े बरामद किए गए हैं। बताया जाता है कि दोनों युवकों के बीच 5 हजार रुपए के लेन-देन को लेकर विवाद था।
महिने भर में शहर के भीतर चाकूबाजी से हत्या की यह दूसरी वारदात है। मामले में आरोपी को पुलिस ने घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया है। तुलसीपुर इलाके के संगम चौक में सुबह-सुबह हुई इस घटना के बाद लोगों में दहशत है। जानकारी के मुताबिक आरोपी 19 वर्षीय दद्दू और मृतक 22 वर्षीय हरीश सिन्हा के बीच आपसी लेनदेन को लेकर पुराना विवाद था। इसके चलते दोनों के बीच कई बार मारपीट हो चुकी थी और मामला थाने तक भी पहुंचा था। रविवार की सुबह भी इसी मामले को लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था।
बताया जाता है कि हरिश और उसके पिता ने आरोपी को सुबह पीटा भी था। जिसके बाद ही उसने इस घटना को अंजाम दिया। हत्या के मामले में पुलिस ने मृतक के पिता की रिपोर्ट दर्ज की है। आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है। शहर में लगातार हो रही ऐसी वारदातों के चलते अब लोगों में डर बना हुआ है। युवाओं द्वारा कारित की जा रही इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
पुलिस की पकड़ ढीली पड़ रही : गैंगवार और आपसी झगड़े हत्या की वारदातों में तब्दील हो रही है। पिछले कुछ समय में ऐसे में मामलों बढ़ गए हैं। हालही में मठपारा में कुछ युवकों ने मिलकर एक युवक की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। आपसी छोटे विवाद के बाद यह घटना हुई थी। चाकू बाजी के और भी कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हालही में युवाओं के गैंगवार की भी घटना सामने आई थी। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई भी की थी। लेकिन असल तौर पर जुआ, सट्टा पर कार्रवाई करने के बीच पुलिस दूसरे अपराधियों पर पुलिस की पकड़ ढीली पड़ती जा रही है। नशे में चूर रहने वाले युवाओं की ओर पुलिस का ध्यान नहीं है जो कि बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिसिंग ध्वस्त हो चुकी : शहर में वारदातों पर नकेल कसने सबसे जरुरी पुलिसिंग कमजोर हो चुकी है। गश्त के नाम पर महज औपचारिकता निभाने के हालात हैं। शहर के आऊटरों में घंटों एक ही जगह खड़ी रहने वाली पुलिस की गाडिय़ों को देखकर यही समझा जा सकता है। संवेदनशील इलाकों में भी पुलिस की गश्त काफी कम है। इस गश्तीदल में जवानों की संख्या भी बहुत कम होती है। इसका असर शहर में बढ़ते अपराधों के तौर पर सामने आ रहा है। बीते कुछ समय में यह हालात और बिगड़े हैं।
गली-गली में नशे की दुकान : शहर के युवाओं का एक बड़ा वर्ग नशे का शिकार है। शहर की गलियों, गांजा-शराब, वाईटनर, नशे की गोलियां बिक रही है। इसका नतीजा बड़ी वारदातों के तौर पर सामने आता है। कुछ नशे ऐसे हैं जिसके बाद सोचने, समझने की ताकत खत्म हो जाती है, दर्द का एहसास भी नहीं होता। इस नशे की लत रखने वाले युवा किसी भी तरह की वारदात को अंजाम दे सकते हैं। देर शाम के बाद शहर के कुछ इलाकों में तो खतरा और भी बढ़ जाता है। कई ऐसे ठिकाने हैं जहां ऐसे नशेडिय़ों का जमघट लगा होता है और ये किसी भी वक्त किसी के भी साथ वारदात कर सकते हैं। ऐसे मामलों में कार्रवाई की कमी के चलते शहर में अपराध बढ़ रहा है।
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