पुरंदेश्वरी के बयान पर सीएम बघेल के साथ मंत्रियों ने जताई आपत्ति, किसानों और छत्तीसगढिय़ों के अपमान पर माफी मांगे भाजपा
रायपुर@thethinkmedia.com
भाजपा के चिंतन शिविर के समापन सत्र में प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने विवादास्पद बयान देकर चुनाव से दो साल पहले ही चुनावी घमासान वाली स्थिति निर्मित कर दी है। भाजपा जगदलपुर में सत्ता तक पहुंचने की जमीनी मजबूती रास्ता तलाशने के बजाय मार्ग से भटक गई है। पूर्ण बहुमत वाली सरकार को भला ऐसे ही कोई बहा सकता है क्या? भाजपा का छत्तीसगढिय़ों के प्रति नफरत उजागर हो गया है। भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के जगदलपुर में दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी स्थित राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह छत्तीसगढिय़ा का अपमान है। किसानों का अपमान है। ये लोग नफरत की फसल उगा रहे हैं. पुरंदेश्वरी के बयान के बाद पार्टी की ओर से कोई खंडन या माफीनामा नहीं आया। पूरी भाजपा यह सोचती है कि यह किसान, छत्तीसगढिय़ा नफरत के लायक है, इसका हम विरोध करते हैं। ये छत्तीसगढिय़ों से माफी मांगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डी पुरंदेश्वरी के बयान को लेकर शनिवार को सात अन्य मंत्रियों के साथ पत्रकार वार्ता की। चिंतिन शिविर को लेकर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय शिविर में भाजपा की चिंता बस्तर की नहीं, आदिवासियों की नहीं, नक्सली समस्या नहीं बल्कि धर्मान्तरण, छत्तीसगढ़ सरकार और ओबीसी को साधने की थी। उनके एक प्रभारी ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और उनका किसान होना था। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती माता कौशल्या, मिनीमाता की है, इसलिए नारियों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। पुरंदेश्वरी मेरे लिए सम्मानित हैं। एक तरफ भाजपा के एक प्रभारी सबसे बड़ी चुनौती किसान को कहते हैं, वहीं किसान का मुख्यमंत्री होने को सबसे बड़ी चुनौती मानते है। पुरंदेश्वरी कहती हैं कि पूरा मंत्रिमंडल उनके थूक से बह जाएगा। थूकने का मतलब है नफरत करना है, घृणा करना। इससे पता चलता है कि आपके मन में कितनी घृणा है।
बयान पर चढ़ा सियासी पारा : भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के चिंतिन शिविर में दिए बयान से प्रदेश का सियासी पारा चढ़ हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने तंज कसते हुए कहा कि (चिंतन) शिविर में केवल ‘थूकÓ ही निकल पाया. वहीं वन मंत्री मो. अकबर ने इसे प्रदेश की जनता का अपमान बताया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ पत्रकारों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि डी पुरंदेश्वरी की बात भाजपा के निकृष्टम सोच की अंतिम पराकाष्ठा है। तीन दिन के चिंतन में मैं सोचता था, कुछ निकलेगा. लेकिन केवल ‘थूकÓ निकल पाया. छत्तीसगढिय़ा लोग इसका शांतिपूर्ण ढंग से आने वाले समय में इसका प्रतिकार करेंगे।
चौबे ने कहा कि मैं कृषि मंत्री भी हूं और किसान भी हूं। चिंतन शिविर में किस बात की चिंता हुई ये समझने की बात है। नगरनार स्टील प्लांट बिकने वाला है, उस पर चर्चा तक नहीं होना? प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुधारने की बात की चर्चा नहीं? ऐसे भाजपा के लोग हैं. छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए यह अपमान है। किसानों के प्रति इस तरह की सोच इनकी विचार को प्रदर्शित करती है।
