कॉलेज में भी शुरु होगी पढ़ाई, चरणबद्ध तरीके से शुरु होगा अध्यापन, ऑनलाईन क्लासेस भी चलेंगी
राजनांदगांव@thethinkmedia.com
दो सत्र बीतने के बाद सोमवार से स्कूल, कॉलेजों के दरवाजे खुलने जा रहे हैं। दो साल बाद दोबारा छात्र-छात्राएं कक्षाओं में ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाई करेंगे। कोरोना संक्रमण काल के बीच संक्रमण के घटते औसत के बीच सरकार ने 2 अगस्त से स्कूल खोलने का निर्णय लिया था। 50 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति के साथ स्कूल खोले जाएंगे। 10वीं और 12वीं की कक्षाएं तो लगेंगी लेकिन बाकी कक्षाओं को लेकर स्थानीय निकाय, पंचायत निर्णय लेंगे। यह निर्णय भी 2 अगस्त को खुलने के बाद ही लिया जाएगा।
जिले के अधिकतर स्थानों पर अब भी प्राईमरी और मिडिल स्कूलों की कक्षाओं के संचालन के संबंध में निर्णय नहीं लिए गए हैं। लंबे समय बाद खुलने वाले स्कूलों में अब काफी कुछ बदला हुआ होगा। बच्चों की बैठक व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन की जाएगी। वहीं स्कूल खुलने से पहले होने वाली प्रार्थनाएं नहीं होंगी। एक दिन में 50 प्रतिशत छात्र ही कक्षा में शामिल होंगे। 50 प्रतिशत छात्र को दूसरे दिन कक्षा में आएंगे।
पालकों का एक बड़ा वर्ग बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में है। बीते दो सत्र से स्कूल से दूर रहने का बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ा है। 17 महिनों से ऑनलाईन क्लास के ही भरोसे पढ़ाई चलती रही जिसका भार भी पालकों पर ही पड़ा। दूसरी ओर शिक्षक मोहल्ला क्लास ले रहे हैं। बीते दिनों अंबागढ़ चौकी क्षेत्र में मोहल्ला क्लास में एक बच्चे की सर्पदंश से मृत्यु हो गई। शिक्षक पहले ही मोहल्ला क्लास में कई तरह की परेशानियों की बात कहते रहे हैं। ऐसे में स्कूलों का खुलना राहत का विषय भी है। पालक वर्ग इस बात पर भी जोर दे रहा है कि स्कूलों के खुलने से पहले सभी शिक्षकों के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए ताकि कोविड संक्रमण जैसे हालात न बनें।
बीते दिनों कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने 2 अगस्त से विद्यालय प्रारंभ करने के लिए की जाने वाली तैयारियों के संबंध में विकासखंड शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य एवं विकासखंड ोित समन्वयक की बैठक ली थी। कलेक्टर सिन्हा ने स्कूल खुलने के पहले सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने और स्कूलों में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए कक्षाएं लगाने के आदेश दिए थे। उन्होंने खेल शिक्षकों को आवश्यक निर्देश दिए देते हुए कहा था कि स्कूल प्रारंभ होने के साथ खेल की गतिविधियां भी प्रारंभ होगी।
17 महीने बाद फिर से लगेंगी बच्चों की ऑफलाइन क्लास
गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण की पहली लहर की शुरुआत के साथ ही पिछले साल मार्च में स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया था। वहीं अब लगभग 17 महीने बाद स्कूल-कॉलेजों में पहले की तरह ऑफलाइन क्लास लगेंगी। फिलहाल ऑनलाइन क्लासेज भी जारी रहेंगी। बता दें कि विद्यालय में छोटी क्लासों की ऑफलाइन क्लास लेने का फैसला ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत और स्कूल की पालक समिति तय करेगी। वहीं शहरी इलाकों में संबंधित वार्ड के पार्षद और स्कूल की पालक समिति की मंजूरी के बाद क्लास शुरू की जा सकेंगी।
सबसे पहले पोस्ट ग्रेजुएट की क्लास होगी शुरु
कॉलेज में 2 अगस्त से सबसे पहले पोस्ट ग्रेजुएट की क्लास शुरू होंगी। इसके बाद अंडर ग्रैज्यूएट क्लासेस 15 दिन बाद शुरू होंगी। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल-कॉलेजों में 50त्न छात्रों को आने की अनुमति होगी। इसके लिए अभिभावकों की परमिशन जरूरी होगी। स्कूल-कॉलेजों को खोलने की अनुमति उन्हीं जिलों को दी गई है, जहां पिछले 7 दिनों तक कोरोना की पॉजिटिविटी दर 1 प्रतिशत से कम रही है। वहीं सर्दी, खांसी या बुखार से पीड़ित छात्रों को ऑफलाइन क्लास में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस दौरान स्टूडेंट को स्कूल और कॉलेज में आने की अनिवार्यता नहीं होगी, स्टूडेंट चाहें तो ऑनलाइन क्लास से जुड़ सकते हैं।
पहले ही खोले जा चुके हैं कोचिंग सेंटर
स्कूलों को खोलने से पहले ही जिले में कोचिंग सेंटर खोले जा चुके हैं। जून में कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए 50 प्रतिशत छात्रों के साथ कोचिंग खोलने की इजाजत दे दी थी। उस दौरान कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले घटने का दौर शुरु ही हुआ था। मौजूदा हालात में कोविड के मामले नहीं के बराबर हैं। ऐसे में पालकों के मन में भी बच्चों को स्कूल भेजने की मानसिकता बन रही है। हालांकि अब भी एक बड़ा वर्ग अपने बच्चों को कम से कम बगैर वैक्सीनेशन के स्कूल नहीं भेजना चाहता।
वायरल का दौर भी खतरनाक
मौजूदा दौर में वायरल का असर देखने को मिल रहा है। जिले में रोजाना सैकड़ों केस सामने आ रहे हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में ही 7-8 सौ मामले वायरल के आ रहे हैं। चिकित्सकों ने खासी एहतियात बरतने की हिदायत दे रखी है। इस दौर में स्कूलों और कॉलेजों के खोले जाने पर और भी ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। हालांकि स्कूल में सर्दी, बुखार या खांसी जैसे लक्षणों वाले छात्रों को ऑफलाइन कक्षाओं में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। लेकिन शिक्षकों को सावधानी बरतने की सबसे ज्यादा होगी।
ये हैं प्रोटोकॉल
- ऑफलाइन कक्षाएं ऑल्टरनेटिव डेज में आयोजित की जाएंगी।
- 50%छात्र क्षमता के साथ स्कूल खोले जाएंगे।
- सर्दी, बुखार या खांसी जैसे लक्षणों वाले छात्रों को ऑफलाइन कक्षाओं में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- छात्रों, कर्मचारियों और शिक्षकों को सलाह दी गई है कि वे परिसर में रहते हुए सामाजिक दूरी बनाए रखें।
- मास्क पहनना, नियमित अंतराल के साथ हाथ साफ करना अनिवार्य है।
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