पुणे @cgpioneer.in
पश्चिमी महाराष्ट्र और तटीय कोंकण इलाके में शुक्रवार को भी बारिश के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है । रायगढ़ जिले के महाड तहसील में दो भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई है। राज्य भर के पर्वतीय इलाकों में पत्थर गिरने और भूस्खलन की कई खबरों के बीच प्रभावित जिलों में बचाव अभियान युद्ध स्तर पर जारी है। रिपोर्टों के अनुसार कल देर रात महाड के तैये गांव में भूस्खलन होने से लगभग 30-35 घर मिट्टी में दब गए। खराब मौसम, भारी बारिश, जलभराव, मोबाइल नेटवर्क जैसे मुद्दों ने बचाव दल को विफल कर दिया, बचाच दल सड़कों पर गिरे हुए पत्थरों को हटाने और क्षतिग्रस्त सड़कों के बीच से दुर्घटना के स्थान पर आगे बढऩे के लिए कड़ी मशक्क्त करते हुए दिखे। मृतकों की संख्या में और वृद्धि होने की आशंका व्यक्त करते हुए राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि अभी भी 15-20 लोगों का पता नहीं चल पाया है। रायगढ़ की जिलाधिकारी निधि चौधरी ने लोगों से घरों में ही रहने की अपील करते हुए कहा कि तलिये में भूस्खलन में बचाए गए लोगों के लिए पीने के पानी और भोजन की व्यवस्था की गई है। इस बीच, सतारा जिले में भूस्खलन में दो और लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि रत्नागिरी के बिरमानी गांव में इसी तरह की घटना में 17 अन्य लोगों के फंसे होने की खबर है।
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