नई दिल्ली @cgpioneer.in
संसद के मानसून सत्र की पूर्व संध्या सर्वदलीय बैठक में सरकार ने आश्वासन दिया कि वह विपक्ष के हर मुद्दे पर सार्थक एवं स्वस्थ चर्चा के लिए तैयार है बशर्ते वह शांतिपूर्ण ढंग से संसदीय परंपरा एवं नियमों के अनुरूप हो। संसदीय सौध में ढाई घंटे से अधिक समय तक चली इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में यह आश्वासन दिया। सर्वदलीय बैठक के समाप्त होने के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े की अध्यक्षता में विपक्षी नेताओं ने एक अलग कक्ष में अपनी रणनीति को लेकर बैठक की। सूत्रों के अनुसार किसानों के आंदोलन, महंगाई, बेरोजगारी, पेट्रोल डीजल के दाम और कोरोना महामारी के संकट को लेकर विपक्ष के तेवर कड़े हैं और शुरूआत में दोनों सदनों में गतिरोध देखा जा सकता है। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि मानसून सत्र के मद्देनजर 33 दलों के 40 से अधिक नेताओं ने सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लिया तथा किन विषयों पर चर्चा होनी चाहिए, इसके सुझाव दिये। अंत में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों खासकर विपक्षी सांसदों के सुझाव महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि वे ज़मीन से आते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सुझावों को चर्चा में शामिल करने से बहस समृद्ध होती है। जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने चाहा है कि सार्थक और स्वस्थ चर्चा होनी चाहिए। चर्चा शांतिपूर्ण एवं नियमों के अंतर्गत होनी चाहिए। सदस्य लोकतंत्र की परंपरा को मन में रखते हुए जो मुद्दे उठाना चाहते हैं, सरकार नियम प्रक्रिया से सभी पर चर्चा कराने के लिए तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि सरकार ने विपक्षी दलों
को चर्चा से संबधित मुद्दों पर सुझाव देने को कहा है और उन
पर कार्यमंत्रणा समिति में निर्णय लिया जाएगा।
सभी को चर्चा के लिए पर्याप्त अवसर एवं समय देंगे: बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संसद के मानसून सत्र में वह नियमों के तहत सरकार एवं विपक्षी दलों के बीच सहमति से किसी भी मुद्दे पर चर्चा कराने का पर्याप्त अवसर एवं समय देंगे। श्री बिरला ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र की पूर्वसंध्या पर संसद के पुस्तकालय भवन में हुई सर्वदलीय बैठक में यह बात साफ कर दी। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और विभिन्न दलों के नेता उपस्थित थे। करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक के बाद श्री बिरला ने संवाददाताओं से कहा कि मानसून सत्र की कार्यवाही कोविड प्रोटोकोल एवं स्वास्थ्य मानकों के हिसाब से करायी जायेगी। सभी दलों के नेताओं से चर्चा हुई है, विभिन्न मुद्दों को उठाने की मांग की गयी है। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि विपक्ष एवं सरकार परस्पर सहमति से सार्थक चर्चा हो। सदस्यों को उसमें भाग लेने का पर्याप्त मौका मिले। इसी तरह से उन्हें विधायी कार्यवाही में पर्याप्त समय एवं अवसर मिले। जिस प्रकार से पिछले सत्र उत्पादकता के मामले में उपयोगी रहे हैं, उसी प्रकार से यह सत्र भी उत्पादक हो तथा सदस्यों को जनहित एवं राष्ट्रहित के मुद्दे उठाने का अधिक से अधिक अवसर मिले। श्री बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा के अब तक के सत्रों की उत्पादकता 122 प्रतिशत रही है। कुल 107 विधेयक पारित हुए हैं। आशा है कि यह सत्र भी सफल रहेगा और सभी दलो का अपेक्षित सहयोग मिलेगा। बैठक में कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, बसपा के ऋतेश पांडेय, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के ई टी मोहम्मद बशीर, लोकजनशक्ति पार्टी के पशुपति कुमार पारस, अपना दल की अनुप्रिया पटेल आदि शामिल थे।
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