भाटापारा@thethinkmedia.com
स्वामी जगन्नाथ भगवान के दर्शन इस बार भी मंदिर में दूर से किए जा सकेंगे। कोविड-19 के नियमों के तहत प्रतीकात्मक निकलने वाली रथ यात्रा में मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य ही शामिल होंगे। साथ ही रथ यात्रा की दूरी भी सीमित होगी।
रथ यात्रा के लिए यह दूसरा बरस ऐसा होगा जिसमें परिक्रमा जैसा कोई आयोजन नहीं होगा। करोना काल के दूसरे बरस यह आयोजन पूरी तरह कोविड-19 के नियमों के परिपालन के बीच संपन्न होगा। मंदिर प्रबंध समिति ने नियमों के बीच ही इसे संपन्न करने की व्यवस्था कर ली है।
दूसरे साल भी रथयात्रा नहीं : कोरोना काल के दूसरे दौर में भी स्वामी जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा को अनुमति नहीं दी गई है। लिहाजा मंदिर प्रबंध समिति ने कोविड-19 के नियमों के तहत प्रतीकात्मक रथ यात्रा का फैसला लिया है। इसके तहत रथ यात्रा, मंदिर से राम सप्ताह चौक के कुछ आगे तक जाने के बाद वापस मंदिर आएगी। इस दौरान केवल प्रबंध समिति के सदस्य ही होंगे। भक्तों को दर्शन के लिए नियमों के पालन के साथ मंदिर जाना होगा।
निर्माण के बाद दूसरा बरस : स्वामी जगन्नाथ भगवान का मंदिर का निर्माण 1920 के आसपास किया जाना बताया जाता है। तब से लेकर अब तक 2020 ऐसा साल रहा जब रथयात्रा नहीं निकाली गई। महामारी के दौर में चालू बरस में यह दूसरा अवसर है। जब रथयात्रा नहीं निकाली जा रही है। आयोजन का स्वरूप प्रतीकात्मक और सीमित भक्तों की उपस्थिति में संपन्न होगा।
- कोरोना महामारी की वजह से जारी गाइडलाइन के अनुसार पूजा-अर्चना होगी। रथ यात्रा का आयोजन केवल प्रतीकात्मक होगा।
-पन्ना दास जगदीश दास वैष्णव, पुजारी, स्वामी जगन्नाथ मंदिर, भाटापारा
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