October 14, 2025

राशन के लिए उफनती नदी को पार करना ग्रामीणों की मजबूरी

मौत से खेल कर राशन लाना को मजबूर, सड़क, पुल-पुलिया सहित मूलभूत सुविधाओं का अभाव

नारायणपुर@thethinkmedia.com

21 वी सदी के भारत में आज भी जिले के कई ऐसे गांव हैं जहां विकास ग्रामीण विकास से कोसो दूर होकर सीमित संशाधन के सहारे अपना जीवन यापन कर रहे है। इससे ग्रामीणो को सड़क, पुल- पुलिया, शिक्षा, बेहतर विद्युत व्यवस्था सहित मुलुभूत सुविधाओं के अभाव में जीवन बिताना मजबूरी बन गया है। इसकी बांनगी राजपुर ग्राम पंचायत के आश्रित गांवो में देखने को मिलती है। इस ग्राम पंचायत के आश्रित 1 दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीणों को उफनती नदी में जान जोखिम में डालकर राशन लेने के लिए राजपुर पहुचना पड़ रहा है। इसी तरह ग्रामीण बरसात के 4 माह राशन लेने के लिए मिलो का सफर पैदल तय कर उफनते नदी-नालों को पार राशन लेने के लिए प्रतिमाह राजपुर पहुचना मजबूरी बन गया है। इसके साथ ही ग्रामीणों को स्वास्थ्य, शिक्षा, विद्युत व्यवस्था सहित मूलभूत सुविधाओं के अभाव में अपना जीवनयापन करना मजबूरी बन गया है। इसके बावजूद इस पर किसी का ध्यान नही जाना समझ से परे जान पड़ता है। जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से 51 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत राजपुर के आश्रित ग्राम नेलनार, ब्रेहबेड़ा, आदनार, बेड़मा,? भटबेड़ा, कुरूषनार सहित 1 दर्जन से ज्यादा गांव के ग्रामीण मुलभुत सुविधाओ से महरूम बने हुए हैं। गांव में ना हीं पक्की सड़क , नदी- नालों पर पुल का अभाव , बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए मिलो का सफर तय कारण मजबूरी बन गया है। गांव के किसी ग्रामीण तबियत खराब होने पर दवा नहीं मिलने से दुआओ के सहारे जिन्दा रहते हैं ।
इन ग्रामीणों को तबियत ज्यादा खऱाब होने पर मिलो का सफर पैदल तय कर बरसात के 4 माह जान जोखिम डालकर इलाज के लिए धनोरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या फिर छोटेडोंगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुचना पड़ता है। जहाँ इलाज नही होने की स्थिति में जिला मुख्यालय की ओर रुख करना पड़ता है। बरसात के 4 माह गांव टापू तब्दील होने की समस्या सालो से चलती आ रही है। इस समस्या के निजात के लिए ग्रामीणों ने कई बार पुल, पक्की सड़क व बेहतर स्वास्थ्य सेवा की मांग विधायक ,जनप्रतिनिधी से लेकर कलेक्टर से कर चुके हैं। लेकिन सालों बित जाने के बाद भी गांव की समस्या जस की तस बनी हुई है। पुल नहीं होने से गांव के लोग इन दिनों उफनती नदी को पार कर राशन लेने के लिए राजपुर उचित मूल्य दुकान पहुच रहे हैं । वही रोजमर्रा की जरूरतों के सामानों की आपूर्ति के लिए छोटेडोंगर साप्ताहिक बाजार में उफनती नदी को करना मजबूरी बन गया हैं । इस तरह की स्थिति से दशकों झेलते आ रहे है। 1 दर्जन से ज्यादा गांव के ग्रामीणों को इतनी तकलिफे और पीड़ा हो रही है। इतनी तकलिफे और पीड़ा जनप्रतिनिधि , सरकार और प्रशासन को क्यो नही हो रही है। इसमे जिम्मेदार मौन है आखिर इन गांवों की दिशा और दशा कब बदलेगी ऐ तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

कई बार अपनी समस्याओ को कराया अवगत

पुल की समस्या से हम लोग सालों से सामना करते आ रहे है। इससे पुल निर्माण के लिए कई बार जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया। लेकिन समस्या सालो बितने के बावजूद जस के तस बनी हुई है।
-मस्सू यादव, स्थानीय ग्रामीण

बरसात के 4 माह ज्यादा परेशानी

सड़क सहित नदी- नालों में पुल का अभाव होने के कारण बरसात के 4 माह ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान किसी के बीमार होने पर उसको कावड़ में बोहकर अस्पताल पहुचना पड़ता है।
-आयतू कोर्राम, स्थानीय ग्रामीण

राशन लेने के लिए नदी को पार करना मजबूरी

राशन लेने के लिए राजपुर उचित मूल्य दुकान जाना पड़ता है। इससे बरसात में नदी में पानी भरा होने पर कमर से उपर तक पानी को पार करते है। इसमे अगर किसी माह नही जाने पर दूसरे माह में राशन नही मिलता है। इससे बरसात में जान जोखिम में डालकर नदी को पार करना मजबूरी बन गया है।
-संतोष मण्डावी , स्थानीय ग्रामीण

गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव

गांव में स्वास्थ, शिक्षा, सड़क, पुल-पुलिया , बेहतर विद्युत व्यवस्था जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। इन समस्या से निजात के लिए कई बार ज्ञापन दिया गया। लेकुन ज्ञापन बस कागज में सीमित होकर राह गया है।
-सुकदेर कोर्राम, स्थानीय ग्रामीण

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