October 13, 2025

जीपी सिंह मामले में कूदा विपक्ष, कौशिक ने कहा दस्तावेज सार्वजनिक करें

रायपुर@thethinkmedia.com

निलंबित एडीजी जीपी सिंह ने अब हाईकोर्ट में गुहार लगाई है। जानकारी अनुसार दाखिल याचिका में उन्होनें अपने खिलाफ मामला दर्ज किए जाने को चुनौती देते हुए, सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। जी पी सिंह ने राज्य सरकार पर द्वेष पूर्वक कार्यवाही करने का आरोप लगाया है। सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुझसे सीनियर अधिकारियों ने पहले गलत काम करने कहा और जब मैने सहयोग नहीं किया तो झूठी एफआईआर दर्ज कर दी। बहरहाल सिंह ने अभी तक यह खुलासा नहीं कि सीननियर अधिकारियों द्वारा किस तरह के गलत काम करने को उन्हे कहा गया, न ही अभी तक किसी अधिकारी के नाम का उन्होनें जिक्र किया है। मिली जानकारी अनुसार उन्होनें याचिका में कहा कि जिस डायरी के आधार पर राजद्रोह का केस किया किया गया है ,वह उन्होने ही लिखी है, डायरी लिखने का शौक है, डायरी काफी पुरानी है जिसे नाले में फेक दिया था , जिसे एसीबी के अधिकारियों ने निकाला है।जिसमें जानकारी भी अस्पष्ट है जिसके आधार पर एफआईआर गलत है। इस पूरे मामले की सीबीआई जांच हो।

दस्तावेज सार्वजनिक करें सरकार : कौशिक

इस घटना में अब विपक्ष भी कूद पडा है नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का बयान सामने आया है उन्होनें कहा कि सरकार को मिले दस्तावेज सार्वजनिक करना चाहिए। कौशिक ने काह कि यदि ऐसा है तो ये गम्भीर मामला है। छत्तीसगढ की जनता जानना चाहती है कि छापे के दोरौन कौन-कौन से दस्तावेज मिलें हैं। जिसके आधार पर जीपी सिंह पर राजद्राह का मुकादमा दर्ज किया गया है। दस्तावेज का दिखाना चाहिए।

छत्तीसगढ में राजद्रोह का पहला मामला

छत्तीसगढ राज्य में किसी भी आईएएस, आईपीएस तथा आईएफएस में से यह पहला मामला है जब किसी अफसर के उपर राजद्रोह का माममा दर्ज किया गया है। इसके पहले राजद्रोह का मामला किसी भी अधिकारी के उपर नहीं दर्ज हुआ है। सीएम भूपेश ने भी दी प्रतिक्रिया-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जीपी सिंह मामले को लेकर प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यवाही छापे में मिले दस्तावेज के आधार पर की गई है।

क्या है पूरा मामला

1 जुलाई (गुरुवार) सुबह 6 बजे एसीबी और ईओडब्ल्यू की जांच टीम जीपी सिंह के सरकारी बंगले में दाखिल हुई थी। करीब 75 घंटे की छापेमार कार्रवाई में 10 करोड रुपये से अधिक की सम्पत्ति का खुलासा एसीबी ने किया। इसी आधार पर एसीबी ने जीपी सिंह पर धारा 13 (1) बीए 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम यथा संशोधित 2018 के तहत केस पंजीबद्ध किया था। इसके बाद जीपी सिंह के काली कमाई का परत दर परत खुलासा होते गया। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम उन खातों की लिस्टिंग, पैसा कहां से आया किसने दिया, इन पहलुओं की जांच की।

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