October 13, 2025

दूसरे दिन भी नहीं चली लोकसभा की कार्यवाही

नई दिल्ली @cgpioneer.in
संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन टेलीफोन टैपिंग, महंगाई, किसान एवं डीजल पेट्रोल के दामों को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। अपराह्न तीन बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के आसपास आ गये। पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने एवं सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये। श्री सोलंकी ने हंगामा नहीं थमता देख कर सदन की कार्यवाही गुरुवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई कांग्रेस तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। वे जासूसी के कथित आरोपों, महँगाई, किसानों से जुड़े मसलों तथा अन्य मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहे थे। श्री बिरला ने विपक्षी सदस्यों से शांति बनाये रखने की अपील की और प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू की। कृषि एवं कृषक कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने शोर-शराबे के बीच ही आधुनिक कृषि से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर दिया। इस बीच विपक्ष के कुछ सदस्य हाथों में तख्तियाँ लिए सदन के बीचों-बीच आ गये। श्री बिरला ने एक बार फिर उनसे शांति बनाये रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि सदन में तख्तियाँ लाना नियम-प्रक्रिया के अधीन नहीं है। कृपया सदस्य नारेबाजी और तख्तियाँ दिखाना बंद करें। उन्होंने कहा आप जिस भी मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं, सरकार चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन जब विपक्षी सदस्यों पर उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ तो उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे जैसे ही सदन समवेत हुआ, कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने सदन के बीचोंबीच आकर शोर शराबा किया और कार्यवाही को बाधित किया। हंगामे के बीच पीठासीन अधिकारी किरीट प्रेमजी भाई सोलंकी ने विभिन्न मंत्रालयों और समितियों के कामकाज से जुड़े महत्वपूर्ण कागजात सभापटल पर रखवाए। इस बीच विपक्षी दलों के सदस्य अपना विरोध दर्ज कराते हुए हाथों में तख्तियां लेकर पीठासीन अधिकारी के सामने आ गए। श्री सोलंकी ने हंगामा कर रहे सदस्यों से आग्रह किया कि यह मानसून सत्र बेहद महत्वपूर्ण है कृपया सदन में शांति बनाएं रखें। इस दौरान भी हंगामा जारी रहने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के स्थगित कर दी थी।
मोदी का पलटवार, ‘विपक्ष चर्चा से भाग रहा है
संसद के मानसून सत्र में विपक्ष के तीखे तेवरों पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी में सरकार की सफलता से विपक्ष निराश है और इसीलिये वह इस पर चर्चा से भाग रहा है। मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड की महामारी हमारे लिये कोई राजनीतिक नहीं बल्कि एक मानवीय मुद्दा है। बीती एक सदी में ऐसा पहली बार हुआ कि जब आबादी के बड़े हिस्से को अनाज दिया गया और हम इसे सफलतापूर्वक कर पाये। यह काम हमने दया या उपकार की भावना से नहीं बल्कि कर्तव्य भाव से किया है।
प्रधानमंत्री ने अपनी विफलता का ठीकरा फोड़ा स्वास्थ्य मंत्री पर : कांग्रेस
कांग्रेस ने सरकार पर कोरोना महामारी से निपटने में हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि समस्याओं का समाधान करने में असमर्थ रहे प्रधानमंत्री ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री को बलि का बकरा बना दिया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने मंगलवार को कोरोना महामारी के कारण देश में उत्पन्न स्थिति पर सदन में चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि देश की जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पूरी तरह विश्वास जताया था लेकिन प्रधानमंत्री ने भरोसा तोड़ा और लोगों को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि मोदी ने लोगों से अपील की तो उन्होंने थाली भी बजायी और ताली भी बजायी तथा दीया भी जलाया। घरों में कैद भी रहे। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से क्या मिला लोगों की मौत के आंकड़े भी सही नहीं बताये जा रहे।

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