भाटापारा
योजनाओं के क्रियान्वयन की धीमी गति। लचर कार्यशैली से उठते सवालों सहित कई अन्य गतिविधियों को देखते हुए नगर पालिका की प्रेसिडेंट इन काउंसिल को भंग कर दिया गया है। इसी के साथ ऐसे चेहरे की तलाश शुरू हो चुकी है जो ,पीआईसी को नई पहचान दे सकें।
अपनी नगर पालिका का वैसे तो खूब नाम है लेकिन बीते कुछ समय से इसे सुस्त और अस्त- व्यस्त नगरपालिका के रूप में देखा जा रहा है। खासकर शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में जैसी सुस्ती, इसने दिखाई है उसने इसकी छवि को नुकसान ही पहुंचाया है। इसके अलावा दैनिक कामकाज में भी इसका प्रदर्शन वैसा नहीं रहा, जैसा होना चाहिए था। कई बार बैठकों में हिदायत दी गई लेकिन अमल नहीं हो सका। इसे देखकर व्यक्तिगत तौर पर भी समझाया गया। नतीजा हमेशा की तरह शून्य ही रहा। लिहाजा अध्यक्ष सुनीता गुप्ता ने प्रेसिडेंट इन काउंसिल को भंग करने का आदेश जारी कर दिया। अब देखना है कि वह नए चेहरे कौन होंगे, जो सुस्ती को चुस्ती में बदलने की क्षमता रखते हैं।
आदेश तत्काल प्रभावशील
नगरपालिका अधिनियम -1961 की धारा 70 एवं 71 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए अध्यक्ष सुनीता गुप्ता ने 27 अगस्त 2021को प्रेसिडेंट इन काउंसिल को भंग कर दिया है। आदेश प्रभावी होने के बाद श्वेता मिश्रा, उषा खूंटे, प्रमेंद्र तिवारी, रोहित साहू, सीरीज जांगड़े और सुशील सबलानी की जगह नए सदस्य नामांकित किए जाएंगे।
तलाश नए चेहरे की
प्रेसिडेंट इन काउंसिल के भंग कर दिए जाने के साथ, अब ऐसे नए चेहरे की तलाश है जो शहर विकास को लेकर न केवल गंभीर हों बल्कि शासकीय योजनाओं को गति देने में भी सक्षम हों। 31 पार्षदों वाली नगर पालिका परिषद में ऐसे प्रतिभावान पार्षद की खोज निश्चित ही कठिन काम होगा लेकिन इसे लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं।
गठन बहुत जल्द
31 वार्ड वाली नगर पालिका में 15 पार्षद कांग्रेस से हैं। जबकि इतने ही पार्षद भाजपा से हैं द्य निर्दलीय ,एक पार्षद के समर्थन से चल रही, मेयर इन काउंसिल के नए सिरे से गठन के लिए ज्यादा समय नहीं है। कवायद इस बात की है कि नए चेहरे की संख्या सीमित हो ताकि कामकाज पटरी से उतर ना पाए।
प्रेसिडेंट इन काउंसिल में नए चेहरे तो होंगे लेकिन ज्यादा की संभावना नहीं है। वैसे अध्यक्ष को यह विशेषाधिकार दिया गया है कि वे बदलाव के लिए नए सिरे से गठन कर सकते हैं।
-त्रिलोक सलूजा, उपाध्यक्ष, नगर पालिका परिषद भाटापारा
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