July 1, 2025

छत्तीसगढ़ में पढ़ाई को बढ़ावा देता रूम टू रीड इंडिया का अभियान

‘मैं जहां सीखना वहां आरंभ

रायपुर

छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से रूम टू रीड (आरटीआर) का 25 दिवसीय अभियान ”मैं जहां सीखना वहां”, ”नहीं रुकेंगे नन्हे कदम, घर पर भी पढ़ेंगे हम” 15 अगस्त 2021 से चल रहा है। अभियान का शुभारंभ राज्य के माननीय स्कूली शिक्षा, आदिवासी एवं अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाई सिंह टेकम ने की।

अवसर की गरिमा बढ़ाते हुए उन्होंने बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों को घर पर बच्चों की शिक्षा के लिए पुरजोर समर्थन देने का आग्रह किया और यह सुनिश्चित किया कि 15 अगस्त से 8 सितंबर 2021 तक इस अभियान के दौरान बच्चों तक विभिन्न शिक्षण सामग्री पहुंचे। उन्होंने माता-पिता से अनुरोध किया कि प्रतिदिन खास कर बच्चों के लिए केवल 15-30 मिनट का समय निकालें ताकि घर पर भी उनकी पढ़ाई में मदद मिले। बच्चों की इंटरैक्टिव शिक्षा के लिए माननीय मंत्री ने खास डिजाइन का अनोखा सार्वजनिक टेलीविजन ”चुन्नू मुन्नी की भाषा बोली” का भी शुभारंभ किया जिसके तहत माता-पिता और शिक्षकों के सहयोग से बच्चे बेहतर सीखेंगे। अभियान मुख्यत: बच्चों के माता-पिता, शिक्षकों और समुदाय के सदस्यों में यह जागरूगकता बढ़ाने का संदेश देता है कि लोग पढऩे में बच्चों की मदद करें और पढऩे और सीखने का बेहतर माहौल बनाएं।

अभियान का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों और समुदाय के अन्य लोगों में भी स्वेच्छा से पढऩे की आदत डालने को बढ़ावा देना है जिसके लिए लोग एक दूसरे को प्रेरित करें और समर्थन दें। यह सभी विद्यार्थियों, उनके माता-पिता, शिक्षकों और समुदाय के अन्य लोगों को एकजुट हो कर सीखने और एक साथ पढऩे का आनंद लेने को प्रोत्साहन देने का बड़ा प्रयास है। मोबाइल बैलगाड़ी पुस्तकालय अभियान के दौरान राज्य की पहल: अभियान की शुरुआत में छत्तीसगढ़ के टिल्दा प्रखंड में रूम टू रीड के बालिका शिक्षा कार्यक्रम के विद्वानों ने मोबाइल बैलगाड़ी पुस्तकालय शुरू करने की पहल की।

इसमें गांव के सरपंच एवं बालिका शिक्षा कार्यक्रम के सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद ली गई। टिल्डा के जीईपी विद्वानों ने अपने बचपन की कहानी की किताबें मोबाइल लाइब्रेरी को दान कर बच्चों में पढऩे की आदत डालने की शुरुआत की। इसके लिए वे फुर्सत बना कर छोटे भाई-बहनों और समुदाय के अन्य बच्चों के बीच बैठ कर सभी में पढऩे की आदत डालने लगे। इसी मकसद से रायपुर के टिल्दा प्रखंड में पढऩे का माहौल बनाने पर केंद्रित नुक्कड़ नाटक और राजनंदगांव में कहानी सुनाओ प्रतियोगिता और पुस्तक वाचन (पुस्तक वितरण) का आयोजन किया गया। रूम टू रीड इंडिया के कार्यक्रम निदेशक, शक्तिब्रत सेन ने कहा: बच्चों का पढऩा केवल स्कूलों तक सीमित रहे यह उचित नहीं है। दरअसल हम आसपास की घटनाओं को देख कर बहुत कुछ सीखते हैं। दैनिक जीवन के अनुभव से हमारा ज्ञान बढ़ता है। ऐसे में बच्चों के साथ संवेदनशील व्यक्ति का बैठना, पढऩा और संवाद करना महत्वपूर्ण है। यह सार्थक सामाजिक जुड़ाव है जिससे बच्चों की भावना समझ आती है। वे क्या सीख रहे हैं, क्या सोच रहे हैं यह सब हमारी समझ में आता है।

इससे बच्चों में सीखने की ललक पैदा होगी जो उन्हें जिन्दगी के नए और बेहतर पहलुओं से अवगत कराएगी।”

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