बालोद
जिले भर में मंगलवार से लगभग 300 बसों के पहिए थम गए हैं। बस मालिक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 13 जुलाई से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। जिसकी वजह से यात्रियों को काफी ज्यादा परेशानी हो रही है। किराये में 40 प्रतिशत की वृद्धि और आई फार्म के नियम को समाप्त करने जिले के बस संचालकों ने प्रदेश नेतृत्त्व के आव्हान पर बसों को बंद किया हैं। प्रतिदिन हजारों यात्री सफर करते हैं। सुबह से मंजिल तक जाने के इंतजार में यात्री बैठै है। बस बंद होने से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।
बसों का संचालन नहीं होने से ऑटो संचालक यात्रियों से मनमाने ढंग से किराया वसूल कर उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं। बालोद से धमतरी, दल्लीराजहरा, राजनांदगांव, दुर्ग की तरफ व उधर से आने-जाने वाले बसे बंद पूरी तरह बंद हैं। आपको बता दे कि जिले में 130 से अधिक बसें है तो वही 150 से अधिक बसे धमतरी, दुर्ग व राजनांदगांव की ओर से आवाजाही होती है।
जिसमें रोजाना हजारों की संख्या में यात्री सफर करते हैं। बसों के पहिये थमने से आवाजाही के लिए कोई साधन नही मिलने से यात्रीगण बस स्टैंड व प्रमुख चौक चौराहों में भटकते नजर आये। मामले में गुरुदेव ट्रेवल्स के संचालक श्रेणिक नाहर कि माने तो जब डीजल के दाम 65 रुपये लीटर थे तब भी किराया वही था और आज डीजल के दाम 100 रुपये तक पहुंच चुका है। तो भी किराया वही हैं। बस मालिकों ने 40 प्रतिशत यात्री किराया बढ़ाने, ऑफ रोड बसों का टैक्स माफ करने की मांग की है।
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