जशपुरनगर
कलेक्टर महादेव कावरे ने जिला चिकित्सालय जशपुर के 06 कर्मचारियों को किया निलंबित कर दिया है। कलेक्टर ने जिला अस्पताल जशपुर में वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में की गयी वित्तीय अनियमितता की जांच उपरांत जांच प्रतिवेदन 11 जून 2021 के अनुसार छ.ग. शासन भण्डार क्रय नियम 2002 यथा संशोधित नियम 2004 के नियम 08 के अनुसार नियमों का पालन नहीं करते हुए तथा अभिलेखों का संधारण न कर वित्तीय अनियमितता पाये जाने के फलस्वरूप जिला चिकित्सालय जशपुर के लेखापाल संदीप दास, लेखापाल सुरेश टोप्पो, लेखपाल जोगी राम, स्टोर लिपिक स्वाधीन साहू, स्टोर लिपिक तेज प्रसाद चौहान, स्टोर प्रभारी हरी प्रसाद डनसेना को सिविल सेवा नियम के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
निलंबन अवधि के दौरान इनका मुख्यालय कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जशपुर निर्धारित किया गया है। उक्त अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
यह है पूरा मामला
दो वर्षों में नर्सों व कर्मचारियों के लिए 57 लाख 14 हजार 897 रूपए के केवल कपडे खरीदे गए। और मजे की बात यह है कि जिस फर्म का नामोनिशान नहीं है उस फर्म से भ्रष्ट अधिकारीयों ने खरीदी कर ली।जिसमें कुमुद टेक्सटाईल खादी गम्हरिया जशपुर को 10 लाख से ऊपर की राशि का भुगतान किया गया है। जाँच टीम को यह पता चला कि यह फर्म ग्रामोद्योग में पंजीकृत ही नहीं है। जबकि नियमानुसार हथकरघा विकास को यह आर्डर जारी करना था वह भी भण्डार क्रय नियमों के अनुसार। मेसर्स कुमुद वस्त्रालय से भी लाखों की खरीदी बिना नियमों के की गई है। उक्त दो वर्षों में मेडिकल सामग्री, विद्युत सामग्री, सर्जिकल सामान, मेडिसीन, वस्त्र, कंप्यूटर समेत अन्य सामग्री की खरीदी का भुगतान सिविल सर्जन द्वारा किया गया है।जिसकी राशि लगभग 1 करोड़ 67 लाख 5 हजार 704 रूपए है। विभिन्न फर्मों को उक्त राशि का भुगतान किया गया है जबकि खरीदे गए सामान स्टाक में उपलब्ध नहीं हैं और न ही स्टाक रजिस्टर में उनकी इंट्री की गई है। लगभग 4 बिल व्हाउचर के माध्यम से फर्म सुनील मिश्रा को 21 लाख 2 हजार 635 रूपए का भुगतान निर्माण कार्य के एवज में किया गया है।जबकि उक्त निर्माण कार्य का मूल्यांकन किसी इंजिनियर द्वारा नहीं कराया गया है।वहीँ बात करें सिविल सर्जन को प्राप्त अधिकारों की तो 25 हजार से अधिक की राशि की मरम्मत ,रिपेयरिंग का अधिकार सिविल सर्जन को नहीं है जबकि 21 लाख से अधिक का भुगतान कर दिया गया है को बड़ी आर्थिक अनियमितता है।
जिला अस्पताल द्वारा 80 बिल व्हाउचर के माध्यम से विभिन्न फार्मों से 7 करोड़ 89 लाख 35 हजार 453 रूपए की खरीदी की गई है जिसमें क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया है। उक्तखरीदी में दवाईयां,मेडिकल सामान, उपकरण क्रय शामिल हैं। छत्तीसगड़ भण्डार क्रय नियम 2002 के नियम 4.3.3 के तहत खुली निविदा जारी नहीं की गई है। क्रय समिति का गठन नहीं किया गया है और न ही क्रय समिति द्वारा सामग्री का भौतिक सत्यापन किया गया है। वहीँ वित्तीय नियमों की अनदेखी करते हुए श्याम सर्जिकल व मेसर्स रायपुर साईंटिफिक को करोड़ों का भुगतान किया गया है। इसके अलावा जांच टीम को अन्य मामलों में भी आर्थिक अनियमितता मिली है जिसकी लिस्ट लम्बी है।
जिला अस्पताल में भंडार क्रय नियमों में अनियमितता करने के आरोप में ६ कर्मचारियों को निलंबित किया गया है।
महादेव कावरे, कलेक्टर जशपुर
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