अनुविभागीय अधिकारी द्वारा सरपंच पर धारा 40 लगाने एवं एक माह के भीतर कार्यवाही के आश्वासन के बाद चक्काजाम खत्म, सात घंटे तक रही चक्का जाम, नेशनल हाइवे के दोनों ओर लगी गाडिय़ों की लम्बी कतार
गरियाबंद@thethinkmedia.com
गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम काण्डेकेला के ग्रामीण शनिवार को ग्राम पंचायत काण्डेकेला के सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक को बर्खास्त करने की मांग को लेकर काण्डेकेला से धुरवागुड़ी नेशनल हाइवे 130 पर सुबह 7 बजे से अनिश्चितकालीन चक्का जाम पर बैठ गए और देखते ही देखते नेशनल हाइवे धुरवागुड़ी धरना स्थल की दोनों ओर गाडिय़ों की लम्बी कतार लग गई। नेशनल हाइवे धुरवागुड़ी में चक्का जाम की सूचना मिलने पर मैनपुर तहसीलदार कृष्णमूर्ति दीवान, जनपद पंचायत मैनपुर के मुख्यकार्यपालन अधिकारी नर्सिंग ध्रुव, धरना स्थल धुरवागुड़ी पहुंचे, जहां सड़क जाम करके बैठे ग्रामीणों को घंटों तक समझाने की कोशिश की गई, लेकिन ग्रामीण अड़ गए कि जब तक सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक पर कार्यवाही नहीं होगी तब तक वे सड़क से नहीं हटेंगे। जिसकी जानकारी तहसीलदार मैनपुर के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी मैनपुर सूरज साहू को दी गई।
धरना-प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों द्वारा शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जानबूझकर काण्डेकेला के सरपंच के खिलाफ कार्यवाही नहीं किया जा रहा है और इस कार्यवाही को अटकाया गया है, जबकि जांच की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और ग्राम काण्डेकेला के सरपंच द्वारा 40 लाख का फर्जी बिल लगाकर राशि आहरण करने की बात जांच टीम द्वारा जांच प्रतिवेदन में लिखा गया है उसके बाद भी सरपंच के उपर कोई कार्यवाही नहीं होने से ग्रामीण काफी खफा हैं।
वही मामले को लेकर मैनपुर के अनुविभागीय अधिकारी सूरज साहू धुरवागुड़ी पहुंचे और ग्रामीणों से सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक पर कार्यवाही करने का आश्वासन देते हुए चक्का जाम को खत्म करने का आग्रह किया लेकिन धरना स्थल पर उपस्थित ग्राम पंचायत काण्डेकेला के ग्रामीण इस बात पर अड़ गये और ग्राम पंचायत काण्डेकेला के सरपंच को तुरंत बर्खास्त करने की मांग लिखित रूप में मांगने लगे।
काफी लंबे समय तक ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच बात चली पर नहीं बनने पर ग्रामीणों द्वारा धरना एवं चक्का जाम को समर्थन देने पहुंचे बिन्द्रानवागढ़ के पूर्व भाजपा विधायक व संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी, जिला महामंत्री व जनपद सदस्य पुनीत सिन्हा, भाजपा युवा मोर्चा के गरियाबंद जिला अध्यक्ष डॉ योगिमाखन कश्यप, गोहरापदर भाजपा मंडल अध्यक्ष गुरुनारायण तिवारी, जनपद सदस्य निर्भय ठाकुर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी से सरपंच के उपर धारा 40 के तहत मामला कायम करने की बात रखी गई जिस पर अनुविभागीय अधिकारी मैनपुर सूरज साहू द्वारा ग्राम पंचायत काण्डेकेला के सरपंच के खिलाफ तत्काल धारा 40 का मामला कायम कर सरपंच को बर्खास्त करने के लिए एक माह का समय मांगा गया जिसके बाद दो बजे ग्रामीणों द्वारा चक्का जाम को खत्म किया गया। वही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अमलीपदर थाना प्रभारी नवीन राजपूत अपने दलबल के साथ धरना स्थल पहुंच गए चक्का जाम में ग्रामीणों की बड़ी संख्या को देखते हुए मैनपुर पुलिस के अनुविभागीय अधिकारी रूपेश कुमार डांडे, देवभोग थाना प्रभारी विकास बघेल भी दलबल के साथ चक्का जाम व धरना प्रदर्शन स्थल पहुंचे थे।
