September 15, 2025

हरेली आज : छत्तीसगढ़ का पहला तिहार आज मनाया जाएगा, गांवों में रहेगी धूम

कोरोना संक्रमण कम होने के चलते गांवों में आयोजनों की तैयारी

राजनांदगांव@thethinkmedia.com

सावन मास में भगवान शिव की भक्ति के साथ ही पहला त्योहार हरेली उत्सव 8 अगस्त को है। यह दिन लोक परंपरा का पर्व धूमधाम से मनेगा। किसान परिवार अपने घरों में गाय-बैलों की पूजा कर छत्तीसगढ़ी पकवान ठेठरी, खुरमी का भोग लगाएंगे। ग्राम देवता की पूजा कर किसी तरह की बीमारी छू न सके प्रार्थना करेंगे। बच्चों की टोलियां गैंड़ी दौड़ का लुत्फ उठाएंगी। कोरोना संक्रमण थमने के चलते इस बार त्यौहार पर गांवों में विभिन्न आयोजनों की तैयारी की जा रही है।
छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार हरेली इस बार धूमधाम और हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाएगा। पारंपरिक वेशभूषा के साथ जिले के अंचलों में गेड़ी दौड़, मटका फोड़, रस्सा खींच और छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के स्वाद के साथ बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। गांवों में गेड़ी दौड़, मटका फोड़, खो-खो, फुगड़ी, 100 मीटर दौड़, रस्सा खींच जैसे विभिन्न खेल आयोजन भी किए जाएंगे।
किसान लोक पर्व हरेली पर आज खेती-किसानी में काम आने वाले उपकरण और बैलों की पूजा करेंगे। इस दौरान सभी घरों में पकवान भी बनेंगे। इस दिन कुलदेवता की भी पूजा करने की परंपरा है। हरेली पर किसान नागर, गैंती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि के काम आने वाले सभी तरह के औजारों की साफ-सफाई कर उन्हें एक स्थान पर रखेंगे और इसकी पूजा-अर्चना करेंगे। इस अवसर पर सभी घरों में गुड़ का चीला बनाया जाएगा।

द्वार पर नीम पत्ती लगाने की रीत

हरेली के दिन गाँव-गाँव में लोहारों की पूछपरख बढ़ जाती है। इस दिन लोहार हर घर के मुख्य द्वार पर नीम की पत्ती लगाकर और चौखट में कील ठोंककर आशीष देते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उस घर में रहने वालों की अनिष्ट से रक्षा होती है। इसके बदले में किसान उन्हे दान स्वरूप स्वेच्छा से दाल, चावल, सब्जी और नगद राशि देते हैं। हरेली में जहाँ किसान कृषि उपकरणों की पूजा कर पकवानों का आनंद लेते हैं, वहीं युवा और बच्चे गेड़ी चढऩे का मजा लेंगे। लिहाजा, सुबह से ही घरों में गेड़ी बनाने का काम शुरू हो जाएगा। ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो इस दिन 20 से 25 फीट ऊँची गेड़ी बनवाते हैं।

पांच दिन बाद नाग पंचमी

ऐसा माना जाता है कि आषाढ़ अमावस्या तिथि किसान धान की बुआई पूरा कर लेते हैं। धान की बियासी का काम बचता है। हरेली त्योहारी से तीज-त्योहारों की बहार शुरू होती है। 8 अगस्त को हरेली महोत्सव और पांच दिन बाद 13 अगस्त को नागपंचमी का उत्सव मनाया जाएगा । इस मौके पर माताएं-बहनें भोलेबाबा का अभिषेक पूजन कर शिव के सबसे प्रिय गण नागदेवता की पूजा कर दूध चढ़ाती हैं, ताकि घर-परिवार में सुख, शांति, समृद्धि बनी रहे।

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