October 14, 2025

सोसाइटियों में तालाबंदी : किसान पहले ही खाद की किल्लत से जूझ रहे, हड़ताल के चलते हालात और बिगड़े

सोमवार देर शाम राजधानी में प्रतिनिधि मंडल करेगा बातचीत, नहीं हुआ फैसला तो और बढ़ेंगी मुश्किलें

राजनांदगांव@thethinkmedia.com

खाद-बीज की किल्लत की समस्याओं को लेकर किसानों का आक्रोश झेल रही सरकार के लिए मुसीबतें बढ़ती ही जा रही है। जिले के सेवा सहकारी समितियों के प्रबंधक और कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के चलते 113 समितियों सहित 300 राशन दुकानों में भी कामकाज ठप्प पड़ गया है। यह हड़ताल किसानों की मुश्किलें और बढ़ाने वाली हैं। वहीं सोमवार को जिले भर में भाजपा किसान मोर्चा के बैनर तले जुटे विपक्ष के नेताओं ने भी सरकार पर जमकर हल्ला बोला है।
केंद्रीय सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालन : अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि जिले भर की सेवा सहकारी समितियों का पूरा स्टॉफ हड़ताल पर है इनमें प्रबंधक से लेकर चौकीदार तक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिले में इनकी संख्या 470 के लगभग है। उन्होंने बताया कि फिलहाल इस हड़ताल के संदर्भ में राज्य सरकार से कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। बताया जा रहा है कि सोमवार की देर शाम हड़ताली कर्मियों के संघ के प्रतिनिधि मंडल की सरकार के साथ बातचीत होनी है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में ही हड़ताल का मसला निपटा लिया जाएगा। दूसरी ओर समितियों और उनके द्वारा संचालित राशन दुकानों में तालाबंदी के हालात ने किसान और आम लोगों को परेशानी में डाल दिया है। पहले ही खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों को अब और ज्यादा डर सता रहा है। हड़ताल जल्द खत्म न होने की स्थिति में या तो खाद की कमी के चलते फसल बर्बाद होगी या फिर किसानों को अपनी पूरी कमाई बाजार से महंगी खाद खरीदने में लगानी होगी। वहीं हड़ताल के चलते गोबर खरीदी, फसल बीमा का काम भी ठप हो गया है। बताया जाता है कि जिले के किसानों के लिए 5 हजार टन यूरिया और डीएपी की जरूरत है। इतनी बड़ी मांग के बीच बीतेशनिवार को महज 700 टन खाद की आपूर्ति हुई है।

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