धान का पौधा एवं अंकुरित बीज सुखने लगा, उमस एवं गर्मी बढ़ी
सरसींवा@thethinkmedia.com
क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से बारिश नही होने के कारण धान का पौधा एवं अंकुरित बीज सुखने लगा है जिससे किसान चिंचित नजर आ रहे हैं। वही बारिश नही होने के कारण उमस एवं गर्मी बढ़ गया है जिससे आम जनता हलकान दिख रहे हैं।
अंचल के किसानों क्रमश: गोपाल पांडेय, सखाराम, मोरध्वज, भुगेश्वर, धनीराम, जगतराम, देवप्रसाद इत्यादि का कहना है कि इस वर्ष मानसून समय पर आ गया था जिससे हम खुश थे कि इस वर्ष अच्छी बारिश होगी और फसल भी अच्छा होगा पर पिछले 15 दिनों से बारिश नही होने के कारण धान का छोटा पौधा सुख गया है ,अंकुरित बीज भी सूखने लग गया है साथ ही खेतों में दरारें आना शुरू हो गया है। शुरू में अच्छी बारिश होने से सभी किसान बोनी कार्य कर चुके थे। जिसको रोपा बोना था वे भी किसान थरहा लगा लिए है अब वह धान का पौधा बढ़ गया है जिससे रोपा लगाना जरूरी हो गया है पर बारिश नही होने के कारण खेत सुख गए हैं जिससे रोपा लगाना मुश्किल हो गया है वही पौधा बियासी के लायक भी हो गया है पर खेतों में पानी नही होने के कारण बियासी नही हो पा रहा है जिससे खेतों में कई प्रकार के खरपतवार उग आए हैं। जिससे भी धान के पौधा का नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि जुलाई में बारिश नहीं हो रही है तो आने वाले समय में यह परेशानी का सबब बन सकती है आगे चलकर नदी नालों एवं तालाबो में पानी नही भरने से पेयजल एवं निस्तारी की समस्या उत्पन्न हो सकता है।
मौसम विभाग हर दिन बारिश की चेतावनी दे रहा है लेकिन एक बूंद भी पानी नहीं गिर रहा है। मौसम विभाग के अनुमान ही फेल हो रहे हैं। जिससे किसान वर्ग खेती किसानी से चिंतित दिख रहे हैं धान की फसल लग गई है लेकिन पानी की सख्त जरूरत है। पर अंचल में पिछले 15 दिनों से बारिश नहीं हुआ है। बारिश नही होने से उमस एवं गर्मी भी बढ़ गया है जिससे लोग हलाकान हो रहे हैं और कई प्रकार के छोटी बड़ी बीमारियों एवं समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है। जुलाई में बारिश नहीं हो रही है तो आने वाले समय में यह परेशानी का सबब बन सकती है।
More Stories
एस्सेल माइनिंग की दो कोयला खदानों को निष्पादित करने में भारत में इस वर्ष कोयले की कमी हो जाएगी
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय में स्मार्ट इंडिया हैकथॉन-2023
युवाओं को दरकिनार करना लोकसभा चुनाव में भी पड़ सकता कांग्रेस पर भारी – अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)