कमला कॉलेज चौक स्थित दुकानों के आबंटन को लेकर तनाव की स्थिति, निगम पर उठ रही उंगलियां
राजनांदगांव@thethinkmedia.com
मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना के तहत कमला कॉलेज में निर्मित 24 दुकानों के आबंटन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दुकानों के निर्माण से पहले यहां दुकानों का संचालन करने वाले दुकानदारों ने अपात्रों को आबंटन और पात्र हितग्राहियों को दुकानें न देने का आरोप लगाया है। इसे लेकर शुक्रवार की दोपहर यहां बड़ा हंगामा खड़ा हो गया। दरअसल, कुछ लोग कुछ दुकानों पर ताला लगा रहे थे। इसी दौरान पहले यहां दुकानों का संचालन कर रहे लोगों ने उसे रोक दिया और हंगामा शुरु हो गया। नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु की अगुवाई में हितग्राहियों ने इस संदर्भ में कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है। कलेक्टर ने आबंटन में पारदर्शिता बरतने और पात्रों को दुकानों के आबंटन का आश्वासन दिया है।
शुक्रवार की दोपहर कुछ लोग यहां दुकान आबंटित होने का दावा करते हुए अपना ताला लेकर पहुंचे थे। यहां दुकानों के निर्माण से पहले व्यवसाय करने वालों ने इस पर आपत्ति करते हुए कहा कि दुकानें उन्हें आबंटित होनी चाहिए क्यूंकि उनका यहां कब्जा रहा है। निगम की ओर से उन्हें नोटिस भी मिली थी। जिसके तहत दुकान उन्हें ही मिलनी चाहिए। इस दौरान यहां पहुंचे अन्य लोगों ने निगम के राजस्व निरीक्षक राजकुमार बंजारे का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने ही दुकान आबंटित होने की जानकारी दी थी और अपना ताला लगाने कहा था।
दरअसल, इन दुकानों के निर्माण के पूर्व तकरीबन 22 दुकानदारों को यहां से हटाया गया था। उन्होंने नोटिस दिया गया था। कब्जा हटाने से पहले फोटो-विडियोग्राफी हुई और पंचनामा भी किया गया। कुछ दुकानदारों के मौके पर उस दौरान मौजूद न रहने के चलते उनके नाम शामिल नहीं हुए। निगम में तैयार हुई फाईल में भी इन हितग्राहियों के नाम शामिल रहे। लेकिन बीते दिनों एमआईसी की बैठक में तैयार की गई सूची में 22 हितग्राहियों में से 13 को ही दुकानों का आबंटन किया गया। बाकी की दुकानें ऐसे लोगों को दी गई है जिनका यहां कभी कब्जा ही नहीं रहा।
यह भी शिकायतें सामने आ रही है कि इन दुकानों के आबंटन में एक ही परिवार के तीन लोगों को तीन दुकानों का आबंटन किए जाने की तैयारी है। इनका नाम सूची में शामिल है। जबकि उक्त में से किसी एक का भी यहां पहले कब्जा नहीं रहा है और न ही वे यहां व्यवसाय करते रहे हैं। इसी तरह ये भी खबरें हैं कि दुकानों के आबंटन के लिए 6-7 लाख रुपए की मांग हो रही है। कुछ दलालतत्व लोगों से संपर्क कर उन्हें दुकानों का आबंटन कराने के लिए यह रकम मांग रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने भी इसे लेकर सवाल खड़े किए हैं।
नेता प्रतिपक्ष और दुकानदारों ने सौंपा ज्ञापन
मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना के तहत निर्मित 24 दुकानों के आबंटन में पारदर्शिता बरते जाने और विस्थापित किए गए दुकानदारों को ही दुकानों का आबंटन किए जाने की मांग नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु के नेतृत्व में दुकानदारों ने की है। 4 बिंदुओं को लेकर इस संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है। इस दौरान भाजपा उत्तर मंडल अध्यक्ष अतुल रायजादा सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। उन्होंने कहा कि दुकानों के निर्माण के लिए यहां से 22 दुकानदारों को हटाया गया। इन्हें नोटिस जारी की गई। पंचनामा तैयार किया गया और फोटो-विडियोग्राफी भी की गई। जानकारी मिल रही है कि इन विस्थापित 22 दुकानदारों में से महज 13 लोगों का नाम हितग्राहियों की सूची में शामिल है। इसके अलावा अन्य दुकानों को किन्हीं अन्य लोगों को ही आबंटित किए जाने की जानकारी है। यही भी सूचना है कि कुछ दुकानें एक ही परिवार के तीन-तीन लोगों को आबंटित किए जाने की तैयारी है। नेता प्रतिपक्ष यदु ने कहा कि, पात्र हितग्राहियों को दुकानों के आबंटन के बाद ही शेष दुकानें लॉटरी के माध्यम से आबंटित हों। कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के दौरान पार्षद खेमिन यादव, पारस वर्मा, मणीभास्कर गुप्ता, गप्पु सोनकर, गगन आईच, मधु बैद, अजय छैदेया, कमलेश बंधे, सेवक उइके, राजेश यादव एवं स्थानीय दुकानदार मौजूद थे।
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