October 14, 2025

देश भर में 1500 ऑक्सीजन प्लांट्स लगाए जाएंगे : मोदी

नई दिल्ली @cgpioneer.in
कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। देश में मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हाईलेवल मीटिंग की और 1,500 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने का आदेश दिया। इन प्लांट्स को देश भर के अलग-अलग हिस्सों में स्थापित किया जाएगा। पीएम मोदी ने इस मीटिंग में अधिकारियों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि ये जल्दी से जल्दी काम करना सुनिश्चित कर दें। इसके साथ ही मीटिंग में पीएम मोदी ने हॉस्पिटल स्टाफ को ऑक्सीजन प्लांट के संचालन और रखरखाव के लिए जरूरी ट्रेनिंग दिए जाने पर भी जोर दिया। इन ऑक्सीजन प्लांट्स की फंडिंग पीएम केयर्स फंड से की जाएगी। इससे देश में 4 लाख ऑक्सीजन बेड तैयार करने में मदद मिलेगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस अहम मीटिंग में कहा कि हर जिले में ऐसे कुछ लोग होने चाहिए, जिन्हें ऑक्सीजन प्लांट्स के संचालन और रखरखाव के लिहाज से ट्रेनिंग दी जाए। भारत में मार्च से लेकर मई तक चली कोरोना की दूसरी लहर में बड़े पैमाने पर कोरोना के केस मिले थे। यही नहीं पहली लहर के मुकाबले इस बार ऑक्सीजन की कमी के मामले बहुत ज्यादा देखने को मिले थे। वहीं मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु समेत देश के तमाम शहरों में मेडिकल ऑक्सीजन, वेंटिलेटर बेड्स आदि तक की कमी पड़ गई थी। पीएम मोदी की यह हाईलेवल मीटिंग देश में तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच हुई। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अगस्त-सितंबर में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। ऐसे में सरकार देश में दवाओं और ऑक्सीजन जैसे जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में जुट गई है। इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम तस्वीरों और वीडियो में देख रहे हैं कि सभी लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों पर बिना मास्क और बिना सामाजिक दूरी बनाए घूम रहे हैं। यह अच्छा नजारा नहीं है और इससे हममें डर की भावना पैदा होनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे समय में लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एक गलती के दूरगामी प्रभाव होंगे और कोरोना पर काबू पाने की लड़ाई कमजोर होगी। सभी को यह याद रखना चाहिए कि कोरोना का खतरा टला नहीं है। कई अन्य देशों में संक्रमण में वृद्धि देखी जा रही है। वायरस भी म्यूटेट कर रहा है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना से बचाव के लिए अब तक 1.04 करोड़ टीके लगाए गए
रायपुर। कोरोना से बचाव के लिए छत्तीसगढ़ में अब तक एक करोड़ तीन लाख 84 हजार टीके लगाए गए हैं। आबादी के हिसाब से टीकाकरण कवरेज के मामले में छत्तीसगढ़ देश के कई बड़े राज्यों से आगे है। प्रदेश में तीन लाख नौ हजार स्वास्थ्य कर्मियों, तीन लाख 16 हजार फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 48 लाख 20 हजार और 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 31 लाख 32 हजार नागरिकों को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। वहीं दो लाख 41 हजार स्वास्थ्य कर्मियों, दो लाख 15 हजार फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 12 लाख 68 हजार तथा 18 से 44 आयु वर्ग के 82 हजार 724 लोगों को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं। प्रदेश में 91 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, शत-प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 82 प्रतिशत नागरिकों और 18 से 44 आयु वर्ग के 23 प्रतिशत युवाओं ने कोरोना से बचाव का पहला टीका लगवा लिया है। वहीं 71 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, 73 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक के 22 प्रतिशत लोगों ने दोनों टीके लगवा लिए हैं। प्रदेश की करीब 30 प्रतिशत आबादी को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। छत्तीसगढ़ इस मामले में देश के कई बड़े राज्यों से आगे है। बिहार, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडि़शा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान की तुलना में छत्तीसगढ़ में टीकाकरण का कवरेज ज्यादा है। देश में टीकाकरण का राष्ट्रीय औसत करीब 22 प्रतिशत है। प्रदेश में 8 जुलाई को टीकाकरण के बाद अभी एक लाख 98 हजार 890 टीके उपलब्ध हैं। इनमें एक लाख 61 हजार 230 टीके कोविशील्ड के और 31 हजार 660 टीके कोवैक्सीन के हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए किए गए प्रभावी उपायों से प्रदेश में संक्रमण अभी नियंत्रण में है। 8 जुलाई की स्थिति में संक्रमण की दर एक प्रतिशत है। मार्च के आखिरी सप्ताह में प्रदेश की पॉजिविटी दर 8.5 प्रतिशत, अप्रैल में 30 प्रतिशत तथा मई के अंतिम सप्ताह में 4 प्रतिशत थी।

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