October 14, 2025

राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत 1 सितम्बर से पंजीयन का कार्य शुरू करने के निर्देश

मुंगेली

कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभा कक्ष में राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना के सफल कियान्वयन निगरानी एवं षिकायतो के निराकरण हेतु जिला अनुश्रवण समिति की प्रथम बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कलेक्टर वसंत ने योजना के दिषा-निर्देष अनुसार पात्र परिवारों के पंजीयन एवं चिन्हाकन ग्राम पंचायत ग्राम सभा से सत्यापन और विभिन्न गतिविधियों को समय सीमा में सम्पादित करने के निर्देष दिये।

बैठक में उन्होने कहा कि इस योजना के तहत आगामी 01 सितम्बर से 30 नवम्बर से तक पंजीयन का कार्य किया जाएगा। योजना के अंतर्गत पंजीकृत भूमिहीन कृषि मजदूरों को सलाना 06 हजार रूपये की राषि अनुदान सहायता के रूप में दी जाएगी। इस हेतु उन्होने पात्र हितग्राहियों का ही पंजीयन करने के निर्देष दिये। पंजीयन कार्य के अवसर पर पटवारी की उपस्थिति सुनिष्चित करने के लिए सभी अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देष दिये। पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज-आधार कार्ड, बैंक पासबुक के छाया प्रति के साथ आवेदन सचिव, ग्राम पंचायत के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। आवेदन मे यथा संभव मोबाईल नम्बर का भी उल्लेख किया जाना होगा। हितग्राही परिवार आवेदन की पावती ग्राम पंचायत सचिव से प्राप्त कर सकेगा। इस अवसर पर उन्होने पात्र भूमिहीन कृषि मजदूरों का पंजीयन एवं आवेदन पत्र संकलन हेतु ग्रामवार रोस्टर बनाने के भी निर्देष दिये। ताकि भू-धारी परिवारों की पहचान स्पष्ट हो सके। बैठक में कलेक्टर वसंत ने कहा कि योजनांतर्गत कट ऑफ डेट (पात्रता दिनांक) 01 अप्रैल 2021 होगा। 01 अप्रैल 2021 की स्थिति में योजनांतर्गत निर्धारित पात्रता होनी चाहिए। योजना अंतर्गत पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को होगी।

ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे सभी मूल निवासी भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे, जिस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि यथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा। उन्होने कहा है कि ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, घोबी, पुरोहित जैसे-पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। भूमिहीन कृषि मजदूर से अभीप्रेत ऐसा परिवार जो कोई कृषि भूमि धारण नहीं करता और जिसकी जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम करना है और उसके परिवार का जिसका की वह सदस्य है, कोई सदस्य किसी कृषि भूमि को धारण नहीं करता है। इसी तरह परिवार से आशय किसी व्यक्ति का कुटुम्ब अर्थात् उसकी पत्नी या पति, संतान तथा उन पर आश्रित माता-पिता से है। कृषि भूमि धारण नहीं करना से आशय, उस परिवार के पास अंश मात्र भी कृषि भूमि नहीं होना है।

कृषि भूमिहीन परिवारों की सूची में से परिवार के मुखिया के माता या पिता के नाम से यदि कृषि भूमि धारित है अर्थात् उस परिवार को उत्तराधिकार हक में भूमि प्राप्त करने की स्थिति होगी, तब वह परिवार भूमिहीन परिवार की सूची से पृथक् हो जाएगा। आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि, कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी। यदि पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया के द्वारा असत्य जानकारी के आधार पर अनुदान सहायता राशि प्राप्त की गई हो, तब विधिक कार्यवाही करते हुए उक्त राशि उससे भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जाएगी। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी रोहित व्यास, अपर कलेक्टर राजेष नषीने, संयुक्त कलेक्टर तीर्थराज अग्रवाल, सभी अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और सहित जिलास्तरीय अनुश्रवण समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।

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