July 1, 2025

इतिहास का सबसे बड़ा राजस्व घाटा, कैग रिपोर्ट पर भाजपा ने कांग्रेस सरकार को लिया आड़े हाथ

रायपुर

छत्तीसगढ़ की वित्तीय हालात को लेकर कैग द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट ने भाजपा को कांग्रेस सरकार पर हमला करने का अवसर दे दिया है। भाजपा ने राजस्व घाटे को प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा घाटा करार देते हुए कहा कि यह राज्य की आर्थिक बदहाली को बताता है, वहीं राज्य सरकार के केंद्र सरकार पर पैसा नहीं देने के आरोप को झूठ करार दिया है। भाजपा नेता सीए अमित चिमनानी ने कैग रिपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मंत्री रविंद्र चौबे ने कैग की रिपोर्ट में प्रतिक्रिया देते राज्य की आय में कमी का कारण कोरोना को बताया था। जबकि कोरोना का पहला केस छत्तीसगढ़ में मार्च 2020 में आया था।

छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार राज्य 9608.61 करोड़ों रुपए के राजस्व घाटे में है। वहीं पिछले वर्ष की तुलना में राजस्व आय 1226.23 करोड़ रुपए घटा है। चिमनानी ने कहा कि पिछले 2 वर्षों में पूंजीगत व्यय में 1098 करोड़ व 337 करोड़ रुपए की कमी देखी गई। सरकार ने कुल 7265.79 करोड़ का निवेश किया. सरकार के पास 11,396 करोड़ की राशि होने के बाद भी उन्होंने बैंक से लोन लिया. यह सरकार बैंक से लोन लेकर ब्याज भर के दिवालिया होने की इच्छा रखती है। उन्होंने कहा कि 145 प्रोजेक्ट 2020 तक पूरा किया जाना था, जो पूरा नहीं हुआ है।

भाजपा नेता ने कहा कि सरकार ने राज्य की जीडीपी का 23.91 प्रतिशत का कर्ज लिया। जीडीपी ग्रोथ में 2.69त्न की गिरावट दर्ज की गई है, वहीं सरकार की आय के ग्रोथ में भी 8त्न की कमी हुई है। चिमनानी ने कहा कि सरकार दावे बड़े-बड़े करती है, लेकिन उन्होंने बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च ही नहीं किया, जिसकी वजह से 1527 करोड़ रुपए लेप्स हो गए। नियम के मुताबिक यदि सरकार कोई राशि खर्च नहीं कर पाती तो सरकार को सरेंडर करना चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार 9 हजार 608 करोड़ का राजस्व घाटा हुआ।

उन्होंने ने कहा कि सरकार न सिर्फ सरप्लस को जीरो कर रही बल्कि घाटा भी झेलना पड़ रहा है. कांग्रेस सरकार ने वित्तीय घाटे की सारी सीमाओं को लांघ दिया। भाजपा की सरकार में कभी ऐसा नहीं हुआ। प्रदेश की आय 1226 करोड़ कम हुई है। भाजपा की सरकार ने 41 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ा था, अब वो बढ़कर 80 हजार करोड़ रुपए हो गया है. सरकार ने बिना अनुमति के 6 हजार 682 करोड़ की राशि खर्च की।
चिमनानी ने कहा कि राज्य सरकार आरोप लगा रही कि केंद्र सरकार पैसा नहीं देती, ये झूठ है, प्रदेश की कुल आय का 53 प्रतिशत केन्द्र का ही दिया हुआ है, सरकार की आय में 8 प्रतिशत की कमी हुई है।

जीएसटी की राशि क्षतिपूर्ति के रूप में भी केंद्र ने 3 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि दी, कैग ने राज्य सरकार से जीएसटी के पोर्टल एक्सेस करने का अनुरोध किया, लेकिन राज्य सरकार ने कैग को जीएसटी का पोर्टल एक्सेस करने नहीं करने दिया।

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