October 13, 2025

अतिक्रमणकारी की शिकायत पर पुलिसिया कार्रवाई से भड़के ग्रामीण

छुरिया@thethinkmedia.com

पुलिस चौकी चिचोला में सैकड़ों ग्रामीण महिला-पुरुषों धमक पड़े। मामला विकासखंड के ग्राम बिसाहूटोला का है। यहां शासकीय जमीन पर अतिक्रमण और मनरेगा के कार्यों में कुछ लोगों द्वारा बाधा पहुंचाने की शिकायतें हैं। दूसरी ओर जिस पर आरोप लग रहे हैं उसने पुलिस चौकी में कुछ ग्रामीणों के खिलाफ अपनी जमीन पर लगाई गई फसल खाने मवेशियों को छोड़ देने का मामला दर्जकरवाया है। इस मामले में पुलिस ने नोटिस जारी की है। इसका ही विरोध करने बड़ी तादाद में ग्रामीण पुलिस चौकी पहुंचे थे।
मामला शासकीय भूमि खसरा नंबर 22 रकबा 0. 640 हेक्टेयर की 11 डिसमिल जगह पर अवैध कब्जे को लेकर शुरु हुआ। दरअसल इस जगह पर नया तालाब बनाया जाना है। इसकी स्वीकृति मिल चुकी है। यहां 11 डिसमिल जमीन में बापूटोला निवासी मन्नूलाल पिता बुधराम यादव द्वारा अवैध कब्जा किया गया है। ग्रामीणों की शिकायत पर यहां दो बार सीमांकन हो चुका है और दोनों ही बार कब्जाधारी को कब्जा छोडऩे के निर्देश दिए गए हैं। तहसीलदार ने मौखिक आदेश देते हुए उसे कब्जा हटाने कहा था। अतिक्रमणकारी द्वारा कब्जा न हटाने के बाद ग्रामीणों ने यहां उसके द्वारा रोपी गई फसल मवेशियों के हवाले कर दी। जिसके बाद 15 जुलाई को उसने कुछ ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस में लिखित शिकायत दर्जकी। पुलिस ने बयान लेने के लिए कोटवार के हाथ ग्रामीणों को नोटिस भेजी। जिसे लेकर भी ग्रामीण पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि हमने भी कब्जा हटाने के लिए पुलिस को 13 जुलाई को आवेदन देने की कोशिश की तो इसे राजस्व का प्रकरण बता कर हमें लौटा दिया गया था और अब उसी आरोपी की शिकायत पर हम पर कार्रवाई की तैयारी हो रही है।
ग्रामीणों ने कहा कि मनरेगा कार्यमें स्टे लगवा कर हमें बार-बार मजदूरी करने से रोका जा रहा है जबकि शासन कोरोना काल में सरकार मनरेगा के माध्यम से ग्रामीणों को आर्थिक सहयोग दे रही है। उन्होंने कहा कि हम डोंगरगांव एसडीएम में शिकायत कर अवैध कब्जा को हटवाने और शासकीय कार्यमें बाधा उत्पन्न करने के लिए कठोर कार्रवाई कराने आवेदन करेंगे। दूसरी ओर चिचोला पुलिस चौकी प्रभारी आरएस सेंगर ने ग्रामीणों को समझाया और इसे राजस्व का मामला बताते हुए संबंधित अधिकारी के पास जाने की सलाह दी।

Spread the love