July 1, 2025

रेत ठेकेदार द्वारा नहीं किया जा रहा है पर्यावरण विभाग के निर्देशों का पालन : विद्रोही

गरियाबंद

जिले के राजिम तहसील अन्तर्गत ग्राम कुरुसकेरा नदी से रेत उत्खनन और ग्राम सुरसाबांधा में रेत भण्डारण कर परिवहन करने के लिए एक ही व्यक्ति को अनुज्ञप्ति प्रदान किया है जिनके द्वारा अनुज्ञप्ति के शर्तों का पालन न करते हुए अवैध रुप से रेत उत्खनन एवं भण्डारण कर मुनाफा बटोरा जा रहा है तो वही शासन को राजस्व नुकसान होने के साथ साथ बड़े पैमाने पर पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है।
रेत ठेकेदार के इस कृत्य को लेकर अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही ने जिला कलेक्टर गरियाबंद को जांच कर कार्यवाही करने की मांग किया है।

तेजराम विद्रोही ने पत्र में कहा है कि कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) गरियाबंद, छत्तीसगढ़ द्वारा ग्राम सुरसाबांधा प.ह.नं. 31 स्थित खसरा नबंर 322/2 रकबा 0.39 हे. क्षेत्र निजी भूमि पर साधारण रेत भण्डारण करने 19/05/2020 से 18/05/2023 तक तीन वर्ष हेतु भण्डारण करने की अनुमति दी गई है। जहां पर एक समय में खनिज भण्डारण की अधिकतम मात्रा 8600 टन है। क्रमांक पांच अनुज्ञप्ति की शर्तें की बिन्दु 10 में स्पष्ट किया है कि अस्थायी भण्डारण स्थल को पक्के तार फेंसिंग या ईट की घेरा किया जाना अनिवार्य होगा लेकिन अभी तक नहीं किया गया है। इसी प्रकार बिन्दु 11 में अनुज्ञप्तिधारी द्वारा सुरक्षा एवं प्राथमिक चिकित्सा की सभी आवश्यक व्यवस्था नियमानुसार सुनिश्चित करेगा। परंतु इसका भी पालन नहीं किया जा रहा है।

कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) गरियाबंद, छत्तीसगढ़ द्वारा ग्राम कुरुसकेरा प.ह.नं. 29 तहसील राजिम जिला गरियाबंद (छ.ग.) स्थित खसरा नंबर 01 रकबा 105.81 हेक्टेयर मे से लीज क्षेत्रफल 05 हेक्टेयर में रेत उत्खनन अधिकतम 1 मीटर की गहराई तक सीमित रखते हुए 50,000 घनमीटर प्रतिवर्ष रेत उत्खनन हेतु स्वीकृति दिया गया है। पर्यावरणीय स्वीकृति के अनुसार रेत उत्खनन मैनुअल विधि से किया जाना होता है परंतु अनुज्ञप्तिधारी द्वारा उत्खनन हेतु मशीन का उपयोग किया जाता है। पर्यावरणीय स्वीकृति के अनुसार खदान प्रबंधन द्वारा वर्ष 2021 में नदीतट के कटाव को रोकने हेतु कम से कम 200 नग प्रति हेक्टेयर लीज क्षेत्र के अनुसार अर्जुन, जामुन, बड़, पीपल, नीम, करंज, सीसू, आम, इमली, सीरस आदि अन्य प्रजातियों के कुल 1500 पौधों का रोपण नदी तट पर तथा इसके अतिरिक्त 500 नग पौधे पहुंच मार्ग में किय जाना चाहिए। रोपण को सुरक्षित रखने के लिए उपयुक्त एवं पर्याप्त व्यवस्था (यथा कांटेदार तार की बाड़ का उपयोग) किया जाना चाहिए। परंतु ऐसा नहीं किया गया है। उत्खनन एवं भण्डारण के लिए एक ही व्यक्ति अनुज्ञप्तिधारी होने से 15 जून से 15 अक्टूबर तक उत्खनन बंद होने से भी इस अवधि में अनुज्ञप्तिधारी द्वारा नियम विरुध्द उत्खनन कर भण्डारण स्थल में भण्डारण की मात्रा को नियमित बनाये रखता है जिसके विरुद्ध जांच कर कार्यवाही किया जाना अति आवश्यक है।

रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर खनिज विभाग की बड़ी कार्रवाई
जिले में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर खनिज विभाग की बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर के निर्देश पर किया गया है। खनिज अधिकारी एफएल नागेश और मृदुल गुहा ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर शुक्रवार की रात छुरा तहसील अंतर्गत ग्राम नागझर के सूखा नदी पर एक जेसीबी चैन माउंटेन मशीन तथा जिला मुख्यालय से लगे ग्राम कोदोबत्तर के आश्रित ग्राम पंटोरा में एक जेसीबी चैन माउंटेन मशीन को रेत की अवैध उत्खनन व परिवहन में संलग्न पाए जाने के कारण सील कर दिया गया है। यह कारवाई छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम के तहत प्रकरण दर्ज कर किया गया है। खनिज अधिकारी ने बताया कि अवैध उत्खनन व परिवहन करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही रेत के अवैध भंडारण करने पर ग्राम कोपरा, रजकट्टी एवं ग्राम पथरी में प्रकरण दर्ज किया गया है। कलेक्टर ने कहा है कि जिले में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर लगातार करवाई की जा रही है और आगे भी किया जाएगा । उन्होंने रेत के अवैध भंडारण करते पाए जाने पर भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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