September 16, 2025

श्रद्धालु फलों से सुसज्जित हिंडोला में विराजे कान्हा को झूला झुला सकेंगे

जन्माष्टमी खरीदारी के लिए उमड़ी भीड़, राधा-कृष्ण मंदिरों में तैयारी पूर्ण, प्रतिमाओं का मनमोहक श्रृंगार दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी

रायपुर@thethinkmedia.com

कोरोना महामारी में प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत जन्माष्टमी मनाने के लिए राधा-कृष्ण मंदिरों में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बाजारों में जन्माष्टमी मनाने के लिए खरीदारी करने वाले लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। राजधानी के 10 से अधिक कृष्ण मंदिरों में श्रीकृष्ण के बाल रूप कान्हा का 251 लीटर दूध से अभिषेक करके चांदी के झूले में विराजित किया जाएगा।
राधा-कृष्ण की प्रतिमाओं का मनमोहक श्रृंगार दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। जवाहर नगर स्थित श्री राधा-कृष्ण मंदिर के मुख्य पुजारी पं.मलैया महाराज ने बताया कि सुबह 9 बजे शंखनाद एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महाप्रभु श्री जुगल-जोड़ी सरकार जु का (251) लीटर दूध से अभिषेक किया जाएगा। सुबह 10.30 बजे महाआरती कर प्रसाद स्वरूप दूध, फल, मिठाई, माखन-मिश्री का वितरण किया जाएगा। शाम 6 बजे से भव्य श्रृंगार दर्शन, झांकी दर्शन होगा। श्रद्धालु विविध फलों से सुसज्जित हिंडोला में विराजे कान्हा को झूला झुला सकेंगे। शाम 7 बजे महिला मंडल भजनों की प्रस्तुति देंगी। रात्रि 12 बजे ढोल बाजे, मंजीरा, शंख बजाकर भगवान का का जन्मोत्सव मनाएंगे। इसके बाद महाआरती होगी।
सिटी कोतवाली में जन्मेंगे भगवान : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व समिति के संयोजक माधवलाल यादव ने बताया कि पिछले कुछ सालों से कोतवाली जेल में आधी रात को कान्हा के जन्म का संक्षिप्त मंचन किया जाता था। इस साल कोतवाली (जेल) का नया भवन बन चुका है। नए भवन में कान्हा जन्मेंगे। वासुदेव का भेष धारण करके कान्हा को सदर बाजार स्थित गोपाल मंदिर ले जाएंगे, जहां जन्मोत्सव की आरती की जाएगी।
इस्कान मंदिर : टाटीबंध स्थित इस्कान मंदिर में सादगी से जन्मोत्सव मनाया जाएगा। प्रभु श्रीलपाद की पूजा एवं राधा-कृष्ण की प्रतिमा का मनमोहक श्रृंगार करके आधी रात को जन्मोत्सव मनेगा। कोरोना नियमों के चलते इस बार मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा समता कालोनी के राधा कृष्ण मंदिर, खाटू श्याम मंदिर, पुरानी बस्ती के गोपाल मंदिर, बूढ़ापारा के गोकुल चंद्रमा मंदिर में भी सादगी से जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
जैतुसाव मठ में श्रीकृष्ण भक्ति की अलग ही नजारा : जन्माष्टमी को लेकर रायपुर जिला प्रशासन ने भले ही कोरोना की वजह से गाइडलाइन जारी कर लोगों को सावधान किया है, लेकिन त्योहार को लेकर भक्तों का उत्साह कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जन्माष्टमी पर्व को लेकर रायपुर के जैतुसाव मठ का एक अलग ही नजारा देखने को मिला। कृष्ण जन्माष्टमी के पहले ही दिन मंदिर प्रांगण में महिलाएं जन्म उत्सव से पहले ही झूम उठीं। मठ के सचिव महेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि इस बार भव्य आयोजन तो नहीं होगा, लेकिन भगवान के जन्मदिन को उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। मंदिर में दर्शकों को आने की अनुमति तो होगी, लेकिन किसी उन्हें प्रसाद का वितरण नहीं होगा। पूर्व में आम जनता के घरों में भी प्रसाद पहुंचाया जाता था, उस कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया गया है, जन्माष्टमी के दूसरे दिन भंडारे का आयोजन भी किया जाता था, इस बार वो कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया गया है. मंदिर के भक्तों से अपील की जा रही है कि वे भीड़-भाड़ ना करें और मंदिर परिसर में मास्क पहनकर आए, समाजिक दूरी का पालन भी करें, दर्शनार्थियों के लिए मंदिर के द्वार खुले हैं।
जन्माष्टमी पर हर साल भव्य रूप से दही-हांडी प्रतियोगिता का आयोजन होता था। मगर, लगातार दूसरे साल भी कोरोना महामारी को देखते हुए बड़े पैमाने पर आयोजन नहीं हो सकेगा। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए प्रशासन ने दही-हांडी फोडऩे पर रोक लगा दी है। हालांकि, लोग अपने घरों में जन्माष्टमी को धूम-धाम से मनाने के लिए तैयारियां और बाजार से खरीदारी कर रहे हैं। साथ ही मंदिरों में दर्शन करने के लिए प्रत्येक श्रद्धालु को छह फीट की दूरी रखते हुए लाइन में लगना होगा। न तो प्रसाद वितरण किया जाएगा और न ही श्रद्धालुओं पर जल का छिड़काव होगा। अपर कलेक्टर ने 22 बिंदुओं वाली गाइडलाइन जारी की है।
इन नियमों के तहत मना सकेंगे जन्माष्टमी : मंदिर प्रवेश द्वार सैनिटाइजर एवं थर्मल स्क्रीनिंग, धार्मिक स्थलों एवं सार्वजनिक जगहों पर मटकी नहीं फोड़ सकेंगे, मास्क के बिना प्रवेश नहीं, एक साथ भीड़ नहीं,जागरूकता फैलाने के लिए आडियो, वीडियो बजाना होगा,जूते-चप्पल के लिए विशेष व्यवस्था, मंदिर के बाहर दुकान, स्टाल, कैफेटेरिया में भीड़ न हो,गोल घेरा में खड़ रहने की व्यवस्था,मूर्ति, धार्मिक ग्रंथों को छूने की अनुमति नहीं,बड़ी सभाएं, मंडली पर प्रतिबंध, रिकॉर्ड किए गीत बजा सकेंगे, सार्वजनिक चटाई, दरी पर प्रतिबंध, श्रद्धालु ला सकेंगे।
जन्माष्टमी पर शराब और मांस दुकानें रहेंगी बंद : छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर शराब और मांसाहार की दुकानें बंद रहेंगी। सरकार ने इसका आदेश जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर मदिरा विक्रय दुकानों और मांसाहार की दुकानों को 30 अगस्त को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।

राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष ने कृष्ण जन्माष्टमी पर दी शुभकामनाएं

राज्यपाल अनुसुईया उइके और विधानसभा अध्यक्ष ने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।राज्यपाल उइके ने शुभकामना संदेश में कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण ने भागवद् गीता के माध्यम से मानव को जीने की सही राह दिखाई। उन्होंने कहा कि गीता का संदेश जनमानस के लिए युगों-युगों से पथ प्रदर्शक रहा है। भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश आज भी प्रासंगिक है। यह हमें कर्म एवं ज्ञान का पथ दिखाता है। राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों के सुख, शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर समस्त प्रदेश वासियों को बधाई शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। डॉ महंत ने कहा मैंने अपने जीवन में श्रीकृष्ण के उपदेश और पांच मंत्र-पहला मंत्र, शान्त और धैर्य स्वभाव रखकर काम करना। दूसरा मंत्र, साधारण जीवन। तीसरा मंत्र, कभी हार न मानना। चौथा मंत्र, दोस्ती निभाना। पांचवा मंत्र, माता-पिता का हमेशा आदर करना इसे कृष्ण जी ने आत्मसात किया है। श्रीकृष्ण युगों-युगों से हमारी आस्था के केंद्र रहे हैं। वे कभी यशोदा मैया के लाल होते हैं, तो कभी ब्रज के नटखट कान्हा। उन्होंने ही अर्जुन को धर्म और अधर्म के बारे में ज्ञान दिया था। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समस्त गीता का बोध ज्ञान करवाया था, गीता में जीवन का समस्त ज्ञान समाया हुआ है।

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