ग्रामीणों ने बताया कि इससे पूर्व भी सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक के उपर कार्यवाही नहीं होने पर काण्डेकेला के ग्रामीणों द्वारा 20 अगस्त को नेशनल हाइवे पर चक्का जाम करने की चेतावनी दी गई थी, जिसपर 19 अगस्त को मैनपुर तहसीलदार कृष्णमूर्ति दीवान, मैनपुर नायब तहसीलदार ख्याति कंवर, मैनपुर जनपद सीईओ नर्सिंग ध्रुव ग्राम पंचायत काण्डेकेला पहुंचे थे, जहां अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच चक्काजाम को लेकर बात हुई और अधिकारियों ने ग्रामीण को चक्काजाम न करने की समझाई दी, लेकिन ग्रामीण सरपंच-सचिव को बर्खास्त करने पर अड़ गए थे, ग्रामीणों की नाराजगी और विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अधिकारियों ने ग्रामीणों को सरपंच-सचिव एवं रोजगार सहायक पर 5 दिवस के भीतर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया था, जिस पर काण्डेकेला के ग्रामीणों ने अधिकारियों से कहा था कि 5 दिन की जगह 7 दिन में कार्यवाही करिए लेकिन कार्यवाही होनी चाहिए और उसी समय ही ग्रामीणों द्वारा अधिकारियों को बता दिया गया था कि अगर सात दिन के बाद भी कार्यवाही नहीं हुई तो ग्राम पंचायत काण्डेकेला के ग्रामीण धुरवागुड़ी पहुंचकर नेशनल हाइवे पर चक्का जाम करेंगे और इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। लेकिन ग्रामीणों द्वारा अधिकारियों को दिया गया 7 दिवस का समयावधि 26 अगस्त को समाप्त हो गया, लेकिन अधिकारियों द्वारा दी गई समय पर सरपंच सचिव व रोजगार पर कार्यवाही नहीं होने से शनिवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण धुरवागुड़ी पहुंचकर नेशनल हाइवे पर धरने पर बैठ गये।
इस दौरान धरना एवं चक्काजाम को समर्थन देने पहुंचे पूर्व भाजपा विधायक व संसदीय सचिव गोवर्धन सिंह मांझी ने मीडिया के समक्ष शासन-प्रशासन और सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि लगभग 40 लाख का भ्रष्टाचार किया गया जिसका कोई लेखा जोखा नहीं है और कोई रिकार्ड नहीं है और आज शासन-प्रशासन के लोग कहते हैं हम सुनवाई करेंगे, लेकिन ऐसा जनता को लगे कि कोई ठोस कार्रवाई हो रही है ऐसा नहीं दिखाई दे रही है, यदि इसी तरह पंचायत को छूट दी गई तो सभी पंचायतों यही करेंगे, वहीं कार्यवाही नहीं होने का कारण शासन-प्रशासन और ऊपर से नीचे तक सभी की मिलीभगत होने की बात कही और कहा कि दोषियों के होसले इतने बुलंद है कि फलाना के रहते हमें कुछ नहीं होगा कहते हैं।
More Stories
एस्सेल माइनिंग की दो कोयला खदानों को निष्पादित करने में भारत में इस वर्ष कोयले की कमी हो जाएगी
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय में स्मार्ट इंडिया हैकथॉन-2023
युवाओं को दरकिनार करना लोकसभा चुनाव में भी पड़ सकता कांग्रेस पर भारी – अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)