October 14, 2025

कश्मीरियत ने सहिष्णुता को प्रोत्साहित किया: राष्ट्रपति कोविंद

श्रीनगर @cgpioneer.in
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर की भूमि पर आने वाले लगभग सभी धर्मों ने कश्मीरियत की एक अनूठी विशेषता को अपनाया जिसने रुढि़वाद को त्याग दिया और समुदायों के बीच सहिष्णुता तथा आपसी स्वीकृति को प्रोत्साहित किया। श्री कोविंद ने यहां कश्मीर विश्वविद्यालय (केयू) के 19वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मैं इस सपने को साकार करने के लिए जम्मू-कश्मीर की युवा पीढ़ी पर पूरी तरह से भरोसा कर रहा हूं, मुझे यकीन है कि ये जल्द से जल्द पूरा होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जम्मू-कश्मीर भारत के ताज के गौरव के रूप में अपना सही स्थान हासिल करने के लिए तैयार है। राष्ट्रपति ने कहा कि कश्मीर के योगदान का उल्लेख किए बिना भारतीय दर्शन का इतिहास लिखना असंभव है। ऋग्वेद की सबसे पुरानी पांडुलिपियों में से एक कश्मीर में लिखी गई थी। यह दर्शन शास्त्र के समृद्ध होने के लिए सबसे अनुकूल क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि मैं इस अवसर पर कश्मीर की युवा पीढ़ी से उनकी समृद्ध विरासत से सीखने का आग्रह करता हूं। उनके पास यह जानने का हर कारण है कि कश्मीर हमेशा शेष भारत के लिए आशा की किरण रहा है। इसका आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव पूरे भारत पर था। श्री कोविंद ने कहा कि यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की इस उत्कृष्ट परंपरा को तोड़ दिया गया। हिंसा, जो कभी ‘कश्मीरियतÓ का हिस्सा नहीं थी, एक दैनिक वास्तविकता बन गई। यह कश्मीरी संस्कृति के लिए अलग है, और इसे केवल एक विचलन कहा जा सकता है। एक अस्थायी एक, बहुत कुछ एक वायरस की तरह जो शरीर पर हमला करता है और इसे शुद्ध करने की आवश्यकता होती है। अब इस भूमि की खोई हुई महिमा को वापस पाने के लिए एक नयी शुरुआत और दृढ़ प्रयास किया जा रहा है।

आजादी के अमृत महोत्सव मेें सबकी भागीदारी हो : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों का आह्वान किया कि वे देश की आज़ादी के अमृत महोत्सव में सभी की भागीदारी सुनिश्चित करें तथा अगले 25 साल में देश में विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रतिमान स्थापित करने के लिए जनता की राय जानें। संसद के मानसून सत्र के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह आह्वान

किया। संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बैठक की जानकारी देते बताया कि श्री मोदी ने अगले वर्ष 15 अगस्त को आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर अमृत महोत्सव में सांसदों की भागीदारी का आह्वान करते हुए कहा कि लोगों ने हमें एक मौका दिया है कि हम जनसेवा के माध्यम से देशसेवा का अनुभव ले सकें। सांसदों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर व्यक्ति इससे जुड़े और कोई छूटे नहीं। श्री मेघवाल के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 में हमारा देश आज़ादी के सौ वर्ष पूर्ण करेगा। हमें सभी लोगों के ऐसे विचारों को संकलित करना होगा कि हम किस प्रकार से विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रतिमान स्थापित करें और 25 साल की कार्ययोजना तैयार करें। बाद में सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने संसद में विपक्ष द्वारा किये जा रहे हंगामे पर रोष जाहिर किया और सांसदों का आह्वान किया कि विपक्ष की इस मानसिकता को जनता के सामने उजागर करना जरूरी है कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष सदन का चलने नहीं दे रहा है।

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