रेल अधिकारियों की चुप्पी बढ़ा रही नाराजगी
भाटापारा@thethinkmedia.com
बेसब्री और बेचैनी बढ़ रही है। साथ में गुस्सा भी नजर आ रहा है क्योंकि नौकरी व रोजगार की तलाश में जाने वाले यात्रियों को 6 से 7 गुना ज्यादा पैसे, रेल सुविधा के लिए देने पड़ रहे हैं।
मार्च 2020 के बाद , बेपटरी हो चुका रेल परिचालन पटरी पर लौट चुका है लेकिन जिस शर्त के साथ यह लौटाई गई है, उससे अब गुस्सा देखा जा रहा है। लगभग सभी सुविधाएं लौटाई जा चुकी है लेकिन रेल सेवा अब तक सामान्य नहीं हो पाई है। कोरोना महामारी जैसी आपदा को जिस तरह अवसर के रूप में भुनाया जा रहा है, उसे महसूस करने वाले यात्रियों का सीधा सवाल कि आखिर यह कब तक ? लेकिन जवाब देने से लेकर सभी ने मौन साध लिया है।
रायपुर के लिए इतने पैसे : भाटापारा से रायपुर आने- जाने वाले नौकरी पेशा और दैनिक रोजी-मजदूरी की तलाश में यात्रा कर रहे यात्रियों को अब 2400 रुपए देने पड़ रहे हैं जबकि कोविड के पहले तक यह सेवा 380 रुपए में उपलब्ध थी। यह तो हुई लोकल ट्रेन की बात। आइए जानें कि एक्सप्रेस और सुपरफास्ट के लिए कितने पैसे देने पड़ रहे हैं ? जनशताब्दी ऐसी ट्रेन है जो दैनिक यात्रियों की पहली पसंद है। इसमें 130 रुपए 1 दिन की यात्रा पर लग रहा है। अमरकंटक के लिए 140 रुपए लग रहे हैं।
बिलासपुर जाना भी महंगा : 275 रुपए में मासिक पास की सुविधा लेने वाले बिलासपुर के यात्रियों को अब अ_ारह सौ रुपए देने पड़ रहे हैं। जब लोकल की टिकट 6 से 7 गुना महंगी में मिल रही है, तो एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों का किराया कितना होगा? इसकी कल्पना सहज ही की जा सकती है। रायपुर और बिलासपुर जाने वाले यात्रियों के लिए पैसेंजर ट्रेन की सुविधा पिछले 14 माह से बंद है। यदि यह परिचालन में लौट आती तो बेतहाशा खर्च से बचा जा सकता था, लेकिन जाने क्यों इस ट्रेन से दूरी बनाई जा चुकी है।
छत्तीसगढ़ सबसे महंगी ट्रेन
कोरबा- अमृतसर -कोरबा के बीच चल रही छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस ने यात्री किराया को लेकर लगभग सभी ट्रेन को पीछे छोड़ दिया है। इसमें यात्रा करना है तो जेब में 385 रुपए लेकर निकलना होगा। न्यायधानी के लिए भी इतनी ही रकम लेकर निकलें अन्यथा यात्रा से वंचित किए जा सकते हैं। मालूम हो कि राजधानी या न्यायधानी की यात्रा किसी भी ट्रेन में करने पर इतनी ही रकम लगने की जानकारी दी जा रही हैं।
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