महामारी एक्ट के तहत थूकना अपराध : अकबर – वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि पुरंदेश्वरी का बयान पूरी छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान है। प्रदेश में पानी नहीं गिरा है, अकाल की स्थिति है, लेकिन इन्हें अपने सूखे की चिंता है। महामारी अधिनियम में थूकना अपराध है। थूकने के लिए प्रेरित करना अपराध है। अगर कलेक्टर ने संज्ञान ले लिया तो लेने के देने पड़ जाएंगे। इनको अंदाज नहीं है ताकत का। गलत आकलन कर रहे हैं।
आज प्रदेश भर में कांग्रेस करेगी पुतला दहन : छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा बस्तर में आयोजित चिंतन शिविर के समापन अवसर पर राष्ट्र्रीय महामंत्री एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी द्वारा कांग्रेस पार्टी एवं राज्य कांग्रेस सरकार, मंत्रिमंडल को लेकर किये गये, बयानबाजी (भाजपा के कार्यकर्ता धूक देंगे, तो कांग्रेस का पूरा मंत्रिमंडल बह जायेगा) को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने गंभीरतापूर्वक लेते हुए भाजपा प्रभारी के इस बयान का विरोध करने का निर्णय लिया है। 5 सितंबर को प्रदेश के समस्त जिला, शहर कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी का पुतला दहन किया जायेगा।
बीजेपी का पलटवार : सरकार का मंत्री दस्यु सुंदरी और काले बाल वाला नेता कहे, ये कौन सी संस्कृति
भारतीय जनता पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रें स में स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी के बयान को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है। उन्होंने अपनी बात सही कही थी लेकिन उसे गलत अर्थों में लिया जा रहा है। पार्टी ने सफ ाई दी कि चिंतन बैठक का जो डांस वीडियो वायरल हुआ, वह दर्शाता है कि सरकार मुद्दाविहीन हो गई है। साय के मुताबिक नाचते हुए विधायकों का वीडियो एक मनोरंजन कार्यक्रम का हिस्सा था जो चिंतन बैठक के समापन के बाद हुआ। इसी मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि डी पुरंदेश्वरी के बयान को कॉन्ग्रेस और मीडिया में जिस तरीके से उछाला जा रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस को नहीं भूलना चाहिए कि उसके एक पूर्व मंत्री ने पीएम को गाली दी थी। कांग्रेस को यह भी याद दिला दूं कि उसके प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को एक अश्लील वीडियो के चलते ही पार्टी से हटा दिया गया था। चंद्राकर ने कहा कि हमारी पार्टी के एक सांसद को सरकार के एक मंत्री काले बाल वाला नेता कहकर अपमानित कर रहे हैं, क्या मुख्यमंत्री ऐसी शब्दावली से सहमत हैं। ये नारी सम्मान की बात करते हैं लेकिन इनके एक मंत्री हमारी प्रभारी नेता को दस्यु सुंदरी कहते हैं। मुख्यमंत्री उन्हें समझा दें की ऐसी भाषा अपमानजनक है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साय ने आगे कहा कि ऐसे लोग भारतीय जनता पार्टी को संस्कृति समझाने का प्रयास ना करें। यह जनता के सामने खुद नंगे हो चुके है। साय से जब पूछा गया कि चिंतन बैठक में एक विशेष जाति और वर्ग के नेताओं को दरकिनार क्यों किया गया, इसे लेकर पार्टी के कार्यकर्ता और मीडिया में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, क्या पार्टी ने ऐसा किसी विशेष छवि से उभरने के लिए किया? साय ने कहा कि चिंतन बैठक में सभी सम्मानित और अपेक्षित नेताओं को बुलाया गया था। बीजेपी जातिवाद की राजनीति पर यकीन नहीं करती है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा सांसद सुनील सोनी, किसान मोर्चा के संदीप शर्मा, किसान नेता मोतीलाल साहू, भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव और मीडिया प्रभारी नालिनेश ठोकने उपस्थित थे।
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