प्रदेश में सबसे कम बारिश राजनांदगांव जिले में, खाद और बिजली की समस्या ने खेती पर असर डाला
राजनांदगांव@thethinkmedia.com
जुलाई महिने खत्म होने को है और मौसम विभाग द्वारा 1 जून से लेकर अब तक हुई बारिश के आंकड़ों बताते हैं कि राजनांदगांव जिले में सबसे कम बारिश हुई है। खेती के जून और जुलाई का वक्त ही सबसे ज्यादा जरुरी होता है और इस दौरान किसान अच्छी बारिश की आस लगाए रखते हैं। अनुमान लगाया गया था कि इस बार सामान्य बारिश होगी और इसका फायदा फसलों को होगा। लेकिन मॉनसून के तेवर वैसे नहीं रहे जैसी उम्मीद थी।
01 जून से आज 22 जुलाई तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार राजनांदगांव जिले में सबसे कम 304.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। यह पूरे प्रदेश में सबसे कम है। जबकि जून में यह आंकड़ा काफी बेहतर था। बारिश के भरोसे खेती करने वाले किसानों के लिए यह हालात किसी भी सूरत में बेहतर नहीं है। खेतों में दरार दिखने लगीं तो उनकी चिंता और बढ़ गई। बहरहाल बीते दो दिनों में बारिश के हालात सुधरें हैं लेकिन अब भी यह काफी नहीं है।
मौसम का अनुमान लगाने वाली विभिन्नों एजेंसियों के आंकलन के अनुसार आने वाले दिन बारिश के लिए बेहतर हैं और इसका फायदा किसानों को होगा। जुलाई के इस आखिरी दिनों के अलावा अगस्त में भी बेहतर बारिश की संभावनाएं जताई गई है। बीते दो दिनों से हो रही बारिश ने भी उम्मीद बढ़ा दी है।
बारिश से इतर किसान खाद और बीज की किल्लत से जूझ रहे हैं। जिलेभर के अलग-अलग हिस्सों से किसानों की शिकायत सामने आ रही है। खाद न मिलने के चलते आक्रोश बढ़ रहा है। दूसरी ओर खबरें यह भी सामने आ रही है कि किसानों को कम खाद देकर उनके हिस्से की शेष खाद को सोसाइटियों से निकालकर बाजार में बेचा जा रहा है। एक ओर खाद का संकट और दूसरी ओर यह कालाबाजारी परेशानी का बड़ा सबब बन गई है। बताया जाता है कि यूरिया, डीएपी सहित कई तरह की खाद बाजार में ही मिल पा रही है। सोसाइटी से किसानों को या तो खाद मिल ही नहीं रही है या फिर उन्हें कम मात्रा में खाद उपलब्ध करवाई जा रही है।
खाद-बीज में घोटाला
शिकायत है कि गोदाम में स्टॉक होने के बाद भी किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है। उन्हें कुछ मात्रा में ही खाद देने के बाद पोर्टल में एंट्री ज्यादा तादाद में की जा रही है। किसानों ने इसे लेकर उन्हें एसएमएस के माध्यम से मिलने वाली सूचना साझा की है। किसानों ने बताया कि उन्होंने दो बोरी ही खाद ली लेकिन एमएमएस में दर्जन भर बोरी खरीदे जाने की सूचना मिल रही है। इस मामले में सोयाइटियों में गफलत किए जाने की आशंका है। केंद्रीय सहकारी बैंक के अधिकारियों ने अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है।
बिजली की कटौती भी झेल रहे
किसान सिर्फ दो मुद्दों पर ही नहीं जूझ रहे हैं बल्कि बिजली विभाग भी उनके परेशानी बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। गाहे-बेगाहे बिजली गुल होने के चलते पंप के सहारे सिंचाई करने में दिक्कतें आ रही है। बिजली की समस्या को लेकर सत्तादल के विधायक भी परेशान हैं। खुज्जी विधायक छन्नी साहू ने तो अधिकारियों को लताड़ते हुए उन्हें बिजली व्यवस्था बदहाल कर देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि न जाने विभाग को ऐसी कौन सी समस्या है जिसके चलते वे लगातार बिजली की कटौती कर रहा है। इसका असर किसान और आम लोगों पर पड़ रहा है जिससे उनकी दिक्कतें भी बढ़ रही है। बावजूद बिजली की समस्याओं से छूटकारा नहीं मिल रहा है।